
4 साल पहले जख्मी हालत में मिला था तोता
अभिषेक ने बताया कि 4 साल पहले तोता कहीं से उड़कर उनके घर पर आ गया था। जब वे उसके पास गए तो देखा कि उसके पैर में चोट लगी थी, जिससे खून बह रहा था। उन्होंने उसे तुरंत उठा लिया और उसे डॉक्टर के पास ले गए। थोड़े दिन के इलाज के बाद वो ठीक हो गया। एक बच्चे की तरह उसकी केयर की। इस दौरान उन्होंने और उनकी पत्नी निधि ने मिलकर उसका नामकरण भी किया और तोते का नाम शंभू रख दिया। फिर नगर निगम में रजिस्ट्रेशन भी कराया। शंभू के मिलने की उम्मीद लगाए बैठे अभिषेक कहते हैं कि मेरा तोता अगर किसी को भी मिले तो उनसे संपर्क करे, इसके लिए वे उसे उचित इनाम भी देंगे।परिवार का हिस्सा था शंभू
भोपाल के करोंद क्षेत्र के रहने वाले अभिषेक कहते हैं कि शंभू 4 साल से उनके परिवार का हिस्सा था। उनके परिवार में उनकी पत्नी निधि और वे खुद हैं। वह पत्नी के साथ ज्यादा रहता था। इन चार साल में वह कई प्यार भरे संबोधन और शब्द कहना सीख गया था। लेकिन अब उसके जाने के बाद घर सुनसान हो गया है। शंभू गया तो कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा।
पत्नी ने नहीं दो दिन से नहीं खाया खाना
उदास अभिषेक बताते हैं कि 12 जनवरी को उनका तोता शंभू दोपहर 2 बजे घर से उड़ा तो वापस नहीं लौटा। उसके लौटने का इंतजार कर रही उनकी पत्नी ने दो दिन तक खाना नहीं खाया। बहुत मनाने से उन्होंने कल खाना खाया। अब भगवान से प्रार्थना है कि शंभू लौट आए।आप कैसे कर सकते हैं अभिषेक की मदद
विज्ञापन पढ़कर आप भी समझ गए होंगे कि परिवार को तोते के खोने का कितना दुख है। जीव प्रेम की मिसाल बना ये विज्ञापन अपनी तरह का अनोखा विज्ञापन है। ऐसे में अगर आपको तोते नजर आएं तो, आप कैसे पहचानेंगे कि ये अभिषेक का तोता शंभू ही है। दरअसल अभिषेक ने विज्ञापन में अपने तोते की पहचान भी दी है कि वो सीताराम, मम्मी, पापा, छोटी बिट्टो, कौन है… जैसे शब्द बोलता है।