28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जनता के नाम रही बैठक, निकाय चुनाव से लेकर लाड़ली बहना योजना तक, जानें MP Cabinet के अहम फैसले

MP Cabinet: मध्य प्रदेश कैबिनेट मीटिंग में आम जन को मिले अधिकार, स्वदेशी आंदोलन शुरू करेगी भाजपा, सबसे अहम अब डायरेक्ट होंके नगरीय निकाय चुनाव, लाड़ली बहना योजना पर भी लिया अहम फैसला...

4 min read
Google source verification
MP Cabinet Meeting

MP Cabinet Meeting: पत्रिका (फोटो: सोशल मीडिया)

MP Cabinet: डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक पूरी तरह से जनता को समर्पित रही। कैबिनेट में सभी अहम फैसले आमजन के लिए लिए गए, खासतौर पर महिलाओं और नगरीय विकास से सीधे तौर पर जुड़े नजर आए। इससे मोहन यादव सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि हर निर्णय जन हित और सशक्तिकरण के लिए होना चाहिए। patrika.com पर पढ़ें, मंगलवार 9 सितंबर को हुई कैबिनेट बैठक के ऐतिहासिक और अहम फैसले…

1- अब डायरेक्ट होंगे निकाय चुनाव

बैठक (MP Cabinet) में सबसे बड़ा और ऐतिहासिक फैसला नगर निकाय चुनावों का रहा। अब महापौर से लेकर नगर निगम अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली यानी जनता द्वारा सीधे तौर पर किया जाएगा। जनता खुद अपने शहर का नेता और नेतृत्व चुनेगी। लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में मोहन कैबिनेट का ये फैसला अहम माना जा रहा है। इससे राजनीतिक गलियारों में पर्दे के पीछे होने वाली नेताओं की सौदेबाजी और किसी भी तरह की राजनीति खत्म होगी। जनता को सीधे तौर पर अपना नेता चुनने का अधिकार मिला है।

2- लाड़ली बहना योजना पर दिखा जोर

विधान सभा और लोक सभा चुनावों में बीजेपी के लिए गेमचेंजर साबित हुई लाड़ली बहना योजना पर कैबिनेट का फोकस नजर आया। महिला सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभाने वाली बीजेपी की इस योजना की डिजिटली मॉनिटरिंग की जाएगी। भोपाल में आयोजित कैबिनेट बैठक में अहम फैसला लेते हुए 'विशेष डिजिटल सेल' बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। सीएम ने कहा है कि लाड़ली बहना ही मध्यप्रदेश की शक्ति हैं, उनकी ताकत बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है। जो ये नजर रखेगी कि लाड़ली बहनों के खाते में पैसा जा रहा है या नहीं। योजना में पारदर्शिता लाने के लिए मोहन कैबिनेट का ये फैसला महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

3- नगरीय विकास पर फोकस


बैठक में छोटे-बड़े शहरों के लिए विकास प्रस्ताव पेश किए गए, जिन्हें सर्वसम्मति से सहमति मिली और सीएम ने इन्हें मंजूरी दी। इनमें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की रफ्तार बढ़ाने से लेकर नए बस स्टैंड, मल्टी लेवल पार्किंग और बेहतर सड़क व्यवस्था पर जोर दिया गया। इसके साथ ही छोटे शहरों और कस्बों में सीवरेज और पेयजल योजनाओं को तेजी से लागू करने के निर्देश दिए गए।

4- पेंशन योजनाओं में राहत

कैबिनेट में बुजुर्गों और दिव्यांगजनों का भी ध्यान रखा गया। पेंशन योजनाओं में राहत की तैयारी होने जा रही है। इसके तहत वृद्धाअवस्था पेंशन दिव्यांग पेंशन योजनाओं के दायरे का विस्तार किया जाएगा। ताकि ज्यादा से ज्यादा पात्र लोग इसका लाभ ले सकें।

5- जीएसटी कम करने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद


15 अगस्त पर पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि इस बार हम दिवाली पर मध्यमवर्ग, गरीबों और खासतौर पर महिलाओं के साथ ही युवाओं को एक तोहफा देंगे। कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी देते हुए कहा कि, उस वादे को पूरा करते हुए पीएम मोदी ने जीएसटी कम कर दिया। जिसका इसीलिए पीएम को सीएम ने दिया धन्यवाद। इसका बड़ा फायदा ये है कि मध्यवर्ग हो या गरीब और महिला हों या युवा, सभी को स्वावलंबी बनने का अवसर मिल रहा है।

6- दिवाली पर 'स्वदेशी' आंदोलन शुरू करेगी सरकार

पीएम मोदी के सपनों का भारत 'आत्मनिर्भर भारत' के लिए जरूरी है कि देश स्वदेशी के मार्ग पर चले। जब स्वदेशी मार्ग पर देश चलेगा, तो इसका फायदा स्थानीय इंडस्ट्री, हस्तकरघा उद्योंगों को मिलेगा। जीएसटी कम हुआ है तो अब हमारे छोटे-छोटे कलाकारों, छोटे उद्योगों को एक मार्केट मिलेगा। इसीलिए इस दिवाली पर एमपी में स्वदेशी आंदोलन चलाया जाएगा। सभी लोगों से आग्रह कि जीएसटी को समझें, जीएसटी कम करके हर वर्ग के लोगों को फायदा पहुंचाया है।

