MP News: एम्स भोपाल में सस्ती जीवन रक्षक दवाइयां को चार गुना अधिक कीमत में खरीदने और एक हेल्थ कैंप के आयोजन पर 3-3 करोड़ रुपए खर्च करने पर से पर्दा हट गया है। संस्थान के सीसीयू निर्माण, मेडिकल उपकरण की खरीद सहित लगभग हर मामले में भारी कमीशनखोरी लेने के आरोप भी सामने आए हैं। प्रबंधन ने ग्वालियर में एक हेल्थ कैंप के आयोजन में तीन करोड़ रुपए खर्च कर दिए। (scam in AIIMS Bhopal)
यह राशि किसी हेल्थ कैंप के आयोजन पर खर्च से लगभग चार गुना अधिक है। इसके लिए 250 से अधिक कर्मियों और 25 बसों उपयोग की गई थी, लेकिन खर्च के हिसाब में पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप है। कमेटी भोपाल से भाजपा सांसद आलोक शर्मा और संस्थान के कुछ डॉक्टरों की 10 शिकायतों के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम जांच कर रही हैं। बता दें कि, भोपाल सीट से सांसद अलोक शर्मा (भाजपा) AIIMS की वित्तीय समिति के सदस्य भी हैं। (scam in AIIMS Bhopal)
जांच कमेटी एचएलएल लाईफ केयर से महंगे उपकरण और अमृत फार्मेसी से सस्ती पांच गुना से अधिक कीमत में सस्ती दवाओं खरीदने की भी जांच कर रही है। दवाएं खरीदने के नियमों का उल्लंघन कर प्रबंधन ने पिछले चार वर्ष से बिना टेंडर के ही अमृत फार्मेसी से कैंसर की दवाएं खरीद रहा है। अन्य एस कैंसर की दवा जेमसिटेबिन 300 से 400 रुपए में खरीदते हैं। यही दवा एस भोपाल 2100 रुपए में खरीदता है। पहले इमरजेंसी में अमृत फार्मेसी से 10-15 लाख दवाएं खरीदी जाती थीं। अब यह 25 करोड़ से 60 करोड़ गई है।
सांसद आलोक शर्मा ने एम्स प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'AIIMS प्रबंधन की दवा कंपनियों से सांठगांठ है। संस्थान में लाखों-करोड़ों की कमीशन खोरी की खबर मिलने पर मैंने एस वित्तीय समिति की बैठक में इस मुद्दे को उठाया था। जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।' वहीँ, एम्स भोपाल के कार्यकारी निदेशक डॉ. अजय सिंह ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सब निराधार आरोप है। अपने व्यक्तिगत लाभ और लोगों को भ्रमित करने के लिए संस्था के कुछ लोग ऐसी शिकायतें की हैं। जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
Updated on:
21 Jun 2025 10:02 am
Published on:
21 Jun 2025 09:58 am