
Science Lab on Wheels to Learning Science: विज्ञान के प्रयोग के लिए जिन स्कूलों में सुविधा नहीं है वहां पहियो पर लैब भेजी जाएगी। प्रायोगिक परीक्षा के लिए लैब ऑन व्हील शुरू की जाएगी। यह व्यवस्था उन स्कूलों के लिए जहां लैब नहीं है।
राजधानी भोपाल में आठ सौ से ज्यादा सरकारी स्कूल हैं। इनमें प्राइमरी मिडिल से लेकर हाई और हायर सेकंडरी स्कूल शामिल हैं। स्कूलों में परीक्षा तैयारी का दौर शुरू हो गया है। इसमें प्रैक्टिकल एग्जाम भी शामिल है। ग्रामीण क्षेत्र के कुछ स्कूलों में विज्ञान की लैब नहीं होने से दिक्कत आ रही है। ऐसे में चलित प्रयोग शाला यानी लैब ऑन व्हील शुरू की जाएगी। इसके सहारे बच्चे विज्ञान के प्रयोग कर सकेंगे। इसमें शिक्षक और विज्ञान के एक्सपर्ट रहेंगे।
राजधानी में आठ सीएम राइज स्कूल हैं, लेकिन आधे से ज्यादा के भवन अधूरे हैं। दूसरे स्कूलों में इनकी कक्षाएं लग रही हैं। यहां प्रायोगिक परीक्षा को लेकर दिक्कत आ सकती है। ऐसे में चलित प्रयोगशाला (Mobile Lab) का सहारा लिया जा सकता है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल 10 फरवरी से प्रायोगिक परीक्षा कराएगा, जो 25 फरवरी तक चलेगी। ये नियमित विद्यार्थियों के लिए है। परीक्षा में स्वध्यायी के रूप में शामिल हो रहे छात्रों की प्रायोगिक परीक्षा 27 फरवरी से 25 मार्च के बीच होगी।
इस प्रयोग की सबसे पहले शुरुआत राज्य ओपन बोर्ड ने की थी। स्कूलों में चलित प्रयोशालाएं भेजी गई थीं। इसके बाद 53 स्कूलों में स्थाई लैब बनाई गई।
स्कूलों में प्रयोगशालाएं स्थापित हो चुकी हैं। जहां व्यवस्था नहीं है वहां चलित प्रयोगशाला की व्यवस्था होगी।
-एनके अहिरवार, जिला शिक्षा अधिकारी
Updated on:
07 Oct 2025 01:07 pm
Published on:
06 Nov 2024 11:49 am
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