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एमपी में भारी बारिश से हाहाकार, नदी-नाले उफान पर, नीमच-कोटा हाईवे समेत कई रास्ते बंद

Heavy Rain Havoc : एमपी में मानसून जोर पकड़ चुका है। हालात ये हैं कि, भोपाल समेत लगभग पूरे राज्य में आज ( 2 जुलाई ) तड़के से मूसलधार बारिश जारी है, जिसके चलते निचले क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं।

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Heavy Rain Havoc

एमपी में भारी बारिश के चलते हाहाकार (Photo Source- Patrika)

Heavy Rain Havoc :मध्य प्रदेश में मानसून जोर पकड़ चुका है। हालात ये हैं कि, भोपाल समेत लगभग पूरे राज्य में आज ( 2 जुलाई ) तड़के से मूसलधार बारिश जारी है, जिसके चलते निचले क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं। खासकर प्रदेश के गुना, नीमच, मंदसौर और रतलाम, में तेज बारिश ने सामान्य जनजीवन प्रभावित करना शुरु कर दिया है। वहीं, दूसरी तरफ मौसम विभाग आगामी चार दिन तक प्रदेश के अधिकतर इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी कर रहा है। ऐसे में संबावना जताई जा रही है कि, कई इलाकों में स्थितियां ज्यादा गंभीर हो सकती है।

18 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

वैसे तो मौसम विभाग की और से प्रदेश के अदिकतर इलाकों के लिए अगले चार दिन बारिश की चेतावनी दी गई है, लेकिन अगले 24 घंटे प्रदेश के 18 जिलों के लिए भारी हैं। यहां विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें नीमच, मंदसौर, रतलाम, सीधी, सिंगरौली, मंडला, डिंडौरी और बालाघाट जैसे प्रमुख जिले भी शामिल हैं। विभागीय अनुमान के मुताबिक, इन जिलों में अगले 24 घंटों में 8 इंच तक बारिश दर्ज हो सकती है। वहीं, भोपाल, उज्जैन, रतलाम, शिवपुरी, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य जिलों में भी मूसलधार बारिश ता येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

कहीं ऑरेंज तो कहीं येलो अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने आज नीमच, मंदसौर, रतलाम, सिंगरौली, मऊगंज, सीधी, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट और जबलपुर में अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इन जिलों के ऑरेंज अलर्ट जारी है। 115.6 मि.मी से लेकर 204.4 मि.मी तक पानी गिरने की संभावना जताई है। इसके अलावा अन्य जिलों में हल्की से तेज बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं प्रदेश के सभी जिलों में आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है।

इन सिस्टमों के कारण हो रही मुसलाधार बारिश

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश ऊपर से एक मानसूनी टर्फ गुजर रही है। वहीं, एक अन्य टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रीय है, जिसके चलते प्रदेश में मूसलाधार बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

जानें कहां कितनी हुई बारिश?

बीते दिन दतिया, भोपाल, जबलपुर, रीवा, बालाघाट, टीकमगढ़, उमरिया, मऊगंज, गुना, नर्मदापुरम, छतरपुर, रायसेन, शाजापुर, छिंदवाड़ा, सीधी, नरसिंहपुर, शिवपुरी, मंडला, आगर-मालवा, देवास, सीहोर समेत 25 जिलों में बारिश का दौर जारी रहा. इस दौरान बालाघाट में सबसे ज्यादा पौने 2 इंच पानी गिरा. इसके अलावा सीधी में सवा इंच, श्योपुर-सिवनी में 1 इंच, बैतूल, शिवपुरी-मंडला में पौन इंच और पचमढ़ी-छिंदवाड़ा-नरसिंहपुर में आधा इंच तक बारिश हुई।

शिवपुरी में उफान पर नदी-नाले

बता दें कि, बीते 12 घंटों से प्रदेश के अधिकतर इलाकों में जारी तेज बारिश से हालात बिगते जा रहे हैं। कई नदी-नाले उफान पर हैं और ज्यादातर जलप्रपात में पानी आ गया है, इससे निचली बस्तियों में पानी भरने का खतरा बढ़ता जा रहा है। बारिश से शिवपुरी के ग्रामीण क्षेत्र में जल-जीवन प्रभावित हो गया है। कई जगहों पर पानी भरने से रास्ते बंद हैं, जिससे गांव वालों का शहर से संपर्क टूट गया है।