7- 17 सितंबर को धार में पीएम, देंगे कई बड़ी सौगात

पीएम मोदी पीएम मित्र पार्क का उद्घाटन करने 17 सितंबर को धारआ रहे हैं। इस कार्यक्रम की थीम रहेगी स्वस्थ नारी, स्वदेशी, एक बगिया मां के नाम, पीएम जन-मन योजना, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और मिशन कर्मयोगी की थीम पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर बनाना है।

ये भी रहा अहम

-BS-1 और BS-2 मानक वाले पुराने वाहनों के स्क्रैप पर 50 फीसदी तक छूट की घोषणा,ताकि प्रदूषण को कम किए जाने में मदद मिले।

-उज्जैन-इंदौर मेट्रो परियोजना डीपीआर निर्माण के लिए मंजूरी। इसके तहत दिल्ली मेट्रो रेल निगम लिमिटेड को प्रतिकिलोमीटर 9 लाख रुपए जीएसटी समेत सलाहकार शुल्क मंजूर किया गया है। ताकि परियोजना में तेजी लाई जा सके।

-इलेक्ट्रॉनिक्स क्लस्टर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसे उद्योग का दर्जा देते हुए 300 करोड़ रुपए को मंजूरी।

-22500 पुलिसकर्मियों की भर्ती करने की तैयारी है। इसके तहत अगले तीन साल में राज्य पुलिस बल में भर्ती किया जाना तय, ताकि कानून व्यवस्था को और प्रभावी और मजबूत किया जा सके।

-2,813 करोड़ की अतिरिक्त मंजूरी दी गई, ये राशि नल-जल परियोजना के लिए मंजूर कि गई है। इससे इस योजना की कुल लागत 6,213,76 करोड़ से बढ़ाकर 9,026,97 करोड़ हो गई है। मोहन कैबिनेट के इस निर्णय के बाद 7 लाख ग्रामीण परिवारों को लाभ होगा। बता दें कि अब तक 15, 947 गांवों में नल-जल योजना का कनेक्शन देकर परियोजना का लाभ दिया गया है, इसके तहत 12,702 गांवों को 'हर घर जल' प्रमाणपत्र भी दिया गया है।

-नल-जल योजना के संचलन के लिए महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी चर्चा की गई। इसके तहत स्वयं सहायता समूहों को जिम्मेदारी देने की बात की गई। नल-जल योजना में लापरवाही करने वालों पर एक्शन लेने की चर्चा भी हुई।

-इसके अलावा उज्जैन-इंदौर एक्सप्रेस वे के साथ सेवा मार्ग, उज्जैन में रेलवे ओवर ब्रिज और नर्मदा-तिमरनी सड़क परिवहन परियोजना भी आज की कैबिनेट बैठक का हिस्सा बनी।

एमपी कैबिनेट का संदेश साफ...

कैबिनेट बैठक (MP Cabinet) में लिए गए फैसलों से ये संदेश साफ तौर पर नजर आ रहा है कि सीएम मोहन यादव की सरकार जनता को सीधे तौर पर सशक्त बनाने के लिए तत्पर है, महिलाओं और युवाओं को जोड़ने की कोशिश कर रही है। एक्सपर्ट का मानना है कि मोहन कैबिनेट के निकाय चुनाव के फैसले से सियासी समीकरण बदलने की संभावना को बल मिला है।

बैठक के बाद सीएम का बयान

बैठक के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा कि 'हमारे फैसले का केंद्र जनता है। चाहे निकाय चुनाव हों या लाड़ली बहना योजना, लक्ष्य यही है कि लोकतंत्र मजबूत हो, महिलाएं आत्मनिर्भर बनें और विकास की रफ्तार तेज हो।'

विपक्ष का तंज- सरकार के पास 'खरीद-फरोख्त' के लिए पैसा खत्म

मध्य प्रदेश सरकार पहले ही कर्ज में डूबी है। सरकार का खजाना बिल्कुल खाली हो चुका है। अपने ही आदेशों पर बीजेपी सरकार पलट रही है। इस बीच ये तो अच्छी खबर है कि अब प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव प्रत्यक्ष या डायरेक्ट होंगे। लेकिन शायद अब सरकार के पास 'खरीद-फरोख्त' के लिए भी पैसा नहीं बचा है, इसीलिए सरकार ने डायरेक्ट चुनाव का यह अहम निर्णय लिया है। मैं सरकार से कहना चाहूंगा कि छात्र संघ चुनाव, जो कई वर्षों से रुके हुए हैं, उन्हें भी फिर से शुरू किया जाना चाहिए।'
-उमंग सिंघार, नेता प्रतिपक्ष, एमपी कांग्रेस