30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एमपी के बड़े कारोबारी पर EOW का शिकंजा, लुक आउट सर्कुलर जारी

EOW Raid Bhopal: राजधानी में धोखे का धंधा कर रहे कारोबारी पर कार्रवाई, रियल एस्टेट कारोबारी राजेश शर्मा पर ईओडब्ल्यू ने कसा शिकंजा, किसान की जमीन हड़पी, रुपए उड़ाए, शर्मा को ढूंढ़ रही एजेंसी, लुकआउट सर्कुलर जारी पांच नोटिस भेजे, नहीं दिया कोई जवाब, इथियोपिया में होने की मिल रही जानकारी

3 min read
Google source verification
MP News Rajesh Sharma

MP News : इनसेट एमपी का रियल एस्टेट कारोबारी राजेश शर्मा (फोटो सोर्स: पत्रिका)

MP News: किसान की बेशकीमती जमीन की रजिस्ट्री कम कीमत में कराने और दो करोड़ रुपए हड़पने के मामले में रियल एस्टेट कारोबारी व त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के मालिक राजेश शर्मा पर ईओडब्ल्यू ने शिकंजा कसा है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने दर्ज केस में जांच में सहयोग नहीं करने पर शर्मा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। 9 जून को ईओडब्ल्यू ने केस दर्ज किया। पूछताछ के लिए उसे पांच नोटिस भेजे। बताते हैं, केस दर्ज होने से पहले तीन और केस दर्ज करने के बाद दो नोटिस भेजे गए। लेकिन पांचों ही नोटिस का कारोबारी शर्मा ने जवाब नहीं दिया।

सूत्रों की मानें तो जांच एजेंसी को राजेश शर्मा के देश से बाहर जाने का इनपुट मिला है। संभवत: वह इथियोपिया में है। इस जानकारी के बाद ही ईओडब्ल्यू ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया है।

ये है मामला

रातीबड़ के किसान चिंतासिंह मारण ने ईओडब्ल्यू में राजेश शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की थी। उन्हाेंने कहा, रातीबड़ में कृषि भूमि खसरा-०१ की १२.४६ एकड़ जमीन हाईकोर्ट के आदेश से नामांतरण के बाद मेरे नाम से दर्ज हुई। उसे साजिश कर शर्मा और उनकी पार्टनरशिप फर्म ट्राइडेंट मल्टी वेंचर्स ने धोखे से विक्रय पत्र पर दस्तखत कराकर हड़प लिए। जो २ करोड़ रुपए खरीदार ने खाते में जमा किए, उसे भी धोखे से निकाल लिए।

7 को सुनवाई, तब तक नहीं होगी गिरफ्तारी

आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) द्वारा नौ जून को दर्ज एफआइआर निरस्त करने के लिए राजेश शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। इस पर 24 जून को सुनवाई हुई। दोनों पक्षों के वकीलों ने 10 दिन का समय मांगा। अब अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी। तब तक कोर्ट ने राजेश शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगाई है।

पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड, वह पत्नी राधिका शर्मा के साथ मिलकर ट्राइडेंट मल्टी वेंचर्स चलाता है। इसका फर्जी लेन-देन में इस्तेमाल किया।

वो तीन चेहरे जिन्होंने किसान की जमीन हड़प ली

1.राजेश शर्मा-

पहले किसान की भूमि का नामांतरण कराया, फिर १२ जून २०२३ को अपने घर पर फर्जी तरीके से विक्रय पत्र का पंजीयन कराया।

शर्मा ने आइसीआइसीआइ बैंक में किसान के नाम से खाता खुलवाया, सहयोगी राजेश तिवारी के मोबाइल नंबर और ई-मेल दर्ज कराए।

विक्रय पत्र के अनुसार २.८६ करोड़ में से १.३६ करोड़ से अधिक रुपए इसी खाते में जमा किए और राजेश तिवारी के खाते में ट्रांसफर कर ली।

2.राजेश कुमार तिवारी-

● राजेश शर्मा का नजदीकी सहयोगी है। डिजिटल लेन-देन और फर्जी बैंकिंग ऑपरेशन में एक्टिव था।

● आइसीआइसीआइ बैंक नेहरू नगर में किसान के नाम से खाते में अपना मोबाइल नंबर और ई-मेल दर्ज कराया। खाता उसी ने ऑपरेट किया।

● फर्जी बैंकिंग कर1.36 करोड़ रु. से अधिक रुपए निकाल लिए।

3दीपक तुलसानी-

● ट्राइडेंट फर्म का अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता है। इसलिए विक्रय पत्र में खरीदार के नाम पर उसका नाम दर्ज है। हालांकि रजिस्ट्री में पार्टनर की हैसियत से दस्तखत किए, जबकि ऐसा नहीं था।

● उसने विक्रय पत्र में बतौर खरीदार दस्तखत किए।

● वह सिर्फ कागजी चेहरा है, वह राजेश शर्मा के फर्जीवाड़े में शामिल था।

लुकआउट सर्कुलर?

लु कआउट सर्कुलर एक नोटिस है। इसे कानून प्रवर्तन एजेंसियां जारी करती हैं। किसी को देश छोड़ने से रोकने या उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इसे जारी किया जाता है। यह जारी होते ही उसकी जानकारी एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर भेज दी जाती है। ताकि देश छोड़ने की स्थिति में उसकी धरपकड़ हो सके।

पहले भी हुई है छापामारी


दिसंबर-2024 में राजेश शर्मा और उसके पार्टनर के 52 ठिकानों पर आयकर ने छापे मारे थे। शर्मा के ठिकानों से 3 करोड़ रुपए, जमीन के दस्तावेज और कई लॉकर मिले थे।

ये भी पढ़ें: नाले से पिस्टल मिली, नहीं मिला लैपटॉप, तीनों आरोपियों को शिलांग ले गई मेघालय पुलिस