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बीजेपी एमपी-एमएलए की बैठक में जाने से सांसद लालवानी को रोका, नहीं दिया प्रवेश

MP Lalwani stopped from attending BJP MP-MLA meeting बैठक में शामिल होने इंदौर के सांसद शंकर लालवानी भी आए थे पर उन्हें मुख्य द्वार पर रोक लिया गया।

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MP Lalwani stopped from attending BJP MP-MLA meeting

MP Lalwani stopped from attending BJP MP-MLA meeting

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को एमपी आए। राज्य के दो दिवसीय दौरे की शुरुआत उन्होंने छतरपुर के बागेश्वर धाम से की। पीएम ने यहां कैंसर अस्पताल का शिलान्यास किया और जनसभा को भी संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री को अपना छोटा भाई बताते हुए उनकी बारात में आने का ऐलान किया। बागेश्वर धाम से पीएम भोपाल आए और बीजेपी एमपी, एमएलए की बैठक ली। इस बैठक में शामिल होने इंदौर के सांसद शंकर लालवानी भी आए थे पर उन्हें मुख्य द्वार पर रोक लिया गया।

बागेश्वर धाम में कैंसर अस्पताल का शिलान्यास करने के बाद भोपाल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एयरपोर्ट पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, सीएम मोहन यादव ने स्वागत किया। यहां से वे कुशाभाऊ कन्वेंशन सेंटर पहुंचे जहां मध्यप्रदेश के सभी बीजेपी विधायकों और सांसदों तथा वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ बैठक की।

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मीटिंग के लिए बनाए गए मंच पर केवल पांच कुर्सियां लगाई गई। इसपर सीएम डॉ. मोहन यादव, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला बैठे। अन्य सभी बड़े नेता, सांसदों, विधायकों के साथ नीचे की कतार में बैठे। मीटिंग में शामिल हुए एमपी के सभी केंद्रीय मंत्री भी मंच के नीचे पीएम के ठीक सामने बैठे। मोहन यादव कैबिनेट के मंत्री भी यहीं राउंड टेबल पर बैठे।

सभागार में मंच के सामने दो कतारों में 40 कुर्सियां और 32 टेबल लगाए गए थे। हर राउंड टेबल पर 5-5 कुर्सियां लगाई गईं। कतार में सबसे आगे केंद्रीय मंत्री बैठे।

शंकर लालवानी को नहीं दिया प्रवेश
इंदौर के सांसद शंकर लालवानी भी मीटिंग में शामिल होने आए थे लेकिन उन्हें द्वार पर रोक लिया गया, अंदर नहीं जाने दिया गया। वे एंट्री पास ही नहीं लाए थे जिसके कारण उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। बताया जा रहा है कि वे अपना पास भूल आए थे। बाद में सांसद शंकर लालवानी ने अपना एंट्री पास बुलाया तब जाकर उन्हें अंदर जाने दिया गया। मीटिंग में किसी भी एमपी, एमएलए को मोबाइल ले जाने की भी अनुमति नहीं दी गई थी।