17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब 8 करोड़ से ज्यादा लोगों की होगी स्क्रीनिंग, होने जा रही है इस खास अभियान की शुरूआत

प्रदेशभर की करीब 8.5 करोड़ आबादी का बुखार का सर्वे किया जाएगा। इस महाभियान में आम लोगों से उनकी सेहत से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे।

3 min read
Google source verification
news

अब 8 करोड़ से ज्यादा लोगों की होगी स्क्रीनिंग, होने जा रही है इस खास अभियान की शुरूआत

भोपाल/ मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। इसकी रोकथाम के लिए प्रशासन कई तरह के प्रयास कर रहा है। इसी के तहत अब प्रदेशभर में बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग की तैयारी की जा रही है। प्रदेश भर में 1 जुलाई से 'किल कोरोना' अभियान की शुरूआत होने जा रही है। हालांकि, राजधानी भोपाल में इस कैम्पेन की शुरुआत 27 जून से की जा चुकी है। इसमें भोपाल के साथ ही प्रदेशभर की करीब 8.5 करोड़ आबादी का बुखार का सर्वे किया जाएगा। इस महाभियान में आम लोगों से उनकी सेहत से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। लोगों के जवाब से, कोरोना वायरस, डेंगू, मलेरिया के मरीजों की पुष्टी की जाएगी।

पढ़ें ये खास खबर- Corona Update : मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 12965, अब तक 550 ने गवाई जान


हर एक व्यक्ति का होगा रैपिड टेस्ट

बीमारी के लक्षणों के आधार पर मौके पर ही रैपिड टेस्ट किट से जांच होगी। अगर रैपिड टेस्ट में रिजल्ट पॉजिटिव आता है, तो सैम्पल लैब में जांच के लिए भेजे जाएंगे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर में करीब 23 हजार से ज्यादा टीमों को तैयार किया है।

पढ़ें ये खास खबर- उपचुनाव से पहले MP की राजनीति में हुई चीन की ऐंट्री, जगह-जगह कमलनाथ का पुतले फूंकेगी भाजपा


राजधानी में 800 टीमें रोजाना करेंगी 1 लाख 98 हजार लोगों का सर्वे

मेगा फीवर कैम्पेन में हर दिन टीम को सर्वे के लिए टारगेट दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, राजधानी भोपाल में 795 टीमें रोजाना 1 लाख 98 से जयादा लोगों तक पंहुचकर जानकारी इकठ्ठा करेंगी। इसी तरह प्रदेशभर की 22 हजार टीम हर दिन पांच लाख 70 हजार से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग करेगी।

पढ़ें ये खास खबर- MP पुलिस की पहल : इस तरह जरूरतमंदों की जान बचा रहा है मिशन 'रक्‍तांजलि'


संदिग्ध लक्षणों वाले मरीजों की रैपिड किट से तुरंत होगी जांच

स्क्रीनिंग के दौरान सर्वे टीम के पास रेपिड जांच किट होगी। हालाचाल जानने के दौरान अगर किसी व्यक्ति में डेंगू या मलेरिया के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उनकी रेपिड किट से जांच की जाएगी। बसे पहले इसकी जानकारी नोडल सेंटर को दी जाएगी। वहीं, अगर कोरोना के संदिग्ध मरीज मिलता है तो उसकी जानकारी भी नोडल अधिकारी को दी जाएगी। इसके साथ ही बुखार या अन्य लक्षणों वाले मरीजों को पास के फीवर क्लीनिक में रेफर किया जाएगा।

पढ़ें ये खास खबर- Corona Effect : इस बार मानसून में पिकनिक स्पॉट्स नहीं जा सकेंगे आप


विशेष किट के साथ होगी स्क्रीनिंग

सर्वे के लिए हर टीम को विशेष किट दी जाएगी। इस किट में पल्स ऑक्सीमीटर, इन्फ्रारेड थमार्मीटर, ट्रिपल लेयर, सर्जिकल ग्लव्स, कॉटन, सैनिटाईजर के साथ रैपिड डायग्नोस्टिक किट, क्लोरोक्वीन, प्राइमाक्वीन और पैरासिटामॉल टैबलेट दी जाएगी। हर टीम को बायोमेडिकल वेस्ट बैग दिया जाएगा, ताकि बायोमेडिकल वेस्ट इधर उधर ना फेंका जाए।

पढ़ें ये खास खबर- खुलासा : इन लोगों पर है कोरोना वायरस से मौत का सबसे ज्यादा खतरा, जानें बचाव

ये लक्षण से तय होगा बीमारी

-कोरोना के संदिग्ध

पिछले 10 दिनों के भीतर खांसी/ सांस लेने में परेशानी, गले में दर्द/ खराश के साथ 100 डिग्री बुखार है तो संदिग्ध मरीज की पिछले 7 दिनों में की गई यात्रा/ किसी पॉजिटिव के संपर्क में आने की जानकारी लेकर सार्थक एप में उसे दर्ज कर नजदीकी फीवर क्लीनिक में रेफर किया जाएगा।

-मलेरिया

बुखार के साथ कंपकपी, सिरदर्द/उल्टी/ कमजोरी/ चक्कर और पसीना आकर बुखार उतर जाने वाले मरीज की सूचना क्षेत्रीय एएनएम को दी जाएगी। एएनएम रैपिड किट से जांच कर रिजल्ट पॉजिटिव आने पर मलेरिया के उपचार के लिए नजदीकी डॉक्टर के पास भेजेंगी।

-डेंगू

तेज बुखार के साथ आंखों के पीछे दर्द/ मांसपेशियों और सिर में तेज दर्द/शरीर पर लाल चकत्ते के लक्षणों वाले मरीजों पास के फीवर क्लीनिक में भेजेंगे। यहां डेंगू के लक्षण मिलने पर सैम्पल एलाइजा टेस्ट के लिए भेजे जाएंगे। न लक्षणों के अलावा दूसरे बुखार वाले मरीजों को भी फीवर क्लीनिक में रेफर किया जाएगा।