प्री-स्कूल एजुकेशन किट जिला स्तर पर खरीदने को लेकर विचार -आंगनबाड़ी केंद्रों में एक साल के बच्चों का आना शुरू हो जाता है. ऐसे में ये आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करने में सहायक साबित होते हैं. इसी को देखते हुए प्री-स्कूल एजुकेशन किट तैयार किया गया है. हालांकि इससे पहले भी गड़बड़ी के आरोपों के चलते दो बार निविदा प्रक्रिया स्थगित की जा चुकी है. यही कारण है कि प्री-स्कूल एजुकेशन किट भी जिला स्तर पर खरीदने को लेकर विचार किया जा सकता है.

सोच है कि छह साल में जब बच्चा पहली कक्षा में दाखिले के लिए तैयार होता है, उससे पहले वह आंगनबाड़ी केंद्र में रहकर पढ़ाई के लिए तैयार हो जाएगा- दो साल से कोरोना संक्रमण के चलते आंगनबाड़ी केंद्र नियमित रूप से पूरी क्षमता से नहीं खुले पर अब स्थिति सामान्य हो रही है. स्कूल, कालेज के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र भी खोलने का निर्णय हो चुका है. ऐसे में किट की जरूरत महसूस होने लगी है. इसके पीछे सरकार की सोच है कि छह साल में जब बच्चा पहली कक्षा में दाखिले के लिए तैयार होता है, उससे पहले वह आंगनबाड़ी केंद्र में रहकर पढ़ाई के लिए तैयार हो जाएगा. उसे बेसिक जानकारी भी हो जाएगी.
किट में कठपुतली, गुड़िया सहित शैक्षिक खिलौने भी दिए जाएंगे- इसके लिए केंद्रों में प्री-स्कूल एजुकेशन किट दी जाएगी. इस किट में बिल्डिंग बाक्स, मोम कलर, रंगीन चार्ट पेपर, पेंसिल कलर, कलर चाक, स्लेट-पेंसिल, गोंद आदि सामग्री होती है. इसके साथ ही किट में कठपुतली, गुड़िया सहित शैक्षिक खिलौने भी दिए जाएंगे.