
शनि 2019 का राशिफल: 5 जनवरी को शनिश्चरी अमावस्या, जानिये क्या करें खास!
भोपाल। साल 2019 के आने में केवल दो दिन शेष बचे हैं, ऐेसे में इस साल यानि 2019 के 5वें दिन यानि 5 जनवरी को शनिश्चरी अमावस्या चतुर्ग्रही योग में मनाई जाएगी।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार इस दौरान धनु राशि में सूर्य होने के कारण धन की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी की आराधना, पितृ दोष शांति एवं शनि को प्रसन्न करने का सबसे श्रेष्ठ दिन रहेगा।
पं. शर्मा के अनुसार माना जाता है कि शनिश्चरी अमावस्या को न्याय के देवता शनिदेव सभी को अभय प्रदान करते हैं। सनातन संस्कृति में अमावस्या का विशेष महत्व है और अमावस्या अगर शनिवार के दिन पड़े तो यह अत्यधिक खास मानी जाती है।
जिन जातक की जन्मकुंडली या राशियों पर शनि की साढ़ेसाती व ढैया का प्रभाव है, वे इसकी शांति व अच्छे फल प्राप्त करने के लिए शनिश्चरी अमावस्या पर विधिवत पूजन कर पर्याप्त लाभ उठा सकते हैं।
शनिदेव का रंग श्यामवर्ण है और अमावस्या की रात्रि भी काली होती है। दोनों के ही गुणधर्म एक समान हैं। इसलिए शनिदेव को अमावस्या अधिक प्रिय है। पूर्व से ही अमावस्या पर शनिदेव का पूजन शास्त्री, आचार्य, तांत्रिक विशेष रूप से करते हैं।
शनिदेव को प्रिय है शनिश्चरी अमावस्या...
मान्यता है कि शनि की कृपा का पात्र बनने के लिए शनिश्चरी अमावस्या को सभी शनि भक्तों को विधिवत शनि आराधना करनी चाहिए। भविष्यपुराण के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या शनिदेव को अधिक प्रिय रहती है।
वहीं पंडित शर्मा कहते हैं कि जिन जातकों की कुंडली में साढ़ेसाती व ढैया का योग है। वे इस दिन शनिदेव का पूजन कर अच्छी सफलता प्राप्त करके अपने दुष्परिणामों से छुटकारा पा सकते हैं। माना जाता है कि इस दिन शनिदेव की पूजा-अर्चना करने पर शांति व अच्छे भाग्य की प्राप्ति होती है।
ज्योतिष के जानकार बीके श्रीवास्तव के अनुसार इस बार साल 2019 के प्रथम सप्ताह की 5 तारीख यानि 5 जनवरी को शनिश्चरी अमावस्या मनाई जाएगी।
इस दिन धनु राशि में सूर्य के साथ चंद्र, बुध व शनि की युति होने के कारण चतुर्ग्रही योग बन रहे हैं। वहीं धनु राशि में सूर्य ग्रह के चलते शनिश्चरी अमावस्या का महत्व सूर्य और शनि की युति के कारण और अधिक बढ़ जाता है।
धन प्राप्ति के लिए ये करें How to get money...
इस दिन धन की प्राप्ति के लिए कनक धारा स्त्रोत का पाठ, दुर्गा सप्तशती चरित्र का पाठ, अन्नपूर्णा स्त्रोत का पाठ वैदिक विधि से करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपार सम्पत्ति प्राप्त कराती हैं।
पितृ दोष मुक्ति व शनि की शांति के लिए ये करें! do it for father's liberation and Saturn peace...
पंडित शर्मा के अनुसार पितृ दोष की शांति के लिए नांदी श्राद्ध कराना चाहिए। शनि की ढैया एवं साढ़े साती की शांति के लिए शनि ग्रह के तांत्रिक एवं वैदिक बीज मंत्रों का जाप एवं शनि से संबंधित वस्तुओं जैसे काला वस्त्र, काले तिल, उड़द की दाल, सरसों का तेल, लोहे का सामान, छतरी, जूते, कंबल, भैंस, श्यामा धेनु का दान करना शुभ फल प्रदान करेगा।
2019 में कुल 8 अमावस्या महत्वपूर्ण 8 amavasya in 2019 is significant...
