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एमपी में पड़ने वाली है कड़ाके की ठंड, पहाड़ों में बर्फबारी, इस दिन से गिरेगा तापमान

Severe Cold Alert : प्रदेश के 22 शहरों का तापमान तेजी से लुढ़ककर 20 डिग्री सेल्सलियस से नीचे आ गया है। जो अगले कुछ दिनों में और भी नीचे आएगा। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के चलते तापमान में गिरावट आ रही है।

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भोपाल

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Faiz Mubarak

Oct 11, 2025

Severe Cold Alert

पड़ने वाली है कड़ाके की ठंड (Photo Source- Patrika)

Severe Cold Alert :मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदलना शुरु हो गया है। प्रदेश में मानसून की विदाई के साथ साथ ही हवाओं की दिशा बदलने से दिन और रात के तापमान में गिरावट आनी शुरु हो गई है। ऐसे में भोपाल समेत प्रदेश के बड़े इलाके का तापमान गिरना शुरु हो गया है। हालात ये हैं कि, प्रदेश के 22 शहरों का तापमान तेजी से लुढ़ककर 20 डिग्री सेल्सलियस से नीचे आ पहुंचा है। जो अगले कुछ दिनों में और भी अधिक नीचे जाएगा। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के चलते तापमान में गिरावट आ रही है।

मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में रातें और भी सर्द होंगी। फिलहाल, प्रदेश में सबसे कम तापमान राजगढ़ जिले में दर्ज हुआ है। यहां न्यूनतम तापमान 14 डिग्री के करीब दर्ज किया गया है। मौसम की चाल पर गौर करें तो आज 11 अक्टूबर को प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्के बादल छा सकते हैं। वहीं, 11 से 13 अक्टूबर तक शुष्क मौसम रहेगा, जबकि 14 से बारिश की संभावना है। इसके बाद से प्रदेश में पूर्ण रूप से कड़ाके की ठंड का सिलसिला शुरु हो जाएगा।

एमपी से 24 घंटे में मानसून की पूर्ण विदाई

14 अक्टूबर से एक नया मौसमी सिस्टम सक्रिय हो सकता है, जिससे कुछ इलाकों में बादल छाने के साथ हल्की बारिश की संभावना है। दक्षिण-पश्चिम मानसून अब तक 15 जिलों से विदा हो चुका है, जिनमें उज्जैन, राजगढ़, अशोकनगर, ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर, और रतलाम शामिल हैं। अगले 24 घंटों में मानसून अन्य हिस्सों से भी विदा होने लगेगा।

हवा में आर्द्रता घट रही

मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी रेखा वेरावल, भरूच, उज्जैन, झाँसी, शाहजहाँपुर से होकर गुजर रही है। अगले 24 घंटों में गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों से मानसून की वापसी के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं। पश्चिम-मध्य अरब सागर में चक्रवाती तूफान 'शक्ति' का अवशेष एक निम्न दाब क्षेत्र के रूप में मौजूद है, जो औसत समुद्र तल से 5.8 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है। ये सिस्टम पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर बढ़ रहा है और अगले 12 घंटों में कमजोर होकर निम्न दाब क्षेत्र में बदल जाएगा। साथ ही, उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश में एक पश्चिमी विक्षोभ 1.5 से 4.5 किमी की ऊंचाई पर चक्रवाती परिसंचरण के रूप में फैला हुआ है। इन सिस्टमों के कारण हवाएं उत्तर की तरफ मुड़ रही हैं और हवा में आर्द्रता घट रही है।

देरी से जा रहा मानसून

आमतौर पर मध्य प्रदेश से मानसून 6 अक्टूबर तक विदा हो जाता है, लेकिन इस बार नए मौसमी सिस्टम के कारण देरी हुई। अब अनुकूल परिस्थितियों के साथ 12 से 14 अक्टूबर तक पूरे राज्य से मानसून की वापसी संभव है। इस वर्ष मानसून 16 जून को आया था।

सामान्य से 8 इंच ज्यादा बारिश

मध्य प्रदेश में इस बार के मानसून सत्र के दौरान औसतन 47 इंच बारिश दर्ज हुई है, जो सामान्य 37.2 इंच से 7.8 इंच ज्यादा है। ये 122 फीसदी औसत वर्षा है, जबकि पिछले साल ये 44 इंच थी। सबसे अधिक बारिश: गुना (65.6 इंच), मंडला-रायसेन (62 इंच से अधिक), श्योपुर-अशोकनगर (56 इंच से अधिक) दर्ज की गई थी।।

-सबसे कम बारिश: शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार।
-निर्धारित से अधिक बारिश: ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया, श्योपुर।
-कोटा पूरा: भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, सतना और उमरिया।