
CG Accident News: होटल से घर लौट रहा था युवक, पिकअप ने मारी टक्कर, मौके पर हो गई मौत...(phot0-patrika)
MP News: सड़कों पर दरारें, जगह- जगह कट, अंधे मोड़, संकेतकों-रेलिंग का अभाव, घाट, सड़क निर्माण में तकनीकी खामी… ये कुछ वजहें जाने-अनजाने प्रदेशभर में सड़क हादसों को जन्म दे रही हैं। इंजीनियरिंग में गड़बड़ी जानलेवा साबित हो रही है। सूबे में ऐसी सड़कों की लंबाई 203 किलोमीटर है। यह सामने आया है परिवहन विभाग की रोड सेफ्टी शाखा की रिपोर्ट में। इसके लिए प्रदेशभर के थानों से सड़क हादसों का विश्लेषण किया गया।
ये सड़कें छह निर्माण एजेंसियों की हैं। इन पर 481 ब्लैक स्पॉट जांचे गए। सबसे ज्यादा 253 ब्लैक स्पॉट नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) की सड़कों पर हैं।
69,951 ट्रॉमा केस : मध्यप्रदेश में इस साल जनवरी से जून के बीच 69 हजार 951 ट्रॉमा केस दर्ज किए गए। इनमें भी सबसे अधिक मामले 16 से 30 वर्ष आयु वालों के हैं। इनकी संख्या 40 हजार 441 रही। यह कुल दुर्घटनाओं का 57.81 प्रतिशत है। यह आंकड़े 108 एंबुलेंस की रिपोर्ट के हैं।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया मध्यप्रदेश से गुजरने वाली सड़कों पर सबसे ज्यादा 253 ब्लैक स्पॉट हैं। लंबाई 110.60 किलोमीटर है। इसमें राजधानी भोपाल के बिलखिरिया गांव के सामने बना स्पॉट भी शामिल है।
मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम प्रदेश में निर्मित सड़कों पर 150 ब्लैक स्पॉट चिह्नित हुए। भोपाल में इनकी संख्या नौ है। नर्मदापुरम रोड पर समरधा ब्रिज और 11 मील इसमें शामिल हैं। भोपाल ग्रामीण क्षेत्र में सात ब्लैक स्पॉट हैं।
लोक निर्माण विभाग (एनएच) पीडब्ल्यूडी की नेशनल हाईवे शाखा की सड़कों पर 31 ब्लैक स्पॉट चिह्नित हुए हैं। इन स्पॉट्स के क्षेत्र की लंबाई 9.83 किलोमीटर है।
नगरीय निकाय लोक निर्माण विभाग (भवन-सड़क) अब तक 25 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए हैं। ये स्पॉट 10.45 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में फैले हैं। इसमें भोपाल के 11 स्पॉट हैं। गोविंदपुरा टर्निंग से आइएसबीटी, 1100 क्वार्टर हनुमान मंदिर, कोर्ट चौराहा सहित अन्य स्पॉट भी शामिल हैं। चिह्नित 20 ब्लैक स्पॉट 8.6 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में हैं।
भोपाल नगर निगम की सड़कों के दो स्पॉट हैं। आशिमा मॉल के सामने और बागसेवनिया चौराहा। मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की सड़कों पर दो ब्लैक स्पॉट एक किमी में हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक ब्लैक स्पॉट की मुख्य वजहों में लेफ्ट टर्न पर अतिक्रमण, कट पॉइंट या सड़क पर भार क्षमता से ज्यादा वाहनों का होना माना जाता है।
एमपी में जानलेवा सड़कों (Road accident)को सुधारने के लिए परिवहन विभाग ने सभी सड़क निर्माण एजेंसियों को पत्र लिखकर अपनी-अपनी सड़कों के ब्लैक स्पॉट सुधारने को कहा है। इस संबंध में उनसे शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म प्रस्ताव मांगे गए हैं। निर्माण एजेंसियों को ब्लैक स्पॉट सुधारने के लिए जो उपाय करने हैं, उनकी विस्तृत जानकारी मांगी है।
यह भी बताना होगा कि सभी सड़कों के ब्लैक स्पॉट पूरी तरह से खत्म करने में कितना समय लगेगा। बता दें कि इन निर्माण एजेंसियों से मिली जानकारी राज्य सड़क सुरक्षा समिति के समक्ष रखी जाएगी, ताकि आगे की रणनीति तय की जा सके।
Published on:
23 Sept 2025 09:51 am
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