RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत ने संघ से जुड़ी कई गतिविधियों पर विचार रखे और मंथन किया। वह कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग के जिज्ञासा सत्र में प्रबोधन दे रहे थे। संघ प्रमुख ने प्रबोधन में संघ की कार्यशैली, आदर्श संकल्प, उत्कृष्ट राष्ट्र निर्माण के बिंदू और संघ द्वारा समाज व प्रकृति हित में किए जाने वाले संकल्पों के बारे में विस्तार से बताया। वे राजधानी भोपाल के शारदा विहार स्थित विद्यालय में चल रहे अभ्यास वर्ग में 3 दिन तक रहे।
विकसित भारत के संकल्प को पूरा करें: शंकरानंद
भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बीआर शंकरानंद ने कहा कि सुख का मार्ग मत अपनाइए। वही व्यक्ति श्रेष्ठ बनता है जो कठिन मार्ग पर चलकर चुनौतियों का सामना करता है। लक्ष्य तय करना श्रेष्ठ बनने का पहला लक्षण है। युवा गांव जाकर ही भारत को, यहां की समस्याओं को समझ सकेंगे और समाधान भी खोज पाएंगे। वे सांस्कृतिक एवं विकसित भारत के निर्माण की ओर अग्रसर विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार यह बात कही। इस मौके पर एआइसीटीई के अध्यक्ष डॉ. टीजी सीताराम, निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. भरत शरण सिंह, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य धर्मेंद्र कुमार सिंह, आईई (आई) के सचिव डॉ मुकेश मिश्रा, आईईएसयू के संस्थापक चांसलर इंजी बीएस यादव, मध्यभारत प्रांत के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र थापक एवं प्रांत मंत्री शिव कुमार शर्मा मौजूद थे।