MP News: राज्य के खजाने की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। कर्ज का बोझ दिनों दिन बढ़ रहा है, वहीं पेंशन का बोझ भी सरकार की चिंता है। स्थिति यह है कि 4.21 लाख करोड़ का बजट होने के बावजूद भी राज्य में खर्च के लिए रकम कम पड़ने लगती है। अब फिर से सप्लीमेंट्री बजट की तैयारी शुरु हो गई है। विभिन्न प्रकार के टैक्स इत्यादि से राज्य को जितनी कमाई होती है, उतना खर्च भी है। ऐसे में विकास कार्यों सहित अन्य काम-काज के लिए कर्ज लेना सरकार की मजबूरी है। (debt increasing on MP)
कर्ज, पेंशन और ब्याज भुगतान का सबसे ज्यादा बोझ है। यह कुल बजट का 21% है। यह अन्य खर्चा की तुलना में सबसे अधिक है। आर्थिक सेहत दुरुस्त करने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास करती रहती है, लेकिन उसके प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। क्योंकि खर्चों में विभिन्न तरीके से कटौती की गई है। सप्लीमेंट्री बजट का प्रस्ताव मांगे जाने के साथ ही विभागों से स्पष्ट तौर पर कह दिया गया है कि वाहन खरीदी इत्यादि के लिए बजट नहीं मिलेगा। प्रयास यही है कि मौजूदा योजनाएं चलती रहीं, विकास कार्य ढप न हो, इसके लिए बजट की व्यवस्था बनाए रखने के प्रयास हैं। (debt increasing on MP)
कर्ज की चिंता किए बिना सरकार लगातार खर्च वाली घोषणाएं कर रही है। मुख्यमंत्री ने गुरुवार लाड़ली बहनाओं को दीपावली से 1500 रुपए देने की घोषणा की। इसके तहत प्रति बहना हर महीने 250 रुपए का खर्च बढ़ जाएगा, जो करोड़ों रुपए में होगा। यही नहीं, नए पदोन्नति नियम के तहत जिन शासकीय सेवकों का कद बढ़ेगा, उन्हें बढ़ा हुआ वेतनमान भी देना होगा, इसका खर्च भी करोड़ों में होगा। इस तरह दीपावली के पहले और बाद तक सरकार ने कमाई के स्त्रोत नहीं बढ़ाए तो अधिक कर्ज लेना होगा।(debt increasing on MP)
राज्य में बजट से ज्यादा कर्ज का बोझ बढ़ा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि राज्य का बजट 421032 करोड़ रुपए है, जबकि कर्ज 421740 करोड़ रुपए तक जा पहुंचा है। यानी कर्ज बजट से 708 करोड़ रुपए अधिक है। सरकार दिनों दिन कर्ज ले रही है। ऐसे में कर्ज और बढ़ रहा है। हाल ही में सरकार ने 4500 करोड़ का कर्ज अलग-अलग दो किस्तों (16 और 18 साल) के लिए लिया है।(debt increasing on MP)
राज्य में पेशन का बोझ सरकार के लिए सबसे बड़ा है। दस साल पहले 2016-17 में 3793.16 करोड़ पेंशन पर खर्च होता था। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब यह खर्च बढकर 28961.15 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। यानी दस साल में पेंशन खर्च 20167.99 करोड़ रुपए हो जाएगा। हालांकि वर्ष 2005 के बाद से राज्य में न्यू पेंशन स्कीम लागू होने के बाद से आने वाले वर्षों में पेंशन का बोझ कम हो जाएगा क्योंकि सरकार पर पेंशन का बोझ नहीं होगा।(debt increasing on MP)
(नोट : राशि बजट के अनुसार) (debt increasing on MP)
Published on:
20 Jun 2025 09:16 am