वहीं ज्योतिष के जानकार वी शास्त्री के अनुसार 2019 साल में तीन शनिश्चरी अमावस्या, तीन सोमवती अमावस्या, दो भौमवती अमावस्या पड़ेंगी। शनिश्चरी अमावस्या 5 जनवरी, 4 मई और 28 सितंबर को पड़ेगी। सोमवती अमावस्या 4 फरवरी, 3 जून और 28 अक्टूबर को होगी। भौमवती अमावस्या 2 जुलाई और 28 नवंबर को होगी।
शनिश्चरी अमावस्या पर यह करें विशेष...
माना जाता है कि शनिदेव को काला रंग अतिप्रिय है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए काली वस्तुओं का दान करना चाहिए। जातक अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करें। पंडित सुनील शर्मा के अनुसार शास्त्रों के मुताबिक शनि से शुभ फल पाने के लिए काली गाय का दान करना चाहिए।
: यदि काली गाय दान करने की क्षमता नहीं है तो काली गाय के निमित्त चारा दान करें या किसी गौशाला में जाकर काली गाय के महीने या सालभर के चारे के निमित्त भी धन दिया जा सकता है।
: इसी तरह कोई भी काला वस्त्र (कंबल हो तो उत्तम), काली उड़द की दाल, काले तिल, काले चमड़े का जूता या चप्पल, नमक, सरसों का तेल या अनाज का दान भी किया जा सकता है। लोहे के बर्तन में चावल भरकर दान करें। ध्यान रहे कि शनि का दान शनिवार की शाम को श्रेष्ठ माना गया है।
: यह भी ध्यान रखें कि किसी जरूरतमंद व्यक्ति को ही दान दें। इसके अलावा सरसों का तेल, फूल, व तेल से बने पकवानों का भी दान दिया जा सकता है।
शानि के बारे में वो हर बात जो आप जानना चाहते हैं :-
शनि ग्रह, कुंडली में स्थित 12 भावों पर अलग-अलग तरह से प्रभाव डालता है। इन प्रभावों का असर हमारे प्रत्यक्ष जीवन पर पड़ता है। ज्योतिष में शनि एक क्रूर ग्रह है, परंतु जिन जातकों का शनि कुंडली में मजबूत होता है, उन जातकों को इसके अच्छे परिणाम मिलते हैं जबकि कमज़ोर होने पर यह अशुभ फल देता है।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह का बड़ा महत्व है। हिन्दूज्योतिष में शनि ग्रह को आयु, दुख, रोग, पीड़ा, विज्ञान, तकनीकी, लोहा, खनिज तेल, कर्मचारी, सेवक, जेल आदि का कारक माना जाता है।
यह मकर और कुंभ राशि का स्वामी होता है। तुला राशि शनि की उच्च राशि है जबकि मेष इसकी नीच राशि मानी जाती है। शनि का गोचर एक राशि में ढ़ाई वर्ष तक रहता है। ज्योतिषीय भाषा में इसे शनि ढैय्या कहते हैं। नौ ग्रहों में शनि की गति सबसे मंद है। शनि की दशा साढ़े सात वर्ष की होती है जिसे शनि की साढ़े साती कहा जाता है।
उनके अनुसार शनि ग्रह को लेकर कई जगह नकारात्मक धारणा बनी हुई है। लोग इसके नाम से भयभीत होने लगते हैं। परंतु वास्तव में ऐसा नहीं है। ज्योतिष में शनि ग्रह को भले एक क्रूर ग्रह माना जाता है, परंतु यह पीड़ित होने पर ही जातकों को नकारात्मक फल देता है।
यदि किसी व्यक्ति का शनि उच्च हो तो वह उसे रंक से राज बना सकता है। शनि तीनों लोकों का न्यायाधीश है। वहीं उचित कर्म करने वालों को भी शनि परेशान नहीं करता, हां परीक्षा जरूर ले सकता है।
इसके अलावा शनि पुष्य, अनुराधा और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी होता है।
ज्योतिष में शनि ग्रह को लेकर ऐसा कहा जाता है कि जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में शनि ग्रह लग्न भाव में होता है तो सामान्यतः अनुकूल नहीं माना जाता है।
लग्न भाव में शनि जातक को आलसी, सुस्त और हीन मानसिकता का बनाता है। इसके कारण व्यक्ति का शरीर व बाल खुश्क होते हैं। शरीर का वर्ण काला होता है। हालांकि व्यक्ति गुणवान होता है। शनि के प्रभाव से व्यक्ति एकान्त में रहना पसंद करता है।
मजबूत शनि के असर Effects of strong shani-
ज्योतिष में शनि ग्रह बली हो तो व्यक्ति को इसके सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं। तुला राशि में शनि उच्च का होता है। यहां शनि के उच्च होने से मतलब उसके बलवान होने से है। इस दौरान यह जातकों को कर्मठ, कर्मशील और न्यायप्रिय बनाता है।
इसके प्रभाव से व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में सफलता प्रदान मिलती है। यह व्यक्ति को धैर्यवान बनाता है और जीवन में स्थिरता बनाए रखता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति की उम्र में वृद्धि होती है।
पीड़ित शनि Effects of Weak shani i -
जबकि दूसरी ओर पीड़ित शनि व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की परेशानियों को पैदा करता है। यदि शनि मंगल ग्रह से पीड़ित हो, तो यह जातकों के लिए दुर्घटना और कारावास जैसी परिस्थितियों का योग बनाता है। इस दौरान जातकों को शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए शनि के उपाय करना चाहिए।
शनि से जुड़ी ये खास चीजें...
रत्न - नीलम : रुद्राक्ष - सात मुखी रुद्राक्ष : जड़ी - धतूरे की जड़
शनि का वैदिक मंत्र :
ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।
शं योरभि स्त्रवन्तु न:।।
शनि का तांत्रिक मंत्र :
ॐ शं शनैश्चराय नमः।।
शनि का बीज मंत्र :
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
पंडित सुनील शर्मा के मुताबिक पौराणिक शास्त्रों में शनि को सूर्य देव का पुत्र माना गया है। शास्त्रों में ऐसा वर्णन आता है कि सूर्य ने श्याम वर्ण के कारण शनि को अपना पुत्र मानने से इंकार कर दिया था। तभी से शनि सूर्य से शत्रु का भाव रखते हैं।
हाथी, घोड़ा, मोर, हिरण, गधा, कुत्ता, भैंसा, गिद्ध और काैआ शनि की सवारी हैं। शनि इस पृथ्वी में सामंजस्य को बनाए रखता है और जो व्यक्ति के बुरे कर्म करता है वह उसको दण्डित करता है। हिन्दूधर्म में शनिवार के दिन लोग शनि देव की आराधना में व्रत धारण करते हैं तथा उन्हें सरसों का तेल अर्पित करते हैं।
शनि गोचर 2019...
शनि गोचर अर्थात शनि का राशि परिवर्तन वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। ज्योतिष शास्त्र में शनि को कर्म, सेवा, नौकरी और लोकतांत्रिक संस्थाओं का कारक माना जाता है। इसलिए यह मनुष्य के कॅरियर व आजीविका को प्रभावित करता है। शनि ग्रह की चाल धीमी होती है इसलिए इसके परिणाम भी ठोस और स्थिर होते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में शनि को सूर्य पुत्र, शनिश्चर, छायापुत्र और मंद आदि नामों से जाना जाता है। यह मकर और कुंभ राशि का स्वामी है। सूर्य, चंद्रमा और मंगल को शनि शत्रु मानता है। जबकि बुध और शुक्र को मित्र व बृहस्पति के साथ सम भाव रखता है।
शनि का 2019 में राशियों को फल horoscope and rashifal of shanidev on 2019...
