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इस तरह शुरु हुआ मौत का तांडव
शनिवार देर रात जैसे ही लिक्विड ऑक्सीजन टैंक में ऑक्सीजन की कमी होना शुरु हुई देखते ही देखते कोविड वार्डों में चीख-पुकार और मदद मांगने की आवाजें आनी शुरु हो गईं। आलम ये था कि, धीरे धीरे ऑक्सीजन की सेच्युरेशन घटने की वजह से एक के बाद एक 10 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि, ऑक्सीजन की इसी कमी के चलते शनिवार के दिन भी करीब 10 मरीजों ने यहां जान गवाई थी।
गंभीर लापरवाही आई सामने
घटना के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा की गई जांच में सामने आया कि, LOM सप्लाई बंद होने की वजह से हुए हादसे में इतने लोगों को एक साथ जान गवानी पड़ी। जानकारी ये भी सामने आई है कि, शहडोल के मेडिकल कॉलेज ही आ रहे ऑक्सीजन टैंकर के दमोह के नजदीक ट्रैफिक में फसने की वजह से हुई लेटलतीफी के चलते कोविड सेंटर में ये घटना घटी है। हालांकि, इसे मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही कहा जाएगा, क्योंकि उन्होंने ऑक्सीजन का भंडारण कम होने के बावजूद पहले से मरीजों के लिये व्यवस्था नहीं की थी।
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रविवार दोपहर तक संकट की संभावना
फिलहाल, घटना के बाद जिला प्रशासन की टीम मामले की तफ्तीश के लिये मेडिकल कॉलेज पहुंच गई है। साथ ही, जिम्मेदारो की ओर से कहा गया है कि, रविवार की दोपहर तक मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की पूर्ति होने की संभावना है। यानी अब भी जब तक अस्पताल में ऑक्सीजन की पूर्ति नहीं होती, संक्रमित मरीजों की जान का खतरा बना रहेगा। इस लापरवाही के चलते मृतकों की संख्या का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।
शुरुआती जांच में सामने आई ये बात
रात में सप्लाई LOM बंद होने से ऑक्सीजन की कमी बताया जा रहा है। वहीं, प्रबंधन के अनुसार ऑक्सीजन वाहन दमोह के आसपास रास्ते में कहीं ट्रैफिक जाम में फंस गया था। जिस कारण ऑक्सीजन यहां पर समय पर नहीं पहुंच सका। मौके पर पहुंची जांच टीम का भी मानना है कि, देर रात LOM की कमी बड़ी वजह सामने आई है। आईसीयू तथा अन्य बिस्तरों तक ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर कम हो गया था, जिसके चलते ये घटना सामने आई।
प्रबंधन का तर्क- ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई मरीजों की मौत
वहीं, दूसरी तरफ शहडोल मेडिकल कॉलेज के प्रबंधक डॉ मिलिंद शिरालकर का कहना है कि, ये बात सच है कि, ऑक्सीजन वाहन पहुंचने में लेटलतीफी हुई है, लेकिन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई। उन्होंने कहा कि, जांच के लिए एक्सपर्ट्स की टीम बनाई गई है। जल्द ही विभाग को जांच करके रिपोर्ट सौपेंगे।
200 से अधिक मरीज मेडिकल कॉलेज में भर्ती
बता दें कि, मेडिकल कॉलेज में 200 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हैं, जिन्हें आईसीयू समेत अन्य बिस्तरों पर ऑक्सीजन पर रखा गया है। ऑक्सीजन प्रेशर कम होने से मरीज तड़पने लगे, जिसके चलते देर रात अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई।