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खाद की किल्लत से राहत दिलाने सरकार ने उठाया कदम

प्रदेश में डिफॉल्टर हुई सहकारी संस्थाओं के माध्यम से भी होगा खाद का वितरण

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भोपाल. मध्य प्रदेश में बढ़ते खाद संकट के बीच प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि अब डिफॉल्टर हो चुकी सहकारी संस्थाओं के माध्यम से भी किसानों को खाद का वितरण किया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा प्रदेश में कहीं भी नहीं है यूरिया का संकट, सरकार को बदनाम करने के लिए संकट बढ़या जा रहा है।

मध्य प्रदेश में खाद वितरण की व्यवस्था का विकेंद्रीकरण किया जा रहा है इससे डिफॉल्टर हुई सहकारी संस्थाओं के माध्यम से भी डीएपी, यूरिया खाद का वितरण होगा। कृषि मंत्री कमल पटेल ने यह जानकारी देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, आज भी तीन रैक प्रदेश में आ रही हैं। इनमें से एक रैक ग्वालियर पहुंचेगी जिससे भिंड, मुरैना के आसपास खाद की पूर्ति सुलभ हो जाएगी।

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मुरैना में खाद के संकट को लेकर लगाए गए कांग्रेस के आरोप पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि सरकार को बदनाम करने के लिए खाद का संकट बनाया जा रहा है, जरूरत से ज्यादा खाद की खरीद करवाई जा रही है, उन्होंने कहा कि मुरैना में 5 हजार टन खाद उपलब्ध थी, जिसका डबल लॉक सिस्टम से वितरण हो रहा था। यहां कांग्रेस की डिफॉल्टर समितियों ने आकर व्यवस्था बिगाड़ने का काम किया।

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मंत्री कमल पटेल ने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त खाद का भंडार है, किसानों के लिए कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। प्रदेश में 80 प्रतिशत यूरिया सोसाइटी के माध्यम से दिया जा रहा है, प्रदेश में यूरिया वितरण का विकेंद्रीकरण करके डिफॉल्टर संस्थाओं के माध्यम से भी खाद का वितरण होगा जिससे कहीं भी किसान परेशान न हों।

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