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विधानसभा की तर्ज पर लोकसभा चुनाव 2024 में भी भाजपा चुनाव से काफी पहले अपने प्रत्याशियों की पहली सूची घोषित कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा की तैयारी है कि फरवरी में पहली सूची जारी कर दी जाए। क्योंकि इसी माह चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है।
मध्य प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद भाजपा ने पहला चिंतन रखा। दिग्गजों ने बैठक में आगे के रोडमैप तय किए। लोकसभा चुनाव में महज तीन माह बाकी हैं। ऐसे में सबसे पहले लोकसभा के लक्ष्य तय किए गए हैं। आचार संहिता के पहले ही फरवरी मध्य या अंत तक लोकसभा के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है। यह प्रयोग विधानसभा चुनाव के दौरान अपनाया गया था। इसके अच्छे नतीजे देख लोकसभा चुनाव में अपनाए जा सकते हैं।
इसके संकेत औपचारिक व अनौपचारिक बैठक में दिए गए। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा, विधानसभा में जो कमजोर क्षेत्र रह गए, उन पर काम करें। 22 जनवरी के बाद डेढ़ माह तक राम मंदिर कैम्पेन-ड्राइव चलेगा। इसमें हर लोकसभा सीट से 10 हजार यानी कुल 2.90 लाख लोगों को भाजपा रामलला के दर्शन कराएगी।
हारी सीटों का देंगे जिम्मा
सीहोर की चिंतन बैठक राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, सीएम डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और केंद्रीय सदस्यीय बोर्ड सदस्य सत्यनारायण जटिया ने ली। बैठक में क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, व अन्य मौजूद थे। बैठक में तय हुआ कि हारी सीटों और हारे बूथों की जिम्मेदारी तय होगी। इसमें सभी बड़े नेताओं और मंत्रियों को जिम्मेदारी दी जाएगी।
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा कैंपेन
दिग्गज नेताओं ने ये भी साफ कर दिया कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को घर-घर तक पहुंचाना है। लोकसभा चुनाव में बंपर वोट शेयर की आस में हर वोटर व हर हितग्राही तक राम मंदिर को पहुंचाने के लिए कहा है।बंपर वोट शेयर की उम्मीदें- चिंतन बैठक में लोकसभा चुनाव में 10% वोट शेयर बढ़ाने का लक्ष्य दिया है। विधानसभा में 48% तक वोट शेयर हासिल हो चुका है। विधानसभा में बूथ नेटवर्क की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हो चुकी है। दूसरे राज्यों को इसे फॉलो करने को कहा है।
ये लक्ष्य तय किए
1. हारे बूथ व हारी सीटों पर प्रभारी तैनात होंगे।
2. बड़े नेताओं को अंचल व मंत्रियों को जिले-सीट देंगे।
3. फरवरी मध्य या अंत तक टिकट की पहली सूची।
4. बूथ, पन्ना-अर्द्धपन्ना, मंडलम, जिला, संभाग, राज्य पर काम।
5. वोट शेयर में बूथ से लेकर राज्य स्तर तक 10% वृद्धि।
6. दलित-आदिवासी अंचल और छिंदवाड़ा-मंडला में काम।
7. सत्ता-संयुक्त भागीदारी से कैंपेनिंग पर फोकस।
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नए लोगों को मिलेगा मौका
मध्यप्रदेश में हाल ही में भाजपा ने जो फार्मूला अपनाया था, उसे लोकसभा चुनाव में भी अपनाने की तैयारी चल ही है। क्योंकि भाजपा ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में 18 सांसदों को विधानसभा में उतारा था, जिनमें से चार केंद्रीय मंत्री थे। इनके परिणाम काफी अच्छे आए थे। सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश में फिलहाल 29 में से 28 सीटों पर भाजपा के सांसद थे। जबकि छिंदवाड़ा अकेली ऐसी सीट थी, जिस पर कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ के पुत्र नकुल नाथ चुनाव जीते थे। अब भाजपा छिंदवाड़ा के साथ ही उन 7 सीटों पर भी फोकस कर रही है, जो हाल ही में खाली हुई है। कुल मिलाकर इस बार मध्यप्रदेश की 29 सीटों में से 15 सीटों पर नए नाम चौंका सकते हैं।
Updated on:
12 Jan 2024 01:49 pm
Published on:
12 Jan 2024 01:40 pm
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