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गैस सिलेंडर भरवाने के लिए नंबर लगाने का झंझट होगा खत्म, नॉब चालू करते ही जलने लगेगा चूल्हा

'पीएम गतिमान योजना' के पायलट प्रोजेक्ट के तहत गैस पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू, सिंतबर तक पूरा होगा काम।

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गैस सिलेंडर भरवाने के लिए नंबर लगाने का झंझट होगा खत्म, नॉब चालू करते ही जलने लगेगा चूल्हा

जल्द ही मध्य प्रदेश के एक बड़े हिस्से में रहने वाले लोगों को जल्द ही गैस सिलेंडर भरवाने एजेंसी से सिलेंडर लाने वाले का इंतजार करने की झंझट खत्म होने वाली है। बता दें कि, सूबे के अंतर्गत आने वाले 2 संभागों के 14 जिलों में जल्द ही गैस भरवाने के लिए नंबर लगाने की झंझट खत्म होने वाली है। उपभोक्ता को गैस चूल्हा जलाने के लिए सिर्फ उसका नॉब चालू करना होगा और जीवनभर उसे गैस कनेक्शन चालू मिलेगा।

दरअसल , मध्य प्रदेश के सभी 14 जिलों के भीतर पीएम गतिमान योजना के अंतर्गत घर - घर गैस पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि, सितंबर माह तक ये काम पूरा कर लिया जाएगा।

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नागपुर से जोड़ा जा रहा कनेक्शन

आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के तहत घर - घर पाइपलाइन बिछाने की योजना के तहत पहले चरण में महाकौशल और बुंदेलखंड संभागों के अंतर्गत आने वाले जिलों को चुना गया है। पहले चरण में इन्हीं 14 जिलों में घर - घर गैस पाइपलाइन बिछाने की व्यवस्था की गई है। इस संबंध में गैल इंडिया के डायरेक्टर अखिलेश जैन का कहना है कि, मुंबई से ओडिशा तक 1390 किलोमीटर की गैस पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है। मध्य प्रदेश में पाइपलाइन लाने के लिए नागपुर से कनेक्शन जोड़ा जा रहा है, जिसके तहत अबतक 317 किलोमीटर की पाइप लाइन मध्य प्रदेश में बिछाई जा चुकी है।

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बिछाई जा रही 3 तरह की पाइपलाइन

डायरेक्टर अखिलेश जैन के अनुसार, कुल 7844 करोड़ की लागत से इस योजना को पूरा करने का काम चल रहा है, जिसके तहत तीन तरह की गैस लाइन लाने का काम किया जा रहा है। इनमें सीएनजी, एलपीजी और पीएनजी गैस पाइपलाइन को मध्य प्रदेश लाया जा रहा है।

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CNG से घटेगा पॉल्यूशन

गैल इंडिया डायरेक्टर अखिलेश जैन का ये भी कहना है कि, सीएनजी पाइपलाइन आ जाने से सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, जिससे न सिर्फ लोगों को सस्ता ईंधन मिल सकेगा, बल्कि शहरों के प्रदूषण में भी भारी कमी आएगी। योजना के तहत पहले चरण में प्रदेश के 14 जिलों में गैस पाइपलाइन बिछाई जाने का काम चल रहा है। इनमें प्रदेश के जबलपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, कटनी, सिवनी, मंडला, नरसिंहपुर, डिंडोरी, बैतूल, उमरिया, सागर, दमोह शामिल हैं।