वर्ष 2019 में कर्म का स्वामी शनि धनु राशि में ही स्थित रहेगा। इस दौरान 30 अप्रैल को शनि वक्री गति करेगा और 18 सितंबर को धनु राशि में पुनः मार्गी हो जाएगा। इसी वर्ष शनि 20 जनवरी तक अस्त रहेगा यानि उसका प्रभाव कम हो जाएगा।
वहीं साल के अंत में 27 दिसंबर को शनि पुनः अस्त होगा और 31 जनवरी 2020 तक इसी स्थिति में रहेगा। इस साल शनि ज्यादातर समय पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में स्थित रहेगा और 27 दिसंबर 2019 को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में प्रवेश करेगा।
ज्योतिष बीके श्रीवास्तव के अनुसार साल 2019 में शनि की स्थिति आपके जीवन को कई तरह से प्रभावित करेगी, साथ ही आपके कॅरियर, नौकरी, व्यवसाय, शिक्षा और पारिवारिक जीवन पर इसका असर होगा। तो आइये जानते हैं आपकी राशि पर 2019 में शनि का असर...
1. मेष राशि:
इस राशि के जातकों के लिए शनि दशम और एकादश भाव का स्वामी है। ये भाव क्रमश: व्यवसाय, आमदनी, वृद्धि और कर्म आदि से संबंधित हैं। वर्ष 2019 में शनि गोचर की अवधि का समय आपके लिए थोड़ा कठिन हो सकता है। किसी भी परिस्थिति में हार न मानें और निराश न होएं।
इस मुश्किल समय में आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको कड़ी मेहनत और लगन से काम करना होगा। इस वर्ष जून महीने तक आपके करियर की रफ्तार थोड़ी सुस्त रह सकती है। वहीं जून से अक्टूबर के बीच करियर और आय में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
जबकि अक्टूबर के बाद परिस्थितियां बदल जाएगी और आपको भाग्य का साथ मिलेगा। इस अवधि में आप किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा में विजयी होंगे। साथ ही आप अपने विरोधियों को हरा देंगे।
उपाय: गाय को घी लगी रोटी खिलाएं।
2. वृषभ राशि:
वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि देव नवम और दशम भाव के स्वामी हैं। ये भाव भाग्य, प्रसिद्धि, व्यवसाय और कर्म से संबंधित होते हैं।
वर्ष 2019 में शनि का राशि परिवर्तन आपके कॅरियर के लिए अच्छा रहने वाला है।
जून से अक्टूबर की अवधि आपके करियर के लिए सबसे अच्छा समय सिद्ध होगा। हालांकि अक्टूबर के बाद आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं निवेश के लिए यह समय बिल्कुल सही नहीं होगा। इस दौरान भाग्य आपका साथ नहीं देगा और आपको धन हानि हो सकती है। इस दौरान विवादों से बचें वरना लोगों से आपके रिश्तों में खटास आ सकती है।
उपाय:काले कपड़े और जूते का दान करें।
3. मिथुन राशि :
मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि अष्टम और नवम भाव का स्वामी है। ये भाव दीर्घायु, बड़े परिवर्तन, भाग्य और प्रसिद्धि से संबंधित होते हैं।
साल 2019 में शनि गोचर मिथुन राशि के जातकों के लिए लाभकारी रहने वाला है।
इस वर्ष आपके सभी तरह के विवादों का अंत हो जाएगा। कानूनी मामलों में यह साल आपके लिए अच्छा रहने वाला है। क्योंकि भाग्य का साथ मिलने से कोई फैसला आपके पक्ष में आ सकता है। इस साल शनि की कृपा से निजी और पेशेवर जिंदगी में आप उन्नति करेंगे।
साल 2019 में शनि के गोचर के प्रभाव से यह वर्ष निवेश के लिए भी बेहतर रहने वाला है। इस दौरान आपको किसी भी तरह की आर्थिक हानि का सामना नहीं करना पड़ेगा। आपको अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में संतुलन स्थापित करने में मदद मिलेगी।
