
deposits of rare minerals: मध्य प्रदेश में दुर्लभ खनिजों के भंडार खोजने के लिए सरकार 82 नए क्षेत्रों में खोजबीन जल्द शुरू करेगी। ब्लॉक्स को प्रदेश का खनिज संसाधन विभाग अलग-अलग एजेंसियों को सौंपने की तैयारी कर रहा है। इनमें क्रिटिकल मिनरल, पेट्रोकेमिकल के ब्लॉक भी हैं। खोजबीन के लिए केंद्र सरकार सौ फीसदी आर्थिक सहायता मिलेगी। इसके पहले भी 73 ब्लॉक एक्सप्लोरेशन के लिए दिए थे, जहां खोजबीन जारी है। क्रिटिकल मिनरल मिलने से विदेश पर निर्भरता कम होगी।
केन्द्र ने 2024 में एक्सप्लोरेशन नीति लागू की है। माइनिंग क्षेत्र में एक्सप्लोरेशन के लिए सरकार 100 प्रतिशत आर्थिक सहायता देगी। एक्सप्लोरेशन कंपनी को लागत का 50न रिस्क कवर भी करेगी। मध्यप्रदेश इस नीति के क्रियान्वयन में अव्वल है। स्ट्रेटेजिक एवं क्रिटिकल मिनरल, मुख्यत: रॉक फास्फेट, ग्रेफाइट, ग्लूकोनाइट, प्लेटिनम एवं रेयर अर्थ एलीमेंट (आरईई) के साथ पेट्रोकेमिकल्स की खोजबीन का काम किया जा रहा है। 82 ब्लॉक में जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड, ओएनजीसी के साथ निजी कंपनियों द्वारा भी खनिजों की खोजबीन का काम किया जाएगा। खनिज संचालक फ्रेंक नोबल ए. के अनुसार पर्यवेक्षण का काम जल्द शुरू होगा। इसके बाद ब्लॉक खोले जाएंगे।
इन जिलों में होगी खोजबीन बैतूल, बालाघाट, श्योपुर, छतरपुर, झाबुआ, डिंडोरी, मंडला, सिंगरौली, उमरिया, अनूपपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, दमोह, पन्ना आदि जिलों में ब्लॉक तय किए गए हैं। इन जिलों में पहले से कुछ ब्लॉक में खोजबीन का काम चल रहा है। यहां नए ब्लॉक्स में भी जल्द काम शुरू हो जाएगा।
Published on:
21 May 2025 07:55 am
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