
ayushman card: बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में मध्यप्रदेश ने केरल को पीछे छोड़ दिया है। मप्र अब संयात्मक और प्रतिशत दृष्टि से देश में नंबर एक पर आ गया है। यहां तीन लाख 87 हजार 402 बुजुर्गों के कार्ड बन चुके हैं। दूसरे पर केरल और तीसरे नंबर पर चंडीगढ़ है। अरुणाचल प्रदेश सबसे पीछे है। 35 हजार में से आठ कार्ड बन सके हैं। मप्र में 70 प्लस आयु वालों के कार्ड बनाने के काम में तेजी लाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर काम किया जा रहा है। कार्ड जितने जल्दी बनेंगे उतनी जल्दी उन्हें 5 लाख का अतिरिक्त स्वास्थ्य कवर मिल सकेगा।
अधिकारियों के अनुसार एमपी में प्रतिदिन 35 से 40 हजार वरिष्ठ नागरिकों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसके लिए आशा कार्यकर्ता, एएनएम और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर डोर टू डोर दस्तक दे रहे हैं। अस्पतालों और सार्वजनिक स्थलों पर विशेष कैंप आयोजित किए जा रहे हैं।
प्रदेश में 34 लाख 73 हजार 325 आयुष्मान कार्ड बनाए जाना हैं। इनमें से 11.15% बन चुके हैं। आयुष्मान कार्यालय ने 15 जनवरी तक सभी कार्ड बनाने का लक्ष्य तय किया है।
प्रदेश में अभी सिवनी जिले में तेजी से कार्ड बनाए जा रहे हैं। 38% बुजुर्गों के कार्ड बनाए जा चुके हैं। दूसरे स्थान पर बैतूल में 34.52%और तीसरे पर बालाघाट है जहां 31ज% बुजुर्गों के कार्ड बन चुके हैं। सबसे फिसड्डी राजगढ़ जिला है। यहां केवल 3.42 प्रतिशत बुजुर्गों के कार्ड ही बनाए गए हैं।
टॉप तीन राज्य राज्य
1.मध्यप्रदेश -387402- 11.15%
2. केरल- 292983-10.91
3. चंडीगढ़- 3354-08.73
कार्ड बनाने के लिए कार्ययोजना बनाकर काम किया जा रहा है। प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है। जनवरी तक हम सभी बुजुर्गों के कार्ड बना लेंगे।
-डॉ. योगेश भरसट, सीईओ, आयुष्मान भारत एमपी
Updated on:
23 Nov 2024 08:54 am
Published on:
23 Nov 2024 08:53 am
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