हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि इन हालातों के बीच कोरोना की मध्यप्रदेश में दस्तक के तुरंत बाद सत्ता परिवर्तन का दैव योग न बनता, तो क्या होता? सृजन का संकल्प न हो और दोषारोपण की संस्कृति का अभिमान न छूटे तो नेक सलाह भी उलझन के सिवाय कुछ नहीं दे सकती। जिन राज्यों में विगत नौ वर्षों से गैर भाजपा सरकारें हैं, उनमें ऐसे लक्षण एकरुपता दिखाते हैं। मध्यप्रदेश भी इससे अछूता कैसे रहता? मोदी के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ जंग मध्यप्रदेश में दम तोड़ देती और कल्पना से परे तस्वीर हमारे दुर्भाग्य का प्रतीक बन जाते। जिस तत्परता से शिवराज जी ने मध्यप्रदेश को कोरोना से बचाने की जंग में खुद को झोंक दिया, कोरोना की चपेट में आकर भी एक क्षण के लिए जंग से दूर न हुए, उच्च स्तरीय बैठकों से लेकर ऑक्सीजन टैंकर के चालक तक से संपर्क में रहे, एक भी दवा, सुविधा और संसाधन का अभाव नहीं होने दिया, ऐसे कठोर तप समान प्रयासों की कल्पना पिछली सरकार के मुखिया से की जा सकती थी? संकट अपने साथ पुनर्निर्माण और भरोसे की पुनर्स्थापना की चुनौती भी लेकर आता है। शिवराज जी ने संकट का न केवल सामना कर प्रदेश के नागरिकों की रक्षा की, बल्कि पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को गति देते हुए जनसहभागिता के माध्यम से मध्यप्रदेश में भरोसे का वातावरण बनाया।
कोरोना से प्रदेश की आर्थिक स्थिति, रोजगार, उद्योग धंधे, बाजार काफी हद तक प्रभावित हुए, जिसे उन्होंने संभालते हुए अब तक का सबसे ब?ा 3.14 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जिसमें महिलाओं के लिए 1.02 लाख करोड़ रुपए का बजट है। शिवराज सिंह चौहान अपने पहले कार्यकाल से ही बालिकाओं, महिलाओं, किसान और युवाओं पर फोकस रखते रहे हैं। चौथे कार्यकाल में लाड़ली लक्ष्मी योजना को नए स्वरूप में शुरू किया, तो लाड़ली बहना योजना की शुरुआत भी की जा रही है, जिसमें महिलाओं को प्रतिमाह एक—एक हजार रुपए दिए जाएंगे। महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए आजीविका मिशन के तहत महिलाओं के स्व सहायता समूह गठित किए जा रहे हैं।
कोरोना से उपजे रोजगार के संकट को दूर करने जनवरी, 2022 से प्रतिमाह रोजगार मेले के आयोजन की शुरुआत की गई, जिसमें अब तक करीब 15 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया। इंदौर में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 15 लाख 42 हजार 550 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए। इनसे लाखों युवाओं को अवसर मिलेंगे। प्रदेश में 3.54 करोड़ नागरिकों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत मध्यप्रदेश में इस वर्ष के अंत तक 7.25 लाख आवास तैयार हो जाएंगे। कायाकल्प अभियान के तहत प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 750 करोड़ रुपए की लागत से सडक़ों के निर्माण एवं संधारण के कार्य होंगे। इंदौर और भोपाल में मेट्रो रेल की शुरुआत जल्द होगी। अमृत 2.0 के तहत प्रदेश के सभी 413 नगरीय निकायों एवं 5 छावनी परिषद में 12 हजार 858 करोड़ रुपए से कार्य कराए जाएंगे।
ईश्वर के वरदान और करोड़ों नागरिकों की प्रार्थना का साकार स्वरूप हैं शिवराज सिंह चौहान और उनके नेतृत्व में जनकल्याणकारी भाजपा सरकार। ये तीसरा वर्ष है, जो विकास यात्रा का महज एक पड़ाव है। गरीब के जीवन में बदलाव और प्रदेश की प्रगति की यह यात्रा अंत्योदय के लक्ष्य की प्राप्ति तक अनवरत जारी रहेगी, यही हम सभी का संकल्प और आप सभी प्रदेशवासियों की कामना है, जो फलीभूत होती रहेगी।
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