17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

#denguevirus : डेंगू का बदला रूप, बच्चों के फेफड़े पर डाल रहा असर, बड़ों के लिवर पर खतरा

#denguevirus : डेंगू के वायरस का ट्रेंड बदला हुआ नजर आ रहा है। यह अब घातक होता दिख रहा है। वयस्क संक्रमितों के लिवर पर यह हमला करने लगा है...

2 min read
Google source verification
now_denguevirus_dangerous_for_lever_health.jpg

#denguevirus: डेंगू के वायरस का ट्रेंड बदला हुआ नजर आ रहा है। यह (#denguevirus) अब घातक होता दिख रहा है। वयस्क संक्रमितों के लिवर पर यह हमला करने लगा है। वहीं छोटे बच्चों के फेफड़ों पर असर डाल रहा है। हैरानी की बात यह है कि निजी अस्पतालों में मरीजों में यह सभी लक्षण नजर आ रहे हैं। लेकिन सरकारी अस्पतालों में मरीजों की जानकारी करने पर सब की स्थिति सामान्य बताई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार सोमवार को डेंगू (#denguevirus) के 13 नए मामले सामने आए हैं। जिसके साथ कुल मरीजों की संख्या 775 पहुंची।

इन 15 क्षेत्रों में अधिक खतरा

ईदगाह हिल्स, मदर इंडिया कॉलोनी, रविदास कॉलोनी, नारियलखेडा, बाफना कॉलोनी, नगर निगम कमला पार्क, तलैया, भीम नगर, शिवाजी नगर, सुभाष नगर, मैदा मिल रोड, अवधपुरी, पिपलानी, राजीव नगर और हाउसिंग बोर्ड करोद।

साल 2020 से इस साल सबसे तेज फैला डेंगू

आंकड़ों के अनुसार 2020 में 74, 2021 में 781 और साल 2022 में 675 डेंगू (#denguevirus) के मामले सामने आए हैं। वहीं 2023 में 20 नवंबर तक ही 775 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें से 56 फीसदी से अधिक अक्टूबर माह से लेकर अब तक पाए गए हैं।

डेंगू से लिवर में ऐंठन, दर्द और सूजन

चिकनगुनिया के 120 व मलेरिया के 14 केस

इस साल अब तक चिकनगुनिया की 14 सौ लोगों की जांच में 120 पॉजिटिव आए। वहीं मलेरिया की तीन लाख से अधिक लोगों की जांच में 14 मामले सामने आए। निजी अस्पतालों में मरीजों के इलाज के दौरान डेंगू के ट्रेंड में बदलाव देखा जा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार डेंगू (#denguevirus) लिवर के एंजाइम बढ़ाकर मरीजों में ऐंठन, दर्द और सूजन जैसी समस्या पैदा कर रहा है। चिंता की बात यह है कि इनसे लिवर डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं बच्चों की बात करें तो उनमें डेंगू फेफड़ों पर असर डाल रहा है। बच्चों के फेफड़ों में पानी भरने के समस्या देखी जा रही है।

ठंडक बढ़ी है, जिसके साथ अब खतरा कम होने लगेगा। ठंडे मौसम में लार्वा पनपने की संभावना कम होती है। लेकिन वर्तमान में मच्छरों से बचाव करने की आवश्यकता है।

- अखिलेश दुबे, जिला मलेरिया अधिकारी, भोपाल

ये भी पढ़ें :MP Pollution : सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में टॉप पर इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और उज्जैन में भी उखड़ रही सांसें
ये भी पढ़ें :ठंड ने दी दिलों पर दस्तक, बढ़े दिल मरीज, इस सीजन में रहें अलर्ट रोजाना अस्पताल आ रहे हार्ट अटैक के 40 मामले