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MP election 2018: भाजपा-कांग्रेस कार्यालय की बढ़ाई गई सुरक्षा, जानिये क्यों?

दावेदारों का दिल्ली में जमघट, भोपाल में सन्नाटा, शाम को बढ़ी समर्थकों की भीड़...

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MP election 2018: भाजपा-कांग्रेस कार्यालय की बढ़ाई गई सुरक्षा, जानिये क्यों?

भोपाल। भाजपा और कांग्रेस के टिकट घोषित होने की खबर ने गुरुवार को दावेदारों की हच-चल बढ़ा दी। दोनों दलों की गतिविधियों का मुख्य केंद्र दिल्ली रहा। भाजपा की बैठक शाम को शुरू हुई। वहीं, एआइसीसी मुख्यालय में भी उम्मीदवारों की सूची में काट-छांट होती रही।

कांग्रेस की पहली सूची जारी होने की भी संभावना थी। इसकी चर्चा दिनभर होती रही। भाजपा-कांग्रेस प्रदेश कार्यालयों में दिन में सन्नाटा रहा, लेकिन लिस्ट जारी होने की चर्चा के बाद शाम को भीड़ बढ़ गई। इस बीच टिकट कटने से असंतुष्ट दोनों दलों के दावेदारों के प्रदेश कार्यालयों में तोडफ़ोड़ करने की आशंका बढ़ गई। इसके चलते यहां भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।

2013 में भाजपा के टिकटों की घोषणा होते ही भोपाल मध्य से दावेदारी कर रहे धु्रवनारायण ङ्क्षसह के समर्थकों ने उग्र प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों ने कार्यालय के शीशे तोड़ दिए थे। उधर, कांग्रेस दफ्तर पर भी सूची जारी होने के तत्काल बाद नासिर इस्लाम और अन्य नेताओं के सर्मथकों ने प्रदर्शन किया था।

दिनभर दिल्ली संपर्क साधते रहे भाजपा के कई नेता
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार देर रात दिल्ली पहुुंचे। बाकी बड़े नेता पहले से ही दिल्ली में डेरा डाले हुए थे।

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केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के पहले दोपहर में सीएम और प्रदेश अध्यक्ष राकेश ङ्क्षसह ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से उनके बंगले में अलग से चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह ने प्रदेश के नेताओं के साथ केंद्रीय चुनाव समिति अलग बैठक की।

कई दावेदारों ने नरेंद्र ङ्क्षसह तोमर, राकेश ङ्क्षसह, थावरचंद गेहलोत आदि के बंगलों पर जमघट लगाए रखा।

कांग्रेस में चलती रही टिकटों पर माथापच्ची

एआइसीसी में कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, अजय सिंह और स्क्रीनिंग कमेटी विवादित सीटों के लिए उम्मीदवार तय करने की माथापच्ची करते रहे।

कांग्रेस अब तक करीब 180 सीटों पर सिंगल नाम तय कर चुकी है। 50 सीटों पर पेंच फंसा हुआ है। कांग्रेस में गुटबाजी से उठा विवाद दिनभर चर्चा में रहा। दिल्ली में सिंधिया और दिग्विजय के बीच विवाद की चर्चा पीसीसी में भी रही।

देर शाम तक सूची जारी होने को लेकर असमंजस बना रहा। पीसीसी कार्यालय से मीडिया विभाग की टीम ने पूरी गतिविधियों पर नजर रखी।