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किरायेदारों के लिए बड़ी खबर! जल्द आ रहा नया कानून, किराये और कब्जे पर लगाम की तैयारी

MP news: नया कानून शहरी के साथ ग्रामीण और व्यावसायिक प्रॉपर्टी पर भी होगा लागू, नगरीय विकास विभाग बिल को अंतिम रूप देने में जुटा, संचालनालय से मांगी रिपोर्ट, जानें क्या है नया कानून, कब होगा लागू...

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MP News Model kiryedar bill

MP News Model kiryedar bill: पत्रिका (फोटो: सोशल मीडिया )

MP News: किरायेदार और मकान मालिक दोनों को सुरक्षित करने के लिए सरकार मॉडल किराएदारी बिल (Model Tenancy Bill) लागू करने जा रही है। बिल को अंतिम रूप देने के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने फिर कवायद शुरू की है। विभाग ने संचालनालय से प्रदेश में बनाए बिल के ड्राफ्ट, लागू कानून और केंद्र के मॉडल किराएदारी एक्ट की तुलनात्मक रिपोर्ट मांगी है। नए कानून के ड्राफ्ट में किराएदार और मकान मालिक दोनों के हितों की रक्षा की व्यवस्था है। मकान पर कब्जा होने से रोकने के प्रावधान हैं। एग्रीमेंट खत्म होने पर किराएदार के मकान खाली न करने पर उसे पहले दो माह में दोगुना और तीसरे महीने से चार गुना किराया देना होगा। मकान भी प्रशासन खाली कराएगा। किराएदार की सुरक्षा के लिए मालिक द्वारा घर का नल कनेक्शन, गैस सप्लाई, मार्ग, लिफ्ट, सीढिय़ां, पार्किंग आदि बंद करने पाबंदी लगाई गई है।

नगरीय विकास विभाग मॉडल किराएदारी बिल को दे रहा अंतिम रूप

नगरीय विकास विभाग मॉडल किराएदारी बिल को अंतिम रूप देने के लिए बैठकें कर रहा है। अफसरों का कहना है, बिल जल्द वरिष्ठ सचिव समिति के पास भेजा जाएगा। वहां से अनुमति के बाद कैबिनेट में पेश होगा। बता दें, अभी प्रदेश में किराएदारी अधिनियम 2010 लागू है। यह सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक सीमित है। नया एक्ट ग्रामीण-शहरी, व्यावसायिक सभी प्रॉपर्टी पर लागू होगा। शासकीय, धार्मिक संस्थान, ट्रस्ट या वक्फ बोर्ड के अधीन परिसरों पर लागू नहीं होगा।

विवाद सुलझाने कोर्ट जाने की जरूरत नहीं

-नए नियमों के तहत किराएदारी विवाद सुलझाने कोर्ट नहीं जाना होगा।

- जिले में किराया प्राधिकारी डिप्टी कलेक्टर स्तर के अफसर होंगे। किराया अतिरिक्त कलेक्टर कोर्ट होगा।

- अपील के लिए जिला जज की अध्यक्षता में रेंट ट्रिब्यूनल गठित होगा।

- किराएदारी की पूरी जानकारी रखने के लिए अलग पोर्टल बनेगा।

- मकान मालिक और किराएदार के बीच के एग्रीमेंट की सूचना किराया प्राधिकारी को 60 दिन में देनी होगी।

- प्राधिकारी इसे पोर्टल पर अपलोड करेंगे। किराया वृद्धि या मकान खाली करने जैसी सूचना यहीं अपडेट होंगी।

विवाद घटेंगे, भरोसा बढ़ेगा

मध्यप्रदेश में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 27.7 फीसदी आबादी शहरों में रहती है। यह 40 फीसदी पहुंचने का अनुमान है। लोग बड़ी संख्या में पढ़ाई, नौकरी, व्यापार, बेहतर सुविधा के लिए शहरों में आ रहे हैं। कई लोग किराएदारों के विवाद से बचने के लिए खाली आवास होने के बावजूद किराए पर नहीं देते। लोग अपने कार्यस्थल के पास ही अफॉर्डेबल राशि का भुगतान कर किराए पर आवास लेना चाहते हैं। कई बार मकान मालिक मनमाना किराया मांगते हैं। अभी कानून (Model Tenancy Bill) में इसके प्रावधान नहीं हैं। नए कानून में मकान मालिक अधिकतम दो माह का एडवांस किराया ही ले सकेंगे।

मालिक को कवच

एग्रीमेंट खत्म (Model Tenancy Bill) होने पर किराएदार के मकान खाली न करने पर उसे पहले दो माह में दोगुना और तीसरे माह से 4 गुना किराया देना होगा। प्रशासन मकान खाली कराएगा। आवास के लिए किराया लेने पर अधिकतम दो व कारोबार के लिए 6 माह का एडवांस किराया देना होगा। किराएदार एक ही परिसर में दूसरे किराएदार को नहीं रख सकेगा। यदि किराएदार की मौत हो जाए तो उत्तराधिकारी को देनदारी चुकाएंगे।