
Coaching Guideline
भोपाल। कोचिंग संस्थानों के लिए जल्द ही प्रदेश सरकार नयी गाइडलाइन पर अमल शुरू करेगी। अभी इसका अध्ययन चल रहा है। सूत्रों ने बताया कि नयी गाइडलाइन जारी होते ही प्रदेश में संचालित कोचिंग संस्थानों में से आधी तुरंत बंद हो जाएंगी। क्योंकि ये मानकों के अनुरूप नहीं चल रही हैं। एमपीनगर समेत राजधानी के विभिन्न इलाकों में करीब 800 कोचिंग सेंटरों में करीब तीन लाख स्टूडेंट पढ़ते हैं। इनमें से 50 फीसदी संस्थान ऐसे हैं जहां स्कूल की ही तरह चार-चार घंटे कक्षाएं लगाई जाती हैं।
इन संस्थानों में पढऩे वाले अधिकांश छात्र 10वीं पास हैं और इनकी उम्र भी 16 से कम है। यह विद्यार्थी 10वीं के बाद ही जेईई मेंस एवं नीट जैसे एग्जाम की तैयारी शुरू कर देते हैं। ऐसे में सवाल यह है कि यह छात्र यदि 10वीं के बाद स्कूल नहीं जाते तो 12वीं पास की अंकसूची कहां से आती है। क्योंकि इन दोनों ही परीक्षा में शामिल होने के लिए 12वीं कक्षा में कम से कम 50 फीसदी अंक होना जरूरी है। लेकिन इसका पालन नहीं होता।
दिए जाते हैं डमी प्रवेश
सूत्रों के अनुसार नीट, जेईई मेंस जैसे एग्जाम की तैयारी करने वाले कई छात्र स्कूलों में डमी प्रवेश लेते हैं। इसके बदले में स्कूलों को मोटी फीस भी दी जाती है। यह छात्र इन स्कूलों में सिर्फ एग्जाम देने ही जाते हैं। ऐसे में इन्हें बिना स्कूल जाए ही 12वीं पास की अंकसूची मिल जाती है। यह सब कोचिंग संस्थान एवं स्कूल संचालकों की मिलीभगत से होता है।
उदय प्रताप सिंह, स्कूल शिक्षा मंत्री का कहना है कि कोचिंग संस्थानों के लिए राज्य स्तर पर गाइडलाइन तैयार की जा रही है उससे पहले केंद्र द्वारा जारी गाइडलाइन का अध्ययन किया जा रहा है। यदि उसमें बदलाव की जरूरत होगी तो कुछ बदलाव किया जाएगा। जल्द ही इसके आदेश जारी होंगे। गाइडलाइन का पालन न करने वाले कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई की जाएगी।
90 फीसदी कोचिंग के पास बुनियादी ढांचा नहीं
दिशा निर्देशों में कहा गया है कि कोचिंग सेंटर को अग्नि सुरक्षा कोड, भवन सुरक्षा कोड और अन्य मानकों का पालन करना होगा। इतना ही नहीं अधिकृत अधिकारियों से अग्नि और भवन सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करना भी जरूरी होगा। कई कोचिंग कक्षाओं में इसका पालन कभी नहीं किया जाता। शहर में संचालित होने वाले लगभग 90 प्रतिशत कोचिंग सेंटरों के पास न तो पर्याप्त बुनियादी ढांचा है और न ही अग्नि सुरक्षा उपकरण हैं। अगर राज्य सरकार नई गाइडलाइंस को सख्ती से लागू करेगी तो इन्हें बंद करना पड़ेगा।
स्कूल नहीं जाता, सिर्फ कोचिंग ही करता हूं
कस्तूरबा नगर स्थित एक कोचिंग संस्थान में नीट की तैयारी कर रहे छात्र आनंद तिवारी ने बताया कि वह कानपुर से आया है। इस साल 10वीं कक्षा पास की है। जब उससे स्कूल के बारे में पूछा तो उसने कहा कि स्कूल तो नहीं जाते।
नीट की तैयारी कर रहे हैं, स्कूल के लिए टाइम नहीं
एक अन्य छात्र रोहित श्रीवास्तव का कहना है कि कोचिंग का समय सुबह 10 से 2 बजे तक हैं। कोचिंग में उसका एडमिशन छात्रवृत्ति के आधार पर हुआ है। नीट की तैयारी कर रहे हैं, इसलिए स्कूल नहीं जाते।
Published on:
06 Feb 2024 10:34 am
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