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बिना नोटिस के उजाड़े सैकड़ों आदिवासियों के घर, सीएम और केंद्रीय मंत्री भड़के

tribal homes demolished: एमपी में बिना नोटिस-सुनवाई 100 से ज्यादा घर तोड़े गए, जिससे हजारों आदिवासी सड़क पर आ गए। अफसरों की इस मनमानी से अब सीएम मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान में खासी नाराजगी है। (MP News)

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भोपाल

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Akash Dewani

Jun 29, 2025

tribal homes demolished in mp shivraj singh angry MP News

tribal homes demolished in mp shivraj singh angry (फोटो सोर्स- शिवराज सिंह चौहान सोशल मीडिया)

forest encroachment eviction: बारिश के दौर के बीच प्रदेश में वन भूमि को अफसरों ने अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्रवाई तेज कर दी। जिला प्रशासन और वन विभाग के अफसरों पर आरोप लग रहे हैं कि डिंडौरी, सीहोर, बैतूल के बाद देवास के खिवनी में बिना नोटिस-सुनवाई 100 से ज्यादा मकान तोड़े गए। (tribal homes demolished)

बारिश में ऐसी कार्रवाई नहीं होती, पर अफसर नहीं मान रहे। इससे लोग बेघर हो रहे हैं। इस पर शनिवार को सीएम मोहन यादव संज्ञान लिया, अफसरों से कहा, ऐसा नहीं चलेगा। बारिश में किसी को बेघर नहीं किया जाएगा। उन्होंने जनजातीय कार्यमंत्री विजय शाह को रविवार मौके पर जाकर वास्तविकता देखने के निर्देश दिए।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का फूटा गुस्सा

वहीं, सीहोर में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह भी खासे नाराज हुए। वे कलेक्ट्रेट घेरने पहुंचे आदिवासियों के पास पहुंचे। उनका ज्ञापन लिया। यहां शिवराज ने कहा कि सीएम संवेदनशील हैं, अफसर गड़बड़ करते हैं। वन विभाग के अफसर सरकार की छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह बर्दाश्त नहीं होगा। मैं सीएम से बात करूंगा। मामा आपके साथ है।मैं सीएम से बात करूंगा।खेमरी में बैठकर आदिवासियों को आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे। सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। मामा आपके साथ रहेंगे।सीहोर, कलेक्ट्रेट के सामने आदिवासियों को संबोधित करते मंत्री शिवराज।

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इन नियमों का पालन नहीं होने पर चल रहा विरोध

  • अतिक्रमण हटाने से पहले भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 या धारा 33 के तहत वन अपराध दर्ज करना होता है।
  • यदि लगता है कि किसी ने अतिक्रमण किया है तो उसे भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 30-ए में नोटिस देते हैं।
  • पर्याप्त सुनवाई का मौका देने के बाद धारा 30-ए के तहत डीएफओ संबंधित को बेदखली का आदेश देते हैं।
  • इसके बाद भी यदि संबंधित अतिक्रमण नहीं हटाता है तब कार्रवाई की जाती है।

वाट्सऐप पर निर्देश, इसलिए बढ़ा हौसला

वन मामलों के जानकार अनिल गर्ग की मानें तो वन भूमि पर अतिक्रमण गलत है पर यह भी सच है कि अफसरों के संरक्षण में ही अतिक्रमण होते हैं। इसे शुरू से रोकना चाहिए। हटाने हैं तो नियमों का पालन करें। कुछ अफसर वाट्सऐप पर ऐसे निर्देश देते है। अफसर वाट्‌सऐप पर अधीनस्थों को अतिक्रमण हटाने को कहते हैं, इसलिए ऐसे विवाद हो रहे हैं। हाल ही में एक आइएफएस ने अधीनस्थों को वाट्सऐप पर कहा था, यदि संबंधित के पास वनाधिकार पट्टा भी है, तब भी उसे हटाने का प्रस्ताव बनाकर भेजें।

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देवास में अतिक्रमण हटाया, मारपीट के लगाए आरोप

देवास के खिवनी वन्यजीव अभयारण्य व आसपास के क्षेत्रों में वन अफसरों ने 22 जून को अतिक्रमण हटाया। तब से स्थिति तनावपूर्ण है। क्षेत्र के आदिवासियों ने कहा, अफसरों ने 100 से ज्यादा घर तोड़े। महिला-पुरुषों से मारपीट की। संपत्ति को नुकसान पहुंचाया खफा हजारों आदिवासी खातेगांव डाक बंगला परिसर में शुक्रवार को जुटे थे। रैली निकाली और वहीं डटे रहे। तब से प्रशासन और आदिवासियों मैं ठनी हुई है।

सीहोर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन, शिवराज ने सुनी पीड़ा

इछावर, लाड़कुई वन परिक्षेत्र में सरदार वल्लभ भाई पटेल अभयारण्य बनाने की प्रक्रिया चल रही है। वन विभाग-वन विकास निगम वनभूमि खाली करा रहा है। शनिवार को वरोध में बड़ी संख्या में आदिवासी कलेक्ट्रेट का घेराव करने पहुंचे। केंद्रीय मंत्री शिवराज कलेक्ट्रेट में दिशा की बैठक में आए थे। आदिवासियों की नारेबाजी सुन शिवराज पहुंचे और संबोधित किया। (MP News)

सबके दो-दो मकान

जिन्हें हटाया, उनके मूल मकान कहीं और हैं। जिला टास्क फोर्स कमेटी की बैठक में इन बिंदुओं पर विस्तार से बात हो चुकी है। कलेक्टर के निर्देशन में कार्रवाई हुई है।- अशोक बर्णवाल, एसीएस वन