
पत्नी के चरित्र पर शक मे जंगल ले जाकर काटे दोनो हाथ, मरा समझकर छोड़ भागा, रुला देगा पीड़िता का दर्द
भोपाल/ राजधानी भोपाल स्थित हमीदिया अस्पताल में जब चिकित्सकों ने एक नौजवान लड़की को देखा, जिसके दोनो हाथ काट दिये गए थे, तो वो उसकी हालत को देखकर हैरान रह गए। अपने ससुर के साथ सागर से हमीदिया अस्पताल पहुंची उस नौजवान लड़की की शारीरिक हालत जितनी दयनीय थी, उससे कई ज्यादा दयनीय स्थिति में उसका मन था और हो भी क्यों न, क्योंकि उसे इस हाल में पहुंचाने वाला भी वो था, जिसके लिये उस लड़की ने अपना परिवार, रिश्तेदार सब कुछ छोड़ दिया था।
3-4 दिन में पता लगेगा- हाथ काम करेंगे या नहीं
जी हां, उस लड़की की हालत का जिम्मेदार उसी का पति था, जिसने पहले तो लड़की से प्रेम विवाह किया, फिर शादी होते ही उसके चरित्र पर शंका करने लगा। हद तो तब हो गई, जब वो अपनी पत्नी को लड़की लेने के बहाने जंगल ले गया, जहां उसने न सिर्फ अपनी पत्नी की बेरहमी से पिटाई की, बल्कि लकड़ी काटने की कुल्हाड़ी से पत्नी के दोनो हाथ काट दिये और मरा हुआ समझकर जंगल से भाग निकला। फिलहाल, हमीदिया अस्पताल के चिकित्सकों ने 9 घंटे का की कड़ी सर्जरी करके यवती के दोनों हाथ जोड़ दिये हैं। हाथों में मामूली सा मूवमेंट भी आ गया है, लेकिन 3 से 4 दिनों बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि, हाथ काम करेंगे या नहीं।
ऑपरेशन के बाद होश में आई पीड़िता ने सुनाई हैवानियत की दास्तां
मंगलवार शाम को हुए 9 घंटे के ऑपरेशन के बाद बुधवार को आरती को होश आया। इसके बाद उसने अपने दर्द की दास्तां सुनाई। आरती के मुताबिक, हम दोनों में प्यार हुआ और हमने लव मैरिज की, लेकिन शादी के 15 दिन बाद से ही रणधीर (पति) झगड़ने लगा। सोमवार की रात घर के लोग खाना खाकर सो गए थे। इसके बाद रात करीब 11 बजे वो घर आकर जंगल से लकड़ी लाने की बात कहने लगा। इसपर मैरी ओर कहा गया कि, इतनी रात को? कल सुबह चलेंगे। इसपर उसने कहा कि, लकड़ी कटी रखी है, बस हमें उठाकर लानी है। पीड़िता ने कहा कि, ये बात खुद पति कह रहा था, तो रात अधिक होने का डर मन में नहीं आया, इसलिये उससे आगे और बिना कोई बात किये, हम दोनों घर से निकल गए।
पहले पूछा कहां से काटूं- मैं समझ पाती इससे पहले ही...
