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Janmashtami song mp3 : जन्माष्टमी के सुपरहिट भजन और गानों की देखिये पूरी लिस्ट

Krishna Janmashtami 2019 in Madhya Pradesh : जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में प्रस्तूत है कृष्ण भजनों का Best Collection, जन्माष्टमी festival song । मैं तो वृंदावन को जाऊँ सखी मेरे नैना लगे बिहारी से...

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भोपाल. भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव ( Shree krishna janmashtami ) की तैयारी राजधानी में जोरशोर से शुरू हो गई है। इस बार 24 अगस्त को जन्माष्टमी ( Shree krishna janmashtami 2019 ) मनाया जायेगा। मान्यता है कि श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। ऐसे में हर साल भाद्र महीने की अष्टमी को जन्माष्टमी मनाई जाती है।

कहते हैं कि भगवान कृष्ण का जन्म आधी रात को 5000 साल पहले इस धरती पर हुआ था। तब से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी ( krishna janmashtami 2019 ) का पर्व मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी पर भगवाव श्रीकृष्ण के भजन और गानों ( Krishna Janmashtami mp3 Songs ) को सुनने के लिये आज हम आपको टॉप भजनों की लिस्ट ( Janmashtami song mp3 ), जिनसे आप कान्हा के जन्मदिन पर सुन और सुना सकते हैं।

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1. बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया, का करे यशोदा मैया... ढूंढे रे अखियां उसे चहुंओर जानें कहां छुप गया नंदकिशोर
2. बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया, का करे यशोदा मैया... ढूंढे रे अखियां उसे चहुंओर जानें कहां छुप गया नंदकिशोर
3. यशोमती मैया से बोले नंदलाला... राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला
4. बड़ी देर भई नंदलाला तेरी राह तके बृजवाला... ग्वाल बाल एक-एक से पूंछे कहां है मुरलीवाला
5. ओ पालन हारे, निर्गुण और न्यारे... तुम्हरे बिन हमरा कोनो नाही

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6. रात भादौ की थी छाई काली घटा कृष्णा का जन्म लेना गजब हो गया
7. मोहन की द्वारका में चलके सुदामा आया
8. आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की। गले में बैजन्तीमाला बजावैं मुरलि मधुर बाला॥
9. हरे कृष्ण हरे कृष्ण , कृष्ण कृष्ण हरे हरे |
10. मुझे अपने ही रंग में रंगले मेरे यार सांवरे मेरे यार सांवरे, दिलदार सांवरे ऐसा रंग तू रंग दे

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श्रीकृष्ण के जन्म की कहानी

स्कंद पुराण के अनुसार द्वापरयुग में मथुरा में महाराजा उग्रसेन राजा के क्रूर बेटे कंस ने अपने पिता को सिंहासन से हटा दिया और खुद राजा बन गया। कंस का अत्याचार प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। कंस की एक बहन देवकी थी जिसका विवाह वासुदेव से हुआ। कंस अपनी बहन से बहुत प्रेम करता था। विवाह के बाद वह खुद ही देवकी को उसके ससुराल छोड़ने जाने लगा।

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इसी समय रास्ते में एक आकाशवाणी हुई, 'हे कंस जिस देवकी को तू इतने प्रेम से विदा कर रहा है उसका ही आठवां पुत्र तेरा काल होगा।' यह सुनते ही कंस क्रोधित हो गया और उसने देवकी और वासुदेव को बंधक बना लिया। कंस ने सोचा कि अगर वह देवकी के हर पुत्र को मारता गया तो वह अपने काल को हराने में कामयाब होगा। उसने यही शुरू किया। देवकी का जैसे ही कोई संतान पैदा होती, कंस उसे पटककर मार देता।