
भोपाल. मंगलवार को हमीदिया अस्पताल में पहला किडनी ट्रांसप्लांट हुआ। यह प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल है, जहां यह संभव हुआ है। आंखों में सफलता की चमक के साथ डॉ हिमांशु शर्मा बताते हैं कि तमाम मुश्किलों के बीच हमारी टीम ने जीत हासिल की।
साढ़े चार घंटे चली सर्जरी
मुरैना जिले के पोरसा तहसील के गिदौली गांव क़े रहने वाले केशव शर्मा की दोनों किडनी खराब हो घुकी थीं। डॉक्टर ने ट्रांसप्लांट के लिए कहा तो उनकी पत्नी ने अपनी किडनी डोनेट करने की इच्छा जाहिर की। सोमवार शाम से डॉक्टर्स की टीम ट्रांसप्लांट की तैयारियों में जुटी थी। मंगलवार को साढ़े चार घंटे तक सर्जरी चली।
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सरकारी अस्पतालों पर बढ़ेगा विश्वास
ट्रांसप्लांट करने वाले डॉक्टर सौरभ जैन ने कहा कि यह हमारे लिए बड़ा अवसर था। हम यह ट्रांसप्लांट कर लोगों का विश्वास सरकारी अस्पताल में बढ़ाना चाहते थे, लेकिन फिर भी पहला किडनी ट्रांसप्लांट करने का दबाव था। आज जब ट्रांसप्लांट हो गया तो ऐसे लगा कि हमने दुनिया का कोई सर्वश्रेष्ठ अवार्ड हासिल कर लिया हो।
हमीदिया के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. हिमांशु शर्मा ने पहला किडनी ट्रांसप्लंट करने के बाद कहा कि मैं इसी कॉलेज से पढ़ा हूं यहां से एमडी करने के बाद हमीदिया अस्पताल में ही काम करने लगा। अस्पताल के लिए कुछ बड़ा करने का सपना था, लेकिन माँका नहीं मिल रहा था। फिर डीएम करने एम्स गया। वहां से लौटा तो किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट का सपना साथ लेकर आया। वर्ष 2017 में इसकी शुरुआत की। कई दिक्कतें आईं, कोरोना के चलते काम ठप हो गया, लेकिन हार नहीं मानी। आखिरकार मंगलवार को वो खुशी का पल आ गया, जब हमने हमीदिया अस्पताल में सफल किडनी ट्रांसप्लांट किया।
Published on:
08 Sept 2021 10:12 am
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