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किडनी की ‘गंभीर बीमारी’ से जूझ रहा था पति, पत्नी ने दी नई जिंदगी

MP News: अनुज कुमार 6 महीने से किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उनकी पत्नी ने उन्हें नया जीवन दिया है....

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प्रतिकात्मक फोटो (Photo Source - Social Media)

प्रतिकात्मक फोटो (Photo Source - Social Media)

MP News:मध्यप्रदेश में गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) और हमीदिया अस्पताल ने अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। जानकारी के अनुसार अस्पताल की ट्रांसप्लांट टीम ने 11वां गुर्दा प्रत्यारोपण किया गया है। यह प्रत्यारोपण एक पत्नी के अपने पति के प्रति समर्पण की एक भावुक कहानी भी है। यह जटिल ऑपरेशन केंद्र सरकार की योजना आयुष्मान भारत योजना के तहत पूरी तरह नि:शुल्क किया गया।

डायलिसिस का लेना पड़ रहा था सहारा

जबलपुर के रहने वाले 51 वर्षीय अनुज कुमार 6 महीने से किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि उन्हें डायलिसिस का सहारा लेना पड़ा। इलाज के लिए वे गांधी मेडिकल कॉलेज आए, जहां डॉक्टरों ने ट्रांसप्लांट की सलाह दी। ऐसे में उनकी पत्नी ने अपनी किडनी दान करने का निर्णय लिया। परिवार की सहमति और जरूरी जांच के बाद डॉक्टरों ने इस जटिल प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

लेप्रोस्कोपिक पद्धति से हुआ ऑपरेशन

सर्जन डॉ. सौरभ जैन, डॉ. अमित जैन और डॉ. समीर व्यास ने डोनर (पत्नी) की सर्जरी ’लेप्रोस्कोपिक डोनर नेफ्रेक्टमी’ पद्धति से की। डॉक्टरों का कहना है कि आधुनिक तकनीक से डोनर को कम दर्द होता है और रिकवरी बहुत तेजी से होती है।

वंचित मरीजों के लिए उम्मीद की किरण

अस्पताल प्रशासन ने कहा कि उनका उद्देश्य वंचित मरीजों की सेवा करना है। यह ट्रांसप्लांट आयुष्मान भारत योजना के तहत हुआ, लेकिन जो मरीज इस योजना के दायरे में नहीं आते, उनके लिए भी जीएमसी में यह सुविधा बेहद मामूली शुल्क पर उपलब्ध कराई जाएगी।