
Heavy Rain Alert
भोपालः मध्य प्रदेश में भारी बारिश ( heavy rain ) के कारण कई जिले जल मग्न हो गए हैं। हालात ये हैं कि, बाढ़ ( flood ) के कारण कई गांव बह गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 50 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। मौसम विभाग ( IMD ) ने एक बार फिर मध्य प्रदेश के 27 जिलों में भारी और अतिभारी बारिश की चेतावनी ( heavy rain alert ) जारी की है। इसके अलावा बाकी जिलों में भी लगातार बारिश का दौर जारी है। बाढ़ और भारी बारिश के चलते प्रशासन पहले से ही अलर्ट है।
इन जिलों पर अलर्ट
मध्यप्रदेश के 27 जिले आगामी 24 घंटों के लिए हाई रिस्क ( high risk ) पर हैं। इन जिलों में अति भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है। प्रदेश के कई जिलों में पहले ही नदियां उफान ( Rivers on the rise ) पर हैं, ऐसे में इस चेतावनी के बाद प्रशासन भी अलर्ट पर है। मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी ( Bay of Bengal ) में कम दबाव का क्षेत्र बनने से अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के कई जिलों में बारिश या भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, अनुपपुर, डिंडोरी, उमरिया, शहडोल, छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी, कटनी, भिंड, मुरैना, श्योपुर, दमोह, छतरपुर, खंडवा, खरगोन, हरदा, रायसेन, विदिशा, राजगढ़, अशोकनगर जिलों में भारी और अति भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि, अन्य जिलों में भी मध्यम और रुक रुक कर वर्षा का सिलसिला जारी है।
श्योपुर का राजस्थान से पूरी तरह संपर्क टूटा
बारिश के बाद उतपन्न हुई आपदा की कुछ तस्वीरें एएनआई ने जारी की हैं। इन तसिवीरों में सबसे घातक स्थिति प्रदेश के श्योपुर जिले की है, जिसमें गांव वाले अपने घरवालों और ज़रूरत के सामान को लेकर कांधे तक पानी में सुरक्षित स्थान पर जाते नज़र आए। इसके अतिरिक्त राजस्थान के कोटा बैराज में भारी बारिश के कारण चंबल और पार्वती नदियां उफान पर हैं, इसके कारण प्रदेश में कई स्थानों पर नदी नालों पर बने पुल बह गए। मालवा और राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र में हो रही भारी बारिश के कारण श्योपुर जिले की सीमा में बह रही चंबल और पार्वती नदियों ने न केवल रौद्र रूप धारण कर लिया है बल्कि खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इस वजह से श्योपुर का राजस्थान से पूरी तरह संपर्क टूट चुका है। वहीं नदी किनारे बसे लोगों से प्रशासन ने हटने को कहा है, साथ ही किनारे के गांवों में अलर्ट भी जारी किया है।
मंदसौर हुआ जलमग्न
47 इंच बारिश के साथ मंदसौर प्रदेश में पहले नंबर पर आ गया है। गरोठ नगर व आसपास के क्षेत्र में 64 घंटे निरंतर बारिश जारी रही। लगातार बारिश से गांधीसागर बांध का जल स्तर 1302.6 फीट हो गया। 31 जुलाई तक प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश के साथ नंबर-1 पर रहा रतलाम अब नौवें नंबर पर जा पहुंचा है। आगर, भोपाल, होशंगाबाद, मंदसौर, नीमच, रायसेन, सीहोर, शाजापुर में रतलाम से ज्यादा बारिश हो चुकी है। रतलाम में अब तक 37.34 इंच बारिश हो चुकी है।
राजधानी में सामान्य से 75 फीसदी ज्यादा बरसात
प्रदेश में सक्रीय हुए मानसून को अब तक 51 दिन बीत चुके हैं। बात राजधानी भोपाल की करें तो यहां सीजन के काेटा 108.66 सेमी है। लेकिन सिर्फ 50 दिनों में ही यहां अब तक 111.45 सेमी पानी बरस चुका है। यह 17 अगस्त तक होने वाली सामान्य बारिश 63.50 सेमी से 75 फीसदी ज्यादा है। हालांकि, पूरे प्रदेश की बात की जाए तो यहां अब तक लगभग 20 फीसदी बारिश हाे चुकी है। इस कारण भाेपाल के कलियासाेत, केरवा, काेलार, हाेशंगाबाद के तवा, जबलपुर के बरगी समेत प्रदेश के ज्यादातर डैम फुल होने के कारण खोले जा चुके हैं। नर्मदा, बेतवा, चंबल समेत सभी नदियां लबालब हैं। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मानसून सीजन 30 सितंबर को खत्म होता है। इस हिसाब से अभी 42 दिन और प्रदेश में मानसून सक्रीय रहेगा।
Updated on:
18 Aug 2019 12:33 pm
Published on:
18 Aug 2019 11:27 am
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