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Indian Railways: आपको परेशान कर सकता है रेलवे का ये निर्देश, रेल मंत्रालय का प्लान जानने जरूर पढ़ें ये खबर

अगर आप भी अक्सर रेलवे की सुविधाओं का लाभ लेते हैं, तो रेल मंत्रालय का यह निर्देश आपको परेशान कर सकता है। रेलवे पिछले कुछ समय से लगातार नए-नए दिशा निर्देश जारी कर रहा है। अब रेल मंत्रालय एक नई प्लानिंग पर एक नया निर्देश जारी किया है...

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अगर आप भी अक्सर रेलवे की सुविधाओं का लाभ लेते हैं, तो रेल मंत्रालय का यह निर्देश आपको परेशान कर सकता है। रेलवे पिछले कुछ समय से लगातार नए-नए दिशा निर्देश जारी कर रहा है। अब रेल मंत्रालय एक नई प्लानिंग पर एक नया निर्देश जारी किया है। इस निर्देश के मुताबिक अब स्लीपर कोच भी जनरल कोच बना दिए जाएंगे। हालांकि ऐसा केवल उन्हीं ट्रेनों में किया जाएगा, जो दिन की हैं और जिनमें यात्रियों की संख्या काफी कम है। ऐसी ट्रेनों के लिए स्लीपर कोच को जनरल कोच में बदलने की सिफारिश की जाएगी। आपको बता दें कि रेलवे ने अपना रिवेन्यु बढ़ाने और यात्रियों की सुविधा में इजाफा करने के उद्देश्य से यह प्लानिंग की है।

ट्रेन छूटने तक दिए जाते हैं टिकट आपको बता दें कि जनरल कोच में सफर करने वाले लोगों की इतनी भीड़ उमड़ती है कि उनका ट्रेन में चढऩा ही मुश्किल बन पड़ता है। वहीं जनरल कोच में यात्रा करने वालों को रेलवे स्टेशन पर जब तक टिकट जारी की जाती हैं, जब तक कि ट्रेन रवाना होती है। ऐसे में जनरल कोच में यात्रा करने वालों की संख्या सीमित ही नहीं है। कई बार तो लोग ट्रेन के दरवाजों पर लटकते हुए सफर करते नजर आ जाते हैं।

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जिम्मेदार बताते हैं कि हर कोच की अपनी क्षमता है। फर्स्ट एसी कोच में 18 से 24 बर्थ तक होती हैं। सेकंड एसी में 48 से 54, थर्ड एसी में 64 से 72, स्लीपर में 72 से 80 और जनरल कोच में 90 लोगों के सफर करने की सुविधा होती है। वहीं जनरल कोच में 180 से भी ज्यादा यात्री आम तौर पर सफर करते हैं। जनरल कोच में भीड़ बढऩे की वजह यह भी है कि रेलवे ने ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए थ्री टायर एसी कोच की संख्या तक बढ़ाई। क्योंकि जनरल कोच के मुकाबले इस सुविधा से रेलवे को ज्यादा रेवेन्यू मिलता था।

अब इसलिए पड़ रही जरूरत

जिम्मेदारों का कहना है कि लोगों की यात्रा सुविधाजनक और सुखद बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। बता दें कि कोरोना के समय में जनरल कोच में भी रिजर्वेशन की ही तरह टिकट दिए जाते थे। इन्हें सेकंड सीटिंग बना दिया गया था। सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन करवाने के लिए जनरल कोच में सीमित टिकट दिए जा रहे थे। हालांकि अब एक बार फिर असीमित जनरल टिकट बांटे जा रहे हैं, जिससे ट्रेनों में एक बार फिर से भीड़ बढ़ी है।

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