सतपुड़ा डैम के 7 गेट 2 फीट तक खोले गए

बैतूल जिले में मूसलाधार बारिश जारी है। तेज बारिश के बीच सतपुड़ा डैम के 7 गेट दो फीट तक खोले गए हैं। इससे अबतक 11,578 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। भारी मात्रा में जल निकासी से तवा नदी में बाढ़ जैसे हालात हैं और नादिया घाट पूरी तरह जलमग्न है। बता दें कि मंगलवार को जिले में सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक 21 मि.मी बारिश हुई। वहीं, बुधवार सुबह तक जिले में 182 मि.मी बारिश दर्ज हो चुकी है। घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के कई ग्रामों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है।

गुना में जलभराव और बाढ़ से हालात

गुना जिले में लगातार बारिश के कारण निचली बस्तियों में पानी भरने लगा है। रात 9 बजे से यहां बारिश का सिलसिला जारी है, जिसके चलते कई क्षेत्रीय नाले उफान पर हैं और पुलिया के ऊपर से पानी बह रहा है। लगातार हो रही बारिश से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

नीमच-कोटा हाईवे बंद

नीमच जिले में भी बुधवार 2 जुलाई की सुबह से भारी बारिश हो रही है। बारिश के कारण रोजड़ी नदी उफान पर आ गई है। इससे नीमच-कोटा हाईवे बंद किया गया है। पुल के ऊपर से पानी बहने के कारण यातायात भी खासा प्रभावित है। वहीं, आसपास के कई गांवों का संपर्क भी टूट गया है। इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

ग्वालियर में निचले इलाकों के साथ पॉश कॉलोनी तक डूबी

जिले में झमाझम बारिश से हालात बिगड़ रहे हैं। निचले इलाकों के साथ-साथ शहर की पॉश कॉलोनी तक डूब गई है।वार्ड 29 में एजी आफिस के पीछे महल गांव करौली माता मंदिर के पास स्थित सरस्वती नगर कॉलोनी में जल भराव हो गया है। शहर में जारी बारिश ने पॉश कॉलोनी की जल निकासी व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। नगर निगम के अधिकारी और क्षेत्रिय पार्षद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। कॉलोनी के बाशिंदे घरों तक में पानी भर जाने से परेशान हैं।

रतलाम में झमाझम बारिश से तालाब बनी सड़कें

शहर में बीती रात से बारिश का सिलसिला जारी है। रातभर से रुक रुककर जारी बारिश ने वैसे ही शहर के कई निचले इलाकों को जलमग्न कर दिया था। लेकिन, बुधवार सुबह करीब 09 बजे से यहां मुसलाधार बारिश शुरु हो गई, जिसने हालात और बिगाड़ दिए हैं। हालात ये हैं कि, शहर की कई सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं।

पानी में डूबा सरकारी स्कूल, बच्चों की छुट्टी करनी पड़ी

जिले में लगातार जारी मुसलाधारा बारिश ने बरबड़ इलाके में स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय में बारिश का पानी भर गया है। हालांकि, ये कोई पहली बार नहीं बल्कि, बीते कई सालों से बारिश का पानी गिरते ही स्कूल में भरता आ रहा है, लेकिन अबतक किसी प्रशासनीक अधिकारी का इसपर कोई ध्यान नहीं है। पानी भरने के कारण स्कूल की छुट्टी करना पड़ी है, जबकि स्कूल शिक्षक परिसर के बाहर खड़े रहना पड़ता है।

जल संकट का खतरा बढ़ा

मौसम विभाग ने चेतावनी के अनुसार, आने वाले दिनों में भारी बारिश की वजह से जलभराव की समस्या और भी गंभीर हो सकती है। कई नदियां भी उफान पर आ सकती हैं। इससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। साथ ही, कई इलाकों में जल संकट भी बढ़ सकता है, क्योंकि भारी बारिश के कारण जलाशय और तालाबों में पानी की अधिकता हो सकती है, जो भविष्य में जल वितरण की समस्याएं पैदा कर सकती है।

रिकॉर्ड बारिश का अनुमान

प्रदेश में बारिश का सिलसिला अगले 4 दिनों तक जारी रहेगा। भोपाल, जो मध्य प्रदेश की राजधानी है, यहां जुलाई में औसतन 15 दिनों तक बारिश होती है। इस बार जुलाई में बारिश का सिलसिला रिकॉर्ड तोड़ सकता है। बारिश के कारण प्रदेश का तापमान भी 30 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।