
MP News: मध्यप्रदेश में रेत माफिया का खुला खेल जारी, 7 की परमिट, 200 से ज्यादा जगह से लूट रहे रेत। (फोटो सोर्स: पत्रिका/ एक्स)
MP News: एमपी में प्रदेश में रेत माफिया के हौसले कितने बुलंद हैं, इस बात का पता इसी से चलता है कि वे जितने क्षेत्र की अनुमति है, उससे 30 गुना क्षेत्र में आराम से खनन कर रहे हैं। और तो और रेत माफिया ने सिंध नदी का सीना ही छलनी कर दिया है। अब बारिश को ध्यान में रखते हुए जगह-जगह पर पानी के अंदर से रेत निकालने के लिए माफिया ने नदी में पनडुब्बी उतार दी है।
हर दिन 300 ट्रॉली व 100 डंपर रेत निकाली जा रही है। नदी में 7 जगह खनन की अनुमति है, लेकिन ग्वालियर व दतिया के क्षेत्र में 200 से ज्यादा जगहों पर खनन किया जा रहा है। नदी में अवैध खदानों की भरमार है, लेकिन खनिज विभाग के अधिकारी इन अवैध खदान व पनडुब्बी पर शिकंजा नहीं कस पा रहे हैं। न नदी की हालत देख रहे हैं कि उसके ईको सिस्टम को क्या नुकसान हो रहा है। पनडुब्बी के अवैध खनन के चलते जलीय जीवों का जीवन खतरे में पड़ गया है।
दरअसल सिंध नदी के किनारों पर रेत उठाने का ठेका हुआ है, लेकिन किनारों पर रेत नहीं है, जिसके चलते पिछले 20 साल से सिंध में पनडुब्बी से ही रेत का खनन चल रहा है, जो पूर्ण रूप से अवैध व प्रतिबंधित है, लेकिन पनडुब्बी से रेत की लूट के खेल को बंद नहीं कर पाए हैं। कम होने की बजाए बढ़ता जा रहा है। पत्रिका टीम ने डबरा व भितरवार में नदी में चल रहे खनन की हकीकत देखी तो नदी से करोड़ों रुपए की रेत की लूट चल रही है। इसमें पूरा सिस्टम मौन है। यदि 2024 की स्थिति देखी जाए तो 261 रेत के अवैध परिवहन के पकड़े गए थे। करीब 3 करोड़ रुपए खनिज विभाग को मिले थे।
विभाग ने ग्वालियर की खदानों का ठेका आरएसआइ वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड को 22 करोड़ रुपए में ठेका दिया है। कर्मचारी रसीद काटने बैठे हैं, लेकिन रॉयल्टी काटने में धांधली है। यदि सप्लाई डबरा में तो ट्रैक्टर व डंपर को टोकन दिया जा रहा है। यदि वाहन ग्वालियर आ रहा है तो रॉयल्टी दी जा रही है।
खनिज विभाग ने लिधोरा, गजापुर, बाबूपुर, सिली, पुट्टी, सेमरी, रायपुर, बसई, गधोटा में रेत की खदान आवंटित की है। यह खदान सिंध व पार्वती नदी पर है, लेकिन सिंध में देखा जाए तो 200 पर खनन हो रहा है। नदी के अंदर रास्ते बनाएं हैं और खेतों से होते हुए रेत निकाल रहे हैं।
कैंथोदा बाबूपुर खदान में भी पनडुब्बी नदी में थी। मौके पर मिला कोई नहीं, लेकिन रात में उत्खनन किया गया था, नदी के आसपास रेत डंप थी। पिछोर क्षेत्र के सहोना पथरियापुरा मार्ग पर पहाड़ की तरह रेत के ढेर मिले।
डबरा. 15 जून के बाद मानसून आने पर करीब 4 माह के लिए एनजीटी द्वारा नदी से रेत उत्खनन पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इससे पहले माफिया नदी से रेत निकालकर डंप कर रहे हैं, ताकि कारोबार प्रभावित ना हो। पत्रिका टीम चांदपुर सिंध नदी रेट घाट सुबह 6.50 बजे पहुंची। नदी में एक पनडुब्बी डली थी। रेत भरने एक ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी थी। चांदपुर रेत घाट तक पहुंचाने के लिए घुमावदार मार्गों से निकलना पड़ा। नदी के आसपास व मार्ग पर जगह-जगह रेत के ढेर थे।
बारिश आने से पूर्व किए तैयारी थी। वही चांदपुर तिराहे पर रेत से ओवरलोड दो ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी थी। तिराहे पर कुछ लोग खड़े थे, जो निगरानी करते हैं।
अभी रेत डंप की स्वीकृति नहीं है। हाल ही में डंप रेत पर कार्रवाई की है। अलग-अलग स्थान से 38000 घन मीटर रेत जब्त की गई है। समय-समय र कार्रवाई की जाती है।
- राजेश गंगेले, सहायक माइनिंग अधिकारी, ग्वालियर
तहसीलदार के साथ मिलकर सिंध नदी में पनडुब्बी के खिलाफ कार्रवाई की गई थी और इन्हें जब्त भी किया गया। राजस्व विभाग के साथ मिलकर फिर इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आरएसआइ वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड के पास ठेका है। ठेकेदार को डंपर लगाने की अनुमति दी गई है।
- प्रदीप भूरिया जिला खनिज अधिकारी
Published on:
12 Jun 2025 02:48 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
