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एमपी में स्कूल शिक्षा विभाग का बड़ा फरमान, फर्जी टीचर्स से वसूलेंगे 15 करोड़ रुपए

MP School- स्कूल शिक्षा विभाग की बड़ी गड़बड़ी, लोक शिक्षण संचालनालय सागर संभाग ने जारी किया वसूली का फरमान

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MP's School Education Department to recover Rs 15 crore from fake teachers

MP's School Education Department to recover Rs 15 crore from fake teachers

MP School- मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। विभाग के अधिकारियों ने टीचर्स की नियुक्तियों में यह गड़बड़ी की। प्राइवेट स्कूलों के टीचर्स को फर्जी सरकारी टीचर्स बताते हुए उन्हें वेतन और एरियर दिया। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मिलीभगत कर निवाड़ी के एक प्राइवेट स्कूल को सरकारी घोषित करते हुए इसके शिक्षकों को सरकारी कोषालय से वेतन देने के आदेश जारी कर दिए। करीब ढाई दशक से यह फर्जीवाड़ा चल रहा है। अब मामले में एक्शन लिया गया है। विभाग ने सभी फर्जी शिक्षकों को दिया गया वेतन वसूलने की कवायद शुरु की है। लोक शिक्षण संचालनालय सागर संभाग द्वारा इस संबंध में फरमान निकाल दिया गया है। इसके साथ ही मामला लोकायुक्त को भेजने की बात भी कही जा रही है।

निवाड़ी के नेगुवां का शास्त्री हायर सेकेंडरी स्कूल अब जांच के घेरे में है। इस प्राइवेट स्कूल के सभी शिक्षकों को पिछले 23 साल से स्कूल शिक्षा विभाग से वेतन मिल रहा है। सभी फर्जी सरकारी शिक्षकों को इस दौरान लाखों का एरियर भी दिया गया। अब विभाग ने स्कूल के शिक्षकों से यह राशि वसूलने के आदेश दिए हैं।

स्कूल शिक्षा विभाग ने मामले की जांच संयुक्त संचालक मृत्युंजय कुमार से कराई थी जिन्होंने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। संयुक्त संचालक ने 4 नवंबर को वसूली का आदेश निकाला है। इसके अनुसार 56 शिक्षकों से 15 करोड़ रुपए वसूले जाएंगे।

नैगुवां का शास्त्री हायर सेकेंडरी स्कूल प्राइवेट स्कूल था लेकिन सरकारी जमीन पर संचालित किया जा रहा था। 2015 में कमेटी ने इसे निकाय के अधीन नहीं करने का फैसला दिया।2017 में नई स्क्रीनिंग कमेटी बनी जिसकी रिपोर्ट के आधार पर स्कूल के शिक्षकों को संविदा नियुक्ति दी गई। इसके साथ ही दस्तावेजों में स्कूल खुद को सरकारी स्कूल बताने लगा।

मिलीभगत कर शिक्षकों को सरकारी कोषालय से वेतन

इधर स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मिलीभगत कर स्कूल के शिक्षकों को सरकारी कोषालय से वेतन देने के आदेश भी दे दिए। स्कूल के शिक्षकों को वेतन के साथ ही 2002 से एरियर भी मिल रहा है। अनेक टीचर 15 लाख रुपए तक का एरियर ले चुके हैं।