
Several employees suspended and two policemen dismissed in MP- File Pic
MP Police: राजधानी भोपाल के पुलिस महकमे में अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। महकमे की क्राइम ब्रांच में पदस्थ चार पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि इन आरक्षकों ने न केवल वरिष्ठ अधिकारियों को बिना सूचना दिए ही कार्रवाई की, बल्कि दबिश के दौरान उनका आचरण भी संदिग्ध नजर आया है।
अब तक मिल रही जानकारी के मुताबिक जिन पुलिसकर्मियों पर एक्शन लिया गया है, उनमें आरक्षक शैलेन्द्र रावत, सतेन्द्र, सुशील सिंह और आलोक मिश्रा का नाम शामिल हैं। ये सभी क्राइम ब्रांच में तैनात थे। ये सभी हाल ही में बागसेवनिया इलाके में दी गई दबिश की कार्रवाई में शामिल हुए थे।
दरअसल, पुलिस विभाग के नियमों के अनुसार किसी भी कार्रवाई से पहले संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जाना अनिवार्य है। लेकिन चारों आरक्षकों ने शुक्रवार 12 सितंबर को बागसेवनिया क्षेत्र में दबिश दी थी। लेकिन दबिश की ये कार्रवाई करते हुए इन्होंने मामले की जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को नहीं दी। अफसरों को इस कार्रवाई के बारे में तब जानकारी मिली जब कार्रवाई की रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची। मामला खुलते ही इसे चारों पुलिसकर्मियों की गंभीर अनुशासनहीनता माना गया। वहीं जांच में इनका संदेहास्पद आचरण भी सामने आया।
यही नहीं कार्रवाई के दौरान इन चारों पुलिसकर्मियों (MP Police) की दबिश की कार्रवाई में भ्रष्टाचार से जुड़े संदेह भी गहराए हैं। हालांकि, इस संदर्भ में आधिकारिक रूप से कोई विस्तृत बयान सामने नहीं आया है, लेकिन ये जानकारी जरूर मिली है कि मामले को लेकर विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए चारों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। एडिशनल डीसीपी, क्राइम ब्रांच शैलेंद्र सिंह चौहान के मुताबिक पुलिस विभाग में अनुशासन सर्वोपरि है और इस तरह की मनमानी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट शब्दों में कहा कि पूरे मामले की विस्तृत जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं और दोषियों से सख्ती से निपटा जाएगा।
राजधानी भोपालक्राइम ब्रांच (Crime Branch) हमेशा से संवेदनशील मामलों की जांच करती रही है। ऐसे में वहां तैनात पुलिसकर्मियों पर अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार का आरोप लगना पुलिस महकमे की छवि को धूमिल करता है। खासकर उस समय जब पुलिस विभाग पर पहले से ही पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर सवाल उठते रहते हैं।
अब चारों निलंबित पुलिसकर्मियों पर विभागीय जांच चलाई जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
Published on:
15 Sept 2025 02:56 pm
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