पढ़ें ये खास खबर- मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन खत्म, देर रात 10 से ज्यादा मरीजों की मौत, शनिवार को भी यही थे हालात
कमलनाथ ने शहडोल मामले पर जताया दुख
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा कि, अब शहडोल में ऑक्सिजन की कमी से मौतों की बेहद दुखद ख़बर? भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर, जबलपुर, खंडवा, खरगोन में ऑक्सिजन की कमी से मौतें होने के बाद भी सरकार नहीं जागी? आखिर कब तक प्रदेश में ऑक्सिजन की कमी से यूं ही मौतें होती रहेगी?
CM शिवराज पर झूठे आंकड़े पेश करने का आरोप
कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर कोरोना के झूठे आंकड़े पेश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘शिवराज जी आप कब तक ऑक्सिजन की आपूर्ति को लेकर झूठे आंकड़े परोसकर झूठ बोलते रहेंगे। जनता रूपी भगवान रोज़ दम तोड़ रही है? प्रदेश भर की यही स्थिति, अधिकांश जगह ऑक्सिजन का भीषण संकट है?’
रेमडेसिविर अस्पतालों से गायब, सिर्फ नेताओं के बयानों में शेष- कमलनाथ
रेमडेसिविर इंजेक्शन के गलत बताए जा रहे आंकड़ों को लेकर कमलनाथ बोले- ‘रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी यही स्थिति है, सिर्फ़ सरकार के बयानो में व आंकड़ो में ही ऑक्सिजन व रेमड़ेसिविर उपलब्ध है, अस्पतालों से ग़ायब? सरकार कागजी बैठकों से निकलकर मैदानी स्थिति संभाले, स्थिति बेहद विकट है, प्रदेश वासियों को इस संकट से निकालें, ऑक्सिजन की आपूर्ति के युद्ध स्तर पर प्रयास करें, स्थितियां भयावह होती जा रही है।
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ये है मामला
जिले के शहडोल मेडिकल कॉलेज में शनिवार की देर रात ऑक्सीजन खत्म होने से कोविड केयर सेंटर में अफरा-तफरी मच गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ऑक्सीजन की कमी होने से 10 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीजों की दम घुटने से मौत हो गई।
इस तरह शुरु हुआ मौत का तांडव
शनिवार देर रात जैसे ही लिक्विड ऑक्सीजन टैंक में ऑक्सीजन की कमी होना शुरु हुई देखते ही देखते कोविड वार्डों में चीख-पुकार और मदद मांगने की आवाजें आनी शुरु हो गईं। आलम ये था कि, धीरे धीरे ऑक्सीजन की सेच्युरेशन घटने की वजह से एक के बाद एक 10 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि, ऑक्सीजन की इसी कमी के चलते शनिवार के दिन भी करीब 10 मरीजों ने यहां जान गवाई थी।
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गंभीर लापरवाही आई सामने
घटना के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा की गई जांच में सामने आया कि, LOM सप्लाई बंद होने की वजह से हुए हादसे में इतने लोगों को एक साथ जान गवानी पड़ी। जानकारी ये भी सामने आई है कि, शहडोल के मेडिकल कॉलेज ही आ रहे ऑक्सीजन टैंकर के दमोह के नजदीक ट्रैफिक में फसने की वजह से हुई लेटलतीफी के चलते कोविड सेंटर में ये घटना घटी है। हालांकि, इसे मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही कहा जाएगा, क्योंकि उन्होंने ऑक्सीजन का भंडारण कम होने के बावजूद पहले से मरीजों के लिये व्यवस्था नहीं की थी।
शुरुआती जांच में सामने आई ये बात
रात में सप्लाई LOM बंद होने से ऑक्सीजन की कमी बताया जा रहा है। वहीं, प्रबंधन के अनुसार ऑक्सीजन वाहन दमोह के आसपास रास्ते में कहीं ट्रैफिक जाम में फंस गया था। जिस कारण ऑक्सीजन यहां पर समय पर नहीं पहुंच सका। मौके पर पहुंची जांच टीम का भी मानना है कि, देर रात LOM की कमी बड़ी वजह सामने आई है। आईसीयू तथा अन्य बिस्तरों तक ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर कम हो गया था, जिसके चलते ये घटना सामने आई।
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प्रबंधन का तर्क- ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई मरीजों की मौत
वहीं, दूसरी तरफ शहडोल मेडिकल कॉलेज के प्रबंधक डॉ मिलिंद शिरालकर का कहना है कि, ये बात सच है कि, ऑक्सीजन वाहन पहुंचने में लेटलतीफी हुई है, लेकिन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई। उन्होंने कहा कि, जांच के लिए एक्सपर्ट्स की टीम बनाई गई है। जल्द ही विभाग को जांच करके रिपोर्ट सौपेंगे।
200 से अधिक मरीज मेडिकल कॉलेज में भर्ती
बता दें कि, मेडिकल कॉलेज में 200 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हैं, जिन्हें आईसीयू समेत अन्य बिस्तरों पर ऑक्सीजन पर रखा गया है। ऑक्सीजन प्रेशर कम होने से मरीज तड़पने लगे, जिसके चलते देर रात अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई।