
एमपी में भारी बारिश से मचा कोहराम, बाढ़ लाई तबाही, गांव तो गांव शहर भी डूबे।
MP Flood: आषाढ़ से चल रही मानसून की जादूगरी सावन में भी जारी है। प्रदेश में रुक-रुककर बारिश हो रही है। पहले प्रदेश के पश्चिमी, फिर पूरब और अब एमपी के उत्तरी हिस्से को बारिश ने अपना ठिकाना बना लिया है।
पिछले 24 घंटे में दमोह में पौने आठ इंच से ज्यादा तो सागर, सिवनी में पौने छह इंच से ज्यादा पानी गिरा। अशोकनगर में ढाई घंटे में ही 5.11 इंच बारिश से नदियां उफन गईं और 16 गांवों को ले डूबीं। घरों में पानी भरने से 350 से अधिक कच्चे मकान गिर पड़े।
दमोह में बादल इतना टूटकर बरसे कि वहां घरों में फंसे लोगों को बचाने के लिए शहर में ही नाव चलानी पड़ी। उधऱ बालाघाट में भीमगढ़ जलाशय के गेट खोलने पड़े। इससे बाढ़ के हालात बन गए। घरों में पानी घुस गया। वैनगंगा नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। राघोटोला मुरझड़ में मंदिर में फंसे पुजारी को बचाया। बाढ़ से यात्री बसों का आवागमन भी प्रभावित हुआ है। मौसम की खराब स्थिति को देखते हुए कलेक्टर को जिले के स्कूलों में मंगलवार और बुधवार को अवकाश घोषित करना पड़ा।
एमपी के अशोकनगर में सोमवार रात ढाई घंटे में 5.11 इंच बारिश से मेकुआ गांव में दो तालाब फूट गए। इससे नदियां उफन गईं। पानी 3 तहसीलों के 16 गांवों में घुस गया। एनएच भी डूब गया। 350 से ज्यादा कच्चे घर तेज बहाव के एक झटके में ही टूट गए। तेज बहाव से पिपरई और गुन्हेरूबामोरी स्टेशन के बीच अंडरब्रिज की दीवार गिर गई। ट्रैक की मिट्टी धंसक गई। चार घंटे बाद ट्रेनों को निकाला गया।
कटनी में भारी बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। शहर की सड़कों पर पानी भर चुका है। नदियों में उफान आ गया है, पुल डूब चुके हैं। कलेक्टर ने अपील की है कि जान जोखिम में डालकर सड़कों या उफने नालों को पार करने की कोशिश न करें।
एमपी के बीना जिले में भारी बारिश के कारण शहर की मोतीचूर नदी उफन पड़ी। जिससे देहरी रोड बंद हो गया। आवाजाही बाधित हो गई। घरों में पानी भरने से लोग मुश्किल में आ गए। बहाव इतना तेज कि घर-गृहस्थी का सामान बह गया। जानवर भी पानी के बहाव के साथ बहने लगे। उधर बिल्धंव गांव में अचानक आई बाढ़ में लोग फंसे रह गए। जिन्हें रेस्क्यू कर निकाला गया।
भारी बारिश के कारण सागर कि धसान नदी भी उफन कर अपने किनारों को लांघती हुई आगे बढ़ गई। धसान नदी में अचानक आए पानी के तेज उफान से छतरपुर में नदी के बीच में बना टापू भी पानी में डूबने लगा था।
पानी का लेवल बढ़ा उस समय टापू पर मौजूद 59 मजदूर और चरवाहे भी फंस गए थे। रेस्क्यू टीम ने देर रात तक रेस्क्यू कर मजदूरों और चरवाहों को जान बचाई।
Updated on:
24 Jul 2024 02:02 pm
Published on:
24 Jul 2024 10:58 am
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