
Krishna Janmashtami 2024
Krishna Janmashtami 2024: आज विशिष्ट योगों में लड्डू गोपाल को झूला झुलाकर उनकी आरती की जा सकेगी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष योग-संयोग है। साथ ही स्मार्त और वैष्णव मत से इस बार जन्माष्टमी सोमवार को ही मनाई जा रही है। सुबह से अष्टमी लग चुकी है जो कि रात्रि 2.20 तक विद्यमान रहेगी।
पं. अमर डब्बावाला ने बताया, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार सोमवार को कृतिका नक्षत्र उपरांत रोहिणी नक्षत्र में व हर्षण योग की साक्षी में है। इस दिन विशेष यह है कि सुबह 5:15 से ही अष्टमी लग जाएगी जो रात्रि 2:20 तक विद्यमान रहेगी।
संयोग से नक्षत्र भी दोपहर से बदल जाएगा और जन्म के समय रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि संयुक्त रूप से रहेंगे। सोमवार की मध्य रात्रि में रोहिणी नक्षत्र के होने से सर्वार्थ सिद्धि नाम का योग बन रहा है। यह योग विशिष्ट योगों की श्रेणी में आता है। इस समय लड्डू गोपाल को झूला झुलाने का सबसे सही मुहुर्त है।
पं. डब्बावाला ने बताया, पंचांग की गणना में कई बार नक्षत्र व तिथि का अंतर आता है किंतु इस बार तिथि और नक्षत्र एक ही दिन है। इस दृष्टि से सोमवार को जन्माष्टमी मनाना शास्त्रोचित है। परंपराओं की बात करें तो वैष्णव परंपरा में दूसरे दिन मनाने का क्रम रहता है। शास्त्र तथा पंचांग की बात करेंगे तो 26 को ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है।
डब्बावाला ने बताया कि जन्माष्टमी पर शनि का कुंभ राशि में केंद्र योग बनना, साथ ही शनि का केंद्र में उपस्थित होना शश योग का निर्माण करता है। इस योग में विधिवत पूजन-अर्चना मनोवांछित फल प्रदान करती है। शास्त्रीय परंपरा में देव पूजन का महत्व बताया गया है। कृष्ण की साधना, उपासना करने वालों पर वैसे ही आकर्षण का प्रभाव रहता है। विशिष्ट आकर्षण व प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए कृष्ण की अलग-अलग प्रकार की साधना तपस्या करनी चाहिए।
Published on:
26 Aug 2024 11:02 am
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