
साहसी होने के साथ ही रानी लक्ष्मीबाई बेहद सुंदर भी थीं
भोपाल. रानी लक्ष्मीबाई... नाम सुनते ही हमारे मन में एक बहादुर रानी की तस्वीर कौंधती है जिसने मरते दम तक अंग्रेजों से लोहा लिया था। उनकी बहादुरी के तमाम किस्से हर भारतीय ने सुने हैं। सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के साहस और शौर्य के आगे अंग्रेज परास्त से हो गए थे। हालांकि साम—दाम—दंड—भेद के बल पर आखिरकार अंग्रेज अपनी सत्ता बचाने में सफल रहे थे लेकिन रानी लक्ष्मीबाई की वीरता इतिहास में दर्ज हो चुकी थी।
बुंदेले हरबोलों के मुंह से हमने सुनी कहानी थी
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी...
सुभद्राकुमारी चौहान की ये अमर पंक्तियां झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और बहादुरी को बयां करती हैं। अपने पति की मौत के बाद उन्होंने झांसी का राजकाज संभाला था। उनकी रग रग देशभक्ति से भरी हुई थी और यही कारण है कि अंग्रेजों की तुलना में बेहद कम संसाधन होते हुए थी उनसे जा टकराईं। अंग्रेज उनकी बहादुरी देख दंग रह गए थे। खास बात यह है कि साहसी होने के साथ ही रानी लक्ष्मीबाई बेहद सुंदर भी थीं। कई अंग्रेज अफसर भी उनकी खूबसूरती के कायल थे और उनके प्रति प्रेम का भाव रखते थे।
रानी लक्ष्मीबाई स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़ीं थीं और अंग्रेजों से लोहा ले रहीं थीं। ऐसे में अंग्रेज उनके प्रति प्रेम भाव को कभी खुलकर व्यक्त नहीं कर सके लेकिन कुछ बड़े अंग्रेज अधिकारियों ने यह भावना प्रकट करने की हिम्मत दिखाई थी। भारत के तत्कालीन वायसराय लार्ड केनिंग भी उनमें से एक थे। लार्ड केनिंग ने अपने एक दस्तावेज में रानी लक्ष्मीबाई को बेहद खूबसूरत बताया था।
बाद में क्रिस्टोफर हिबार्ट ने एक किताब में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की खूबसूरती का उल्लेख किया। उन्होंने अपनी किताब द ग्रेट म्यूटिनी आफ इंडिया में लिखा कि रानी लक्ष्मीबाई इतनी खूबसूरत थीं कि कई अंग्रेज उनके प्रति प्रेम के भाव रखते थे। लार्ड केनिंग के दस्तावेजों का उल्लेख करते हुए क्रिस्टोफर हिबार्ट ने लिखा कि अनेक अंग्रेज अफसर रानी लक्ष्मीबाई के प्रति आकर्षित थे।
Published on:
23 May 2023 02:20 pm
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