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‘जमीन की नपती’ होगी डिजिटल, खसरा-भू स्वामी की तुरंत मिलेगी डिटेल

MP News: मप्र सरकार, डिजिटल इंडिया लैंड रेकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के तहत भूमि रेकॉर्ड के डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण पर काम कर रही है।

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: एमपी के भोपाल शहर में जमीन नपती के मामलों में भू-स्वामी से लेकर राजस्व अफसरों- कर्मचारियों को अपने कार्यालय से अब बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। जीआइएस आधारित इमेजनरी से अक्टूबर में नपती शुरू होगी। वेबजीआइएस से ये संभव होगा। इसमें खसरा, भू स्वामी की डिटेल से जमीन की स्थिति एक क्लिक पर सामने होगी। जरूरत पडऩे पर भौतिक सर्वेक्षण कर इसे पुख्ता किया जाएगा। जिला प्रशासन ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली है।

गौरतलब है कि अभी भोपाल में जमीन की नपती की व्यवस्था पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरीकों का मिश्रण है। मप्र सरकार, डिजिटल इंडिया लैंड रेकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के तहत भूमि रेकॉर्ड के डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण पर काम कर रही है।

अभी ये है व्यवस्था

पटवारी और राजस्व विभाग के अधिकारी जमीन की नपती के लिए फीते, जरीब, और टोटल स्टेशन का उपयोग करते हैं। ये भूमि के पुराने नक्शों (नक्शा-खसरा) पर आधारित है। इसमें मौके पर जाकर भौतिक रूप से माप लिया जाता है। प्रदेश में भूमि से संबंधित कई सेवाएं ऑनलाइन भी हैं। किसान अपनी जमीन का रेकॉर्ड, खसरा-खतौनी, और नक्शा ऑनलाइन देख सकते हैं।

अब नपती भी जीआइएस आधारित होगी

जमीन नपती में जीआइएस आधारित प्रणाली लागू हो रही है, ताकि भूमि प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और सटीक बनाया जा सके। ड्रोन मैपिंग के तहत नक्शा नामक एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें शहरी बस्तियों और गांवों के भूमि सर्वेक्षण के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। सैटेलाइट से प्राप्त ऑर्थोरेक्टिफाइड इमेजरी का उपयोग जीआइएस प्रणाली में किया जाता है।

जमीन की सीमा से जुड़े मामलों में इससे लाभ मिलेगा। अब जरूरत होने पर ही भूमि की सीमा तक जाना होगा। जहां जरूरत नहीं है वहां ऑनलाइन नपती हो जाएगी। कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर