
Former minister Bhupendra Singh constituency Khurai is also a factor in making Bina a district
Former minister Bhupendra Singh constituency Khurai is also a factor in making Bina a district मध्यप्रदेश में सागर जिले की बीना तहसील को जिला बनाने पर सियासत गर्म है। 4 सितंबर यानि बुधवार को सीएम मोहन यादव का बीना दौरा प्रस्तावित था। कहा जा रहा था कि यहां सीएम बीना को जिला बनाने की घोषणा करेंगे लेकिन पारिवारिक शोक के कारण उनका दौरा ही रद्द हो गया। इससे पहले केबिनेट की बैठक में भी बीना को जिला बनाने संबंधी प्रस्ताव टाल दिया गया था। दरअसल इस मुद्दे पर पार्टी में ही मतभेद पैदा हो गए हैं।
बीना को जिला बनाने पर बीजेपी में ही किचकिच हो रही है। इस मुद्दे पर पार्टी के कुछ बड़े नेताओं का विरोध सामने आया है। बताया जा रहा है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने खासतौर पर इसकी खिलाफत की। सोमवार को हुई अहम बैठक में उनके विरोधी स्वर के बाद ही बीना का मामला लटक गया।
मंगलवार की केबिनेट बैठक के पहले सोमवार रात को सागर जिला बीजेपी के कोर ग्रुप की बैठक हुई। सीएम हाउस में हुई इस बैठक में बीजेपी प्रदेश प्रभारी महेंद्रसिंह, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी शामिल हुए। यह बैठक बीना में संभावित उपचुनाव की तैयारी के लिए बुलाई गई थी पर इसमें बीना को जिला बनाने पर भी चर्चा हुई। भूपेंद्र सिंह ने इसका विरोध किया। इसके बाद ही केबिनेट बैठक में बीना का प्रस्ताव ही टाल दिया गया।
दरअसल बीना को जिला बनाने में पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र खुरई का भी पेंच फंसा है। बीना के जैसे ही खुरई तहसील को भी जिला बनाने की मांग दशकों पुरानी है। सागर जिले की ये दोनों तहसीलें पुरानी और विकसित तहसीलें हैं। दोनों तहसीलों में जिला बनाने की मांग पर कई दिनों से आंदोलन चल रहे हैं।
बीना को जिला घोषित किए जाने पर खुरई की जनता नाराज होगी जिससे बीजेपी को खासा नुकसान हो सकता है। राजनैतिक विश्लेषकों के अनुसार यही कारण है कि पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह बीना को जिला बनाने का विरोध कर रहे हैं। जिला बनाने की मांग को लेकर खुरई में 3 सितंबर को बंद का आव्हान भी किया गया था। तब भी पार्टी के निर्देश पर भूपेंद्र सिंह ने दखल देकर ऐन वक्त पर बंद स्थगित करवा दिया था।
बता दें कि बीना की कांग्रेसी विधायक निर्मला सप्रे बीना को जिला बनाने के वादे पर ही बीजेपी में शामिल हुई हैं। ऐसे में बीजेपी के कुछ नेता, कांग्रेस से आयातित नेताओं को अहमियत देने का भी मुद्दा भी उछाल रहे हैं।
Published on:
04 Sept 2024 08:31 pm
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