
बचपन में ऑनलाइन गेम खेलने की आदत कैसे मासूम बच्चों को अपराध में शामिल होने के लिए मजबूर कर रही है। इसका खुलासा अवधपुरी में हुए घटनाक्रम के बाद सामने आया है। ऑनलाइन गेम खिलाने वाले एंड्राइड एप्लीकेशन अब टास्क गेमिंग के नाम पर अकाउंट बनाकर इसमें प्रोसेसिंग शुल्क जमा करने का झांसा बच्चों को दे रहे हैं। नाबालिग को इंस्टेंट लोन बगैर किसी उम्र की सीमा और दस्तावेज के मिल रहा है।
गेम खेलने वाले अकाउंट में बगैर किसी नियम शर्त के पैसे ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। गेम खेलने के दौरान इंस्टेंट लोन उपलब्ध कराने वाले आरोपी कई प्रकार के चार्ज का हवाला देकर यह पैसे वापस काट भी लेते हैं और मासूम बच्चे कर्ज के बोझ तले दबते चले जाते हैं। मोबाइल और गैलरी की निजी जानकारियां पहले ही हैक कर ली जाती हैं। इसके बाद शुरू होता है ब्लैकमेलिंग का खेल। डीसीपी जोन 2 श्रद्धा तिवारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में साइबर क्राइम के इस नए मॉड्यूल का खुलासा किया है।
यहां सबसे ज्यादा मामले
अशोका गार्डन जिंसी जहांगीराबाद ऐशबाग शब्बन चौराहा बरखेड़ी फाटक स्टेशन व बजरिया के आसपास मौजूद कमजोर आय वर्ग वाले इलाके इंस्टेंट लोन व ऑनलाइन गेम खिलाने वाले रैकेट के निशाने पर हैं। रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि यहां मौजूद सर्वाधिक मासूम बच्चे इस प्रकार के ऑनलाइन एंड्रॉयड एप्लिकेशन का इस्तेमाल कर शिकार बन रहे हैं।
- रातों-रात पैसा कमाकर अपने घर वालों की मदद करने का सपना देखने वाले मासूम बच्चे ऑनलाइन गेमिंग एप्लीकेशन के जरिए पैसा कमाने के चक्कर में इन एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
पैसा चुकाने के लिए ब्लैकमेलिंग: ऑनलाइन गेमिंग और इंस्टेंट लोन के जाल में फंसने के बाद मासूम बच्चों को ब्लैकमेल करने का सिलसिला शुरू होता है।
इंस्टेट लोन फ्रॉड और ऑन लाइन गेम एप से जुड़ चुका है। अभिभावकों को ध्यान देने की जरूरत है कि उनके बच्चे किस प्रकार के गेम खेल रहे हैं।
- श्रद्धा तिवारी, डीसीपी, जोन दो
Updated on:
08 Feb 2024 10:58 am
Published on:
08 Feb 2024 10:57 am
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
