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MP में EC का टकराव! 1000 से ज्यादा प्रोजेक्ट अटके, पर्यावरण को गंभीर खतरा

MP Environment clearance Delay: MP में SEIAA और SEAC के बीच टकराव से 1000 से ज्यादा पर्यावरण मंजूरी आवेदन पेंडिंग, खनन, सड़क और सिंचाई जैसे प्रोजेक्ट अधर में, जानिए क्या है पूरा विवाद, पर्यावरण को कैसे हो सकता है गंभीर खतरा...

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MP Environment Clearance Delay

MP Environment Clearance Delay (फोटो सोर्स: पत्रिका)

MP Environment clearance Delay: मध्यप्रदेश स्टेट एन्वायरमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (सिया) के अध्यक्ष शिवनारायण सिंह चौहान और प्रमुख सचिव पर्यावरण नवनीत मोहन कोठारी के टकराव में आवेदनों की पेंडेसी लगातार बढ़ रही है।

EC के 550 से ज्यादा आवेदन पेंडिंग

पोर्टल पर पर्यावरण संबंधी अनुमति (ईसी) के 550 आवेदन पेंडिंग हैं। लगभग इतने ही आवेदन डी-लिस्ट किए गए हैं। इससे पेंडेंसी 1000 से ऊपर पहुंच गई है। इनमें से 80% आवेदन खनन संबंधी हैं। बाकी उद्योग, बड़े निर्माण, सिंचाई परियोजना, सड़क निर्माण जैसे प्रोजेक्ट के हैं।

पर्यावरण को भी गंभीर खतरा

सिया की मौजूदगी के बाद भी समय पर ईसी जारी न होने से कई बड़े प्रोजेक्ट अधर में हैं। वहीं, सिया के अप्रेजल के बिना डीम्ड अनुमतियां जारी होने से पर्यावरण को भी गंभीर खतरा पैदा होने की आशंका है। कुछ मामलों में सिया ने ईसी स्वीकृत की है, पर सदस्य सचिव ने अब तक जारी नहीं की। इंदौर-उज्जैन सड़क निर्माण और सिहस्थ संबंधी विकास कार्यों के ऐसे दो प्रकरणों में भी ईसी जारी नहीं की।

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सिया की अनुमति के बिना काम शुरू होने से यह नुकसान

- सिया पर्यावरण अनापत्ति (ईसी) जारी करने के लिए प्रकरण का परीक्षण पर्यावरण कानून के अनुसार करता है।

- देखा जाता है, क्या परियोजना या काम से पर्यावरण को हानि तो नहीं हो रही? यदि हो रही है तो उसकी क्षतिपूर्ति हो सकती है?

- नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति होगी। यदि नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती तो ईसी ईसी अस्वीकृत कर दी जाती है।

ऐसे मची खलबली

अप्रेल में बैठकों में सिया ने सिंगरौली, छिंदवाड़ा, मंडला, नीमच, सीहोर, सतना आदि जिलों में पत्थर, फर्शी पत्थर, मुरम खदानों की ईसी के आवेदन सेक को पुन: परीक्षण के लिए भेज दिया। इनमें पर्यावरणीय स्वीकृति को आए आवेदन में सेक ने खदान का ग्रीन बेल्ट वाला बैरियर जोन खुदा होने के बाद भी ईसी जारी करने की अनुशंसा की थी, पर सिया ने अनुमति नहीं दी, फिर से सेक का अभिमत मांगा। इन केसों में ईसी के बाद खलबली मच गई।

7 मई को हुई थी सिया की आखरी बैठक

सिया की आखिरी बैठक 7 मई को हुई। तब से बैठक नहीं हुई। सिया की सहयोगी स्टेट एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी (सेक) की लगातार बैठकें हो रही हैं। सदस्य सचिव आर उमा महेश्वरी एजेेंडा जारी कर बैठकें करा रही हैं। सिया अध्यक्ष शिवनारायण चौहान के अनुसार वे सदस्य सचिव को सिया की बैठक के लिए

ऐसा खेल...

से अधिक बार पत्र लिख चुके हैं। कई बार बैठक के स्थान व समय तय किए, पर बैठक नहीं हुई। अफसर आवेदन को 45 दिन से अधिक पेंडिंग रखना चाहते हैं, क्योंकि नियमानुसार सिया का 45 दिनों में प्रकरण को विचारण में लेना जरूरी है। ऐसा न होने पर परियोजना प्रस्तावक सेक की अनुशंसा को ही ईसी मान लेता है। ऐसे 237 प्रकरणों में सदस्य सचिव ईसी दे चुके हैं।

बिना बैठक 45 दिन की मियाद पूरी, फिर डीम्ड मंजूरी

सिया की बैठकें न होने से पेंडेंसी काफी बढ़ गई थी। कानून में प्रावधान है कि आवेदन का ४५ दिनों में सिया ने निराकरण नहीं किया तो डीम्ड परमिशन जारी मानी जाती है। इसलिए डीम्ड परमिशन में कुछ भी गलत नहीं हुआ है।

- नवनीत मोहन कोठारी, प्रमुख सचिव, पर्यावरण

(सिया सदस्य सचिव उमा महेश्वरी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। )

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