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जिला अध्यक्षों की सूची पर घमासान, विरोधियों पर सख्त हरीश चौधरी, गिर सकती है गाज

MP Congress: मध्यप्रदेश कांग्रेस में जिला अध्यक्षों की सूची जारी होने के बाद से मचा है घमासान, पार्टी को मजबूत बनाने संगठन सृजन की डोर दिखी कमजोर, अब विरोधियों पर एक्शन की बड़ी तैयारी

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MP Congress Ruckus action on opponents soon

MP Congress Ruckus action on opponents soon

MP Congress: मध्यप्रदेश कांग्रेस में फूट और घमासान खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। जहां आलाकमान पार्टी को हर जगह मजबूत बनाने के प्रयास में जुटे हैं, वहीं एमपी में इसके विपरीत नेताओं के बीच कलह का दौर जारी है। आम तौर पर सामने आने वाली कांग्रेस में फूट की खबरें नए जिला अध्यक्षों की सूची आने के बाद भी जारी है।

यही कारण है कि विरोधियों ने पार्टी में घमासान मचा रखा है। खासतौर पर भोपाल जिले में की गई नियुक्तियों का विरोध तेज है। पार्टी के कुछ नेता इन नियुक्तियों को लेकर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। इनका कहना है कि ये नियुक्तियां बड़े नेताओं की सेटिंग से की गई हैं। लेकिन अब प्रदेश कांग्रेस प्रभारी एक्शन के मूड में नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि विरोध करने वाले नेताओं पर कभी भी गाज गिर सकती है।

यहां भी दिखा विरोध

भोपाल से पहले एमपी के इंदौर, उज्जैन, देवास, नर्मदापुरम, और जबलपुर समेत कई जिलों में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति पर विरोध की खबरें सामने आ चुकी हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश संगठन ने विरोध करने वाले नेताओं को पहले ही चेतावनी पत्र जारी कर दिया है। अब अगले दो दिन में इन नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी को इस मामले की पूरी रिपोर्ट सौंपी गई है, और पार्टी अनुशासनहीनता को लेकर सख्त रुख अपनाने की तैयारी में है।

जिला अध्यक्षों की लिस्ट जारी होने के बाद से मच रहा बवाल

बता दें कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने 71 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है। जबसे इनके नामों की लिस्ट जारी की गई है, उसके बाद से ही पार्टी के भीतर बड़ा विवाद और असंतोष नजर आ रहा है। 16 अगस्त को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) की ओर से जारी की गई इस सूची में 6 मौजूदा विधायकों के साथ ही 11 पूर्व विधायकों, 3 पूर्व मंत्रियों, 4 महिलाओं, 12 ओबीसी, 10 अनुसूचित जनजाति (ST), 8 अनुसूचित जाति (SC) और 3 अल्पसंख्यक वर्ग के नेताओं के नाम शामिल हैं।

इस सूची में कुछ प्रमुख नाम हैं, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को गुना, महेश परमार को उज्जैन ग्रामीण और सिद्धार्थ कुशवाहा को सतना का जिला अध्यक्ष बनाया गया है। अब इन नियुक्तियों ने कई जिलों में कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच नाराजगी बढ़ा दी है।