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MP Election 2023: मतदाता बोले-कर्तव्य निभाया, अब नई सरकार से उम्मीद, समाजोत्थान के काम करे

चुनाव के बाद विभिन्न समाजों के पदाधिकारी जुटा रहे जानकारी, किस समाज के लोगों ने कितने प्रतिशत किया है मतदान

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चुनावों के बाद प्रत्याशियों का भविष्य मतपेटियों में बंद हो गया है। ऐसे में शहर में इन दिनों चुनावी चर्चाओं का बाजार गर्म है। सरकार किसकी बनेगी, कौन प्रत्याशी जीतेगा इसे लेकर लोगों द्वारा अनेक कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसे में समाजों के मतदाता भी अपने-अपने दावे रख रहे हैं। विभिन्न समाजों के पदाधिकारियों का कहना है कि समाज के मतदाताओं ने मतदान कर अपना कर्तव्य निभाया। अब सरकार चाहे किसी की भी बने, जरूरी है कि समाज की जो अपेक्षाएं है वह पूरी हो।

सभी समाजों ने निभाई मतदान में भागीदारी

चुनावों के दौरान सभी समाजों ने मतदान में सक्रिय भागीदारी निभाई है। इसके साथ ही समाजों की ओर से मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए लोगों को जागरुक किया गया था साथ ही सोशल मीडिया ग्रुप के जरिए भी लोगों को अधिक से अधिक मतदान के लिए प्रेरित किया था। गुजराती समाज के अध्यक्ष संजय पटेल का कहना है कि जिस हिसाब से ग्रुप पर फोटो और जानकारी आई है उस लिहाज से समाज के 75 फीसदी लोगों ने मतदान किया है। शीघ्र ही एक कार्यक्रम आयोजित कर बुजुर्ग और पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं का सम्मान किया जाएगा। इसी प्रकार कायस्थ समाज, ब्राह्मण समाज, राजपूत समाज सहित अन्य समाजों की ओर से भी लोगों को मतदान के लिए प्रेरित किया है।

अजा में शामिल हो मालवीय रजक समाज

मालवीय रजक समाज के अध्यक्ष नरेश मालवीय का कहना है कि समाज के 50 हजार मतदाता हैं, 80 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया है। सरकार किसी की भी हमारी एक लंबित मांग वर्षों से है। समाज सिर्फ ३ जिलों में अनुसूचित जाति में शामिल हंै। हमारी मांग है कि पूरे प्रदेश में समाज को अजा में शामिल करे। समाज के भवन की मांग सालों से लंबित सेन समाज के जिलाध्यक्ष शैलेष सेन का कहना है कि शहर में समाज के मतदाता लगभग 40 हजार हैं। समाज की ओर से मतदान के लिए लोगों को जागरुक किया गया था और समाज के मतदाताओं ने अपना कर्तव्य भी निभाया। समाज की कई मांगे जिसे लेकर समाज की उम्मीद है। शहर में समाज का कोई भवन नहीं है। सरकार किसी की भी बने लेकिन समाज की मांगे पूरी होनी चाहिए।

प्रवासी राज्यों के लोगों को ट्रेन, फ्लाइट की सुविधा दें

राजधानी में अनेक राज्यों से भी समाज के लोग यहां रहते हैं, जो अब यहीं बस गए हैं। अनेक मौकों पर उन्हें अपने राज्य में जाना पड़ता है। ऐसे में इन समाज के लोगों की डिमांड है कि ट्रेन, फ्लाइट जैसी सुविधाओं में बढ़ोतरी हो। बंगाली समाज के सलील चटर्जी का कहना है कि समाज कोलकाता के लिए फ्लाइट शुरू करने की लंबे समय से मांग कर रहा है। ट्रेनों का समय ठीक नहीं है, ऐसे में सीधी फ्लाइट होना चाहिए, समाज इसकी लंबे समय से मांग कर रहा है। सरकार किसी की भी बने, इस ओर ध्यान देना चाहिए। इसी प्रकार भोजपुरी एकता मंच के कुंवर प्रसाद का कहना है कि शहर में भोजपुरी समाज की आबादी 4 लाख है, बड़ी संख्या में लोग यहां से पहुंचते हैं ऐसे में ट्रेन सुविधा में इजाफा होना चाहिए।

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