
Map of 17 villages will be changed for the Indore-Pithampur Economic Corridor- demo pic
mp map- मध्यप्रदेश में बड़ी कवायद चल रही है। यहां के 49 गांवों को इधर से उधर किया जा रहा है। बाघों के लिए इन गांवों में बसे लोगों को विस्थापित किया जा रहा है। गांवोें के इस विस्थापन से प्रदेश के कई जिलों का नक्शा पूरी तरह बदल जाएगा।
मध्यप्रदेश के सबसे बडे़ टाइगर रिजर्व वीरांगना रानी दुर्गावती नौरादेही टाइगर रिजर्व में यह विस्थापन किया जा रहा है। टाइगर रिजर्व में बसे तीन जिलों सागर, दमोह और नरसिंहपुर के गांवोें को घने जंगलों से हटाया जा रहा है। वन विभाग और राजस्व विभाग मिलकर यह काम कर रहे हैं। इस विस्थापन पर अभी तक करीब 600 करोड़ रूपए खर्च किए जा चुके हैं।
नौरादेही टाइगर रिजर्व की करीब एक साल पहले अधिसूचना जारी की गई थी। आधिकारिक रूप से अस्तित्व में आने से करीब 10 साल पहले ही यहां बसे गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया शुरु कर दी गई थी हालांकि यह काम अभी तक अधूरा ही है। नौरादेही टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में 93 गांव थे जिनमें से अब तक सिर्फ 44 का ही विस्थापन हो सका है।
दमोह जिले में सबसे ज्यादा 31 गांवों का विस्थापन किया जाना है जबकि सागर और नरसिंहपुर जिले के 18 गांवों को भी हटाया जाना है। इस प्रकार कुल 49 गांवों को विस्थापित कर इधर से उधर किया जाएगा। इस साल ही 10 गांवों का विस्थापन होने की संभावना है। सागर जिले के 8 गांव और नरसिंहपुर जिले के 1 गांव के विस्थापन की प्रक्रिया तेज हो गई है।
सभी 93 गांवों के विस्थापन के साथ ही नौरादेही टाइगर रिजर्व के अंतर्गत तीन जिलों सागर, दमोह और नरसिंहपुर के नक्शे बिल्कुल बदल जाएंगे। बता दें कि टाइगर रिजर्व 2,339 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है। इसमें 1414 वर्ग किमी का कोर एरिया और 925.12 वर्ग किमी का बफर एरिया है।
नौरादेही टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार टाइगर रिजर्व में कुल 93 गांव कोर एरिया में थे जिनमें से अब तक 44 गांव विस्थापित कर दिए हैं, इस वर्ष 10 गांवों के विस्थापन की तैयारी है। विस्थापन की प्रक्रिया में काफी तेजी आ चुकी है।
Updated on:
28 Apr 2025 06:33 pm
Published on:
28 Apr 2025 06:10 pm
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