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‘आपकी गाड़ी गलत जगह पार्क है…’ ये मैसेज आपको मिनटों में कर देगा कंगाल!

MP News: साइबर सेल के रेकॉर्ड के अनुसार शहर में एक महिला डॉक्टर से इस स्कैम में 85,000 रुपए की ठगी की गई....

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: ट्रैफिक चालान भरने के नाम पर ठगी का नया तरीका सामने आया है। ये ठग भोपाल सहित देशभर में लोगों के वाट्सऐप और एसएमएस के जरिए चालान भरने के नाम पर फर्जी लिंक भेज रहे हैं। साइबर क्राइम ब्रांच के अनुसार शहर में अब तक ऐसे मामले तो दर्ज नहीं हुए हैं, लेकिन लिंक भेजकर ठगी के कई मामले दर्ज हो चुके हैं। ठग सबसे पहले लोगों को वाट्सऐप या एसएमएस पर ट्रैफिक चालान पेंडिंग का मैसेज भेजते हैं।

इसमें लिखा होता है कि आपका चालान बकाया है और तुरंत ऑनलाइन पेमेंट करें, वहीं मैसेज में एक लिंक दिया जाता है जो दिखने में सरकारी साइट जैसा लगता है, लेकिन वह फर्जी लिंक होता है। क्लिक करने से मोबाइल में एक एपीके फाइल डाउनलोड होती है। फाइल इंस्टॉल होते ही ठग आसानी से मोबाइल का पूरा डाटा और बैंकिंग डिटेल्स हासिल कर लेते हैं।

पहचाने असली चालान

एडिशनल डीसीपी साइबर क्राइम ब्रांच शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताय कि ट्रैफिक चालान का कोई भी मैसेज या नोटिफिकेशन सिर्फ अधिकृत सरकारी वेबसाइट parivahan.gov. in और mppolice.gov.in से ही आता है। वाट्सऐप पर भेजे गए लिंक या एपीके फाइल को डाउनलोड न करें, वहीं किसी भी मैसेज को क्लिक करने से पहले लास्ट में gov.in को जरूर देखें और तभी क्लिक करें।

साइबर ठगी से बचने के लिए लोगों को मेन खाता नंबर को ऑनलाइन नहीं रखना चाहिए। वहीं फोन पे, गूगल पे और व अन्य यूपीआइ इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। यूपीआइ के लिए अलग से खाता होना चाहिए। - शैलेंद्र सिंह चौहान, एडिशनल डीसीपी, साइबर और क्राइम ब्रांच

हाल में हुई ठगी

साइबर सेल के रेकॉर्ड के अनुसार शहर में एक महिला डॉक्टर से इस स्कैम में 85,000 रुपए की ठगी की गई। इसके साथ ही एक प्राइवेट कंपनी कर्मचारी के खाते से 1.20 लाख रुपए उड़ाए दिए। साइबर पुलिस का कहना है कि ज्यादातर केस में लोग लिंक पर क्लिक करके फंस जाते हैं।

यह बरतें सावधानी

  1. हमेशा ट्रैफिक चालान की जानकारी सिर्फ अधिकृत सरकारी वेबसाइट पर चेक करें।
  2. वाट्सऐप, एसएमएस या ईमेल पर भेजे गए किसी भी लिंक पर क्लिक न करें।
  3. लिंक में .gov.in नहीं है तो समझ लें कि वह फर्जी है।
  4. अंजान नंबर से आई एपीके फाइल या ऐप कभी डाउनलोड न करें।
  5. किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज की तुरंत रिपोर्ट साइबर सेल को करें।