MP Promotion Policy 2025: मोहन सरकार की ओर से कर्मचारियों-अधिकारियों की पदोन्नति के लिए जारी किए गए नए नियमों के विरोध के स्वर बड़े हो चले हैं। आज से मंत्रालय में ये विरोध नजर आने लगा है। यहां पदस्थ अनारक्षित वर्ग के अधिकारी कर्मचारी दफ्तर में काली पट्टी लगाकर काम करने पहुंचे हैं।
वहीं अब 26 जून गुरुवार को मंत्रालय में सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारी एकजुट होकर प्रदर्शन कर आंदोलन की रणनीति बनाएंगे। इधर सपाक्स (स्पीक) ने भी इस मामले को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सपाक्स ने 29 जून को बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी कर्मचारी-अधिकारी संगठनों को बुलाया गया है।
मंत्रालय अधिकारी कर्मचारी सेवा संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने मंत्रालयीन कर्मचारियों और अधिकारियों से कहा है कि अभी नए पदोन्नति नियमों और पुरानी व्यवस्था में पदोन्नति के 36 प्रतिशत पद आरक्षित वर्ग को दिए जाएंगे। इनमें 20 प्रतिशत एसटी और 16 प्रतिशत एससी वर्ग के लोग शामिल होंगे। इसके बाद अनारक्षित वर्ग के लिए पदोन्नति के लिए जो 64 प्रतिशत पद बचेंगे, उसमें भी आरक्षित वर्ग के लोग वरिष्ठता के हिसाब से आएंगे और अनारक्षित वर्ग का हक मारेंगे।
उन्होंने कहा कि आरक्षित वर्ग का कोई व्यक्ति ऊंचे पद पर पहुंचता है तो, लंबे समय तक रहता है और सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग का अधिकारी कुछ समय के लिए ही पद पर रहकर रिटायर हो जाता है। क्या हमारा प्रदेश की और राष्ट्र की उन्नति में कोई योगदान नहीं है। क्या सामान्य और पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के लोग साइबेरिया से आए हैं। इस तरह की तुष्टिकरण की कार्यवाही सरकार क्यों कर रही है।
दूसरी ओर सपाक्स के अध्यक्ष डॉ. केएस तोमर ने कहा कि बीते दिन 24 जून, मंगलवार को मंत्रालय में हुई बैठक में वह भी शामिल हुए थे। कर्मचारियों, अधिकारियों को लोकसेवा पदोन्नति नियम 2025 के उन प्रावधानों की जानकारी दी गई है जो अनारक्षित वर्ग का हक मारने वाले हैं। तोमर के मुताबिक, सरकार तो अनारक्षित वर्ग की बात ही नहीं सुनना चाहती है, इसलिए आंदोलन और कोर्ट जाने के अलावा इस वर्ग के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा है। ऐसे में 29 जून को बैठक आयोजित की जाएगी। यह बैठक राजधानी के नार्मदीय भवन में होगी। इसी बैठक में इस वर्ग के हितों को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।
Published on:
25 Jun 2025 12:37 pm