गांव के नजदीक से गुजरने वाली नदी के पुल से आगे निकलने के बाद उसने मुझसे सवाल किया कि, कहां से काटें। मैंने सोचा... शायद ये लकड़ी की बात कर रहा है, इसपर मैने जवाब दिया कि, ऊपर की ओर से काट लो। इस पर उसने कुल्हाड़ी से मेरे ऊपर ही वार करने शुरु कर दिये। मेरे दोनों हाथों से खून के फुहारे चल रहे थे। दर्द नहीं हो रहा था, क्योंकि सामने से हमलावर मेरा पति ही तो था। खून में लथपथ मैं जमीन पर गिर पड़ी। इसके बाद उसने मेरे चेहरे की तरफ झुककर देखा और फिर वहां से चला गया।'
घिसटते हुए पहुंची घर
पीड़िता के मुतबिक, 'मुझे मेरे दोनों हाथ मेहसूस नहीं हो रहे थे, बावजूद इसके मैं होश में थी। इस बीच मैंने सड़क से निकलती कारों और ट्रकों को रोकने की भी कोशिश की, लेकिन कोई भी मेरी ओर नहीं देख सका। मेने ये भी देखा कि, मुझपर हमला करने के बाद रणधीर ने रास्ते से गुजर रहे एक ट्रक को रोका और उसमें बैठकर चला गया। मैं पहली बार जंगल गई थी। जैसे-तैसे खुद को किसी तरह उठाकर घिसटते हुए उसी रास्ते से घर लौटी और घर वालों को घटना के बारे में जानकारी दी।'
ढाई महीने पहले ही की थी कोर्ट मैरिज
आरती के मुताबिक, 'करीब ढाई महीने पहले 8 जनवरी को ही हम दोनो ने कोर्ट मैरिज की थी। हमारी मुलाकात करीब पांच साल पहले रायसेन के फुल्वारा में एक शादी समारोह के दौरान हुई थी। यहीं से हम एक दूसरे को पसंद करने लगे थे। शादी से पहले तो वो मुझपर जान छिड़कता था। लेकिन, शादी के 15 दिन बाद ही अचानक वो मेरे चरित्र पर शक करने लगा। उसका आरोप था कि, मैं किसी और से बात करती हूं। हालांकि, मैंने उसे कई बार समझाने की कोशिश की कि, जब मैने आपसे लव मैरिज की है, तो किसी और से बात क्यों करूंगी। लेकिन, शायद उसे मेरी बात पर कभी विश्वास ही नहीं हुआ।'
शादी करने पर पिता ने कहा था- मेरे लिये मर चुकी हो, सुसर ही करा रहे हैं इलाज
आरती का मायका सीहोर जिले के सातयोग गांव में है। घर में माता-पिता के अलावा दो छोटे भाई-बहन भी हैं। आरती के मुताबिक, 'अपनी मर्जी से शादी करने की वजह से पिता काफी नाराज हैं, शादी के बाद मैने कई बार घर पर बात करने की कोशिश की, लेकिन नाराज पिता ने साफ कह दिया था कि, मेरी लड़की मेरे लिए मर गई। इसके बाद से परिवार वालों से बात करने की भी हिम्मत नहीं कर सकी। फिलहाल, आरती के ससुर नारायण सिंह हमीदिया अस्पताल में उसका इलाज और देखरेख कर रहे हैं। नारायण सिंह का कहना है कि, 'मेरे तीन बेटे थे। लेकिन, अब तीसरा बेटा मेरे लिये मर चुका है। मेरा उससे कोई लेना देना नहीं। अब उसकी जगह मेरी बेटी है, जो इस समय जीवन की जंग लड़ रही है।'
डॉक्टरों ने 9 घंटे ऑपरेशन कर जोड़े 95% तक कटे हाथ
हमीदिया अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टो सर्जरी डिपार्टमेंट के प्राध्यापक डॉक्टर आनंद गौतम की टीम ने ही पीड़िता के दोनो हाथों की सर्जरी की है। उनके मुताबिक, पीड़ित को उसके ससुर द्वारा मंगलवार को लाया गया था। उसका दायां हाथ 90 और बायां हाथ 95 फीसदी कट चुका था। फिलहाल, टीम ने कड़ा ऑपरेशन करते हुए युवती के दोनो हाथ जोड़ दिये हैं। गुरुवार की सुबह उसके हाथ में मूवमेंट दिखा है। पीड़िता धीरे-धीरे ही सही, पर अपना हाथ हिला पा रही है। फिर भी उसके हाथों की स्थिति को लेकर तीन से चार दिन बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकेगा। उम्मीद है कि, सर्जरी सफल रहे।'
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Published on:
25 Mar 2021 06:31 pm
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