
लापरवाही जानलेवा है : अस्पताल में भर्ती 17% लोगों ने नहीं लगवाई वैक्सीन, सामने आ रहे ये कॉम्प्लिकेशन
भोपाल. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के अस्पतालों में भर्ती 103 मरीजों में से 18 मरीजों को नैक्सीन का कोई डोज नहीं लगा है। वहीं, 80 मरीज पूरी तरह वैक्सीनेटेड हैं। प्रदेशभर में अस्पताल में भर्ती 803 मरीजों में से 139 मरीजों ने अब तक जैक्सीन नहीं ली। जिन 18 लोगों को वैक्सीन नहीं लगी, उनके लक्षण पहली और दूसरी लहर के समान ही हैं। इन्हें फेफड़ों में संक्रमण के साथ सांस लेने में दिक्कत हो रही है। वहीं, बाकी के मरीजों की स्थिति अपेक्षाकृत बहुत ठीक है।
वैक्सीनेशन शुरू होने के एक साल होने के बावजूद लोग अब भी इससे कतरा रहे हैं। वहीं, कोरोना की तीसरी लहर में पॉजिटिव होने वाले मरीजों में 17 फीसदी मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक कोरोना टीका ही नहीं लगवाया है। यह चौंकाने वाली जानकारी स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट से सामने आई है।
टारगेट से तीन लाख ज्यादा वैक्सीनेशन
हारानी की बात तो ये भी है कि, भोपाल में वैक्सीनेशन टारगेट से तीन लाख ज्यादा हो चुका है, इसके बावजूद सेंटर पर ऐसे लोग पहुंच रहे हैं, जिन्होंने अबतक एक भी टीका नहीं लगवाया है। अधिकारियों का कहना है कि, वैक्सीनेशन के लिए 19.50 लाख का लक्ष्य रखा गया था। शहर में बाहरी लोग भी बड़ी संख्या में रहते हैं, जिससे शहर का संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. पराग शर्मा का कहना है कि, वैक्सीन ही वायरस के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी डेवलप कर रही है। वायरस के शरीर में प्रवेश करते ही टी सेल्स एक्टिव हो जाते हैं, जो वायरस को रोकने का काम करते हैं। वैक्सीन लगने के बाद वायरल इंफेक्शन होता है, लेकिन गंभीर नहीं हो पाता। इसलिए वैक्सीन तो सबके लिए जरूरी है।
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Published on:
19 Jan 2022 04:16 pm
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