
भोपाल।सीआरपीएफ के मप्र सेक्टर मुख्यालय में पत्रिका विमोचन समारोह एवं राजभाषा कार्यान्वयन समिति की तिमाही समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता सेक्टर के पुलिस महानिरीक्षक प्रमोद कुमार पांडेय ने की। समारोह में वार्षिक पत्रिका ‘प्रवाह’ के इ-प्रारूप का विमोचन किया गया। इसके बाद हिंदीतर भाषी कार्मिकों की व्याख्यान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतियोगियों ने नक्सलवाद, स्वच्छ भारत, कैशलैस भारत जैसे विषयों पर व्याख्यान दिए।
प्रोग्रामिंग कर बच्चों ने तैयार किए रोबोट
भोपाल के रीजनल साइंस सेंटर में चल रही सात दिवसीय वर्कशॉप में रविवार को बच्चों को रोबोटिक्स, मैथ्स और तोड़-फोड़-जोड़ की ट्रेनिंग दी गई। बच्चों ने विज्ञान की नई तकनीकों और अपनी दिनचर्या में रोबोटिक्स के प्रयोगों के बारे में जाना। रोबोटिक्स वर्कशॉप में स्टूडेंट्स को रोबोट और उसके सेंसर के बारे में बताया गया।
बच्चों को सबसे पहले रोबोट की प्रोग्रामिंग के बारे में बताया गया। इसके बाद खुद रोबोट का कंस्ट्रक्शन और असेम्बिलिंग करना सीखा। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद तैयार रोबोट की खुद ही प्रोग्रामिंग भी की। रोबोट्स को फॉरवर्ड, बैकवर्ड, मूवमेंट और रोटेशन से कमांड किया।
एवरेस्ट फतह कर रचा इतिहास
चुनौतियां स्वीकार करना और उन पर जीत हासिल करना हमारे सैनिकों के लिए बड़ी बात नहीं है। युद्ध क्षेत्र में अपनी मातृभूमि की रक्षा का कोई भी अवसर ये अपने हाथ से नहीं जाने देते। ऐसा ही एक अभियान माउंट एवरेस्ट पर फतह का भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के वीर जवानों ने मई 1992 में किया था।
जब पूरा देश भीषण गर्मी से तप रहा था, तब भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के कुछ बहादुर जवान हड्डी गला देने वाली हिमालय की बर्फीली ऊंची चोटियों को कदम-दर-कदम नापते हुए बुलंद हौसलों के सहारे सर्वोच्च शिखर की बुलंदी पर भारतीय ध्वज तिरंगा फहराने का एक बार फिर इतिहास रचने जा रहे थे। पर्वतारोहण अभियान की वास्तविक तस्वीरों से सजी-संवरी इस सैन्य फिल्म के रियल हीरोज थे आईटीबीपी के जवान। इन पर केंद्रित सैन्य फिल्म आईटीबीपी कॉन्कर एवरेस्ट का प्रदर्शन रविवार को शौर्य स्मारक में किया गया।
Published on:
30 Apr 2018 06:16 pm
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