उपाय:मध्य अंगुली में काले घोड़े की नाल की अंगूठी पहनें।
4. कर्क राशि :
कर्क राशि के जातकों के लिए शनि देव सप्तम और अष्टम भाव के स्वामी हैं। सप्तम भाव विवाह, जीवनसाथी और साझेदारी से संबंधित होता है जबकि अष्टम भाव बड़े परिवर्तन और दीर्घायु का प्रतिनिधित्व करता है। इस अवधि में बेवजह के विवादों से बचने की कोशिश करें।
यह समय आपके स्वास्थ्य के लिए भी शुभ संकेत नहीं दे रहा है। इस वर्ष शनि के प्रभाव की वजह से आपको लगातार यात्राएं करनी पड़ सकती है। कर्क राशि के जातकों को इस साल मानसिक तनाव का सामना भी करना पड़ सकता है। इस दौरान विवाद से बचें। बेहतर होगा कि संयम के साथ काम लें और क्रोध बिल्कुल न करें।
उपाय:पक्षियों को सात तरह के अनाज खिलाएं।
5. सिंह राशि :
इस राशि के जातकों के लिए शनि देव षष्ठम और सप्तम भाव के स्वामी हैं। कुंडली में छठा भाव संघर्ष, शत्रु और रोग से संबंधित होता है। वहीं सातवां भाव विवाह, जीवनसाथी और साझेदारी को दर्शाता है।
2019 में आपको अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा, इसलिए बेवजह के खर्चों पर लगाम लगाएं। पैसों की बचत करें और आने वाले कल को संवारें। यदि आप व्यवसाय कर रहे हैं तो यह साल बिजनेस के लिहाज से एकदम अच्छा रहने वाला है। क्योंकि इस साल आपको कई अच्छे अवसर मिलेंगे।
यदि इस साल आप कोई नया व्यवसाय शुरू करते हैं तो इसमें आपको लाभ की प्राप्ति होगी। वहीं नौकरी पेशा जातकों को इस वर्ष पदोन्नति की सौगात मिल सकती है या आपको नई नौकरी का ऑफर मिलने की भी संभावना है। इस साल आप सेहतमंद रहेंगे। यदि आप अविवाहित हैं या आपका प्रेम प्रसंग चल रहा है तो इस साल आप शादी के बंधन में बंध सकते हैं।
उपाय:पीपल के पेड़ के नीच सरसों के तेल का दीया जलाएं।
6. कन्या राशि :
कन्या राशि के जातकों के लिए शनि देव पंचम और षष्ठम भाव के स्वामी हैं। ये भाव क्रमशः शिक्षा, पितृत्व, रोग,संघर्ष और शत्रुओं से संबंधित होता है।
शनि गोचर के दौरान साल 2019 में आप अपने निवास स्थान में परिवर्तन कर सकते हैं। कॅरियर के क्षेत्र में भी उन्नति और वृद्धि देखने को मिलेगी। हालांकि इसके लिए आपको कड़ा परिश्रम करना होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
इस साल आप किसी भी तरह का निवेश करने से बचें। वहीं प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों में भी विवाद की स्थिति बन सकती है।
उपाय:शनिवार के दिन हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं।
7. तुला राशि :
तुला राशि वालों के लिए शनि देव चतुर्थ और पंचम भाव के स्वामी हैं। ये भाव क्रमशः मां, हर्ष, वाहन, शिक्षा, पितृत्व आदि से संबंधित होते हैं। तुला राशि वाले जातकों के लिए शनि योग कारक ग्रह है, जो कि आपके लिए लाभकारी है।
साल 2019 में शनि गोचर के प्रभाव से छात्रों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन अवसर मिल सकते हैं। यदि आप स्वयं का व्यवसाय कर रहे हैं, तो आप अपने बिजनेस को विस्तार देने की योजना बना सकते हैं। आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और इसका लाभ आपको अपनी प्रोफेशनल लाइफ में देखने को मिलेगा।
पूंजी निवेश करने से बेहतर रिटर्न प्राप्त होंगे। इस वर्ष आपकी स्मरण शक्ति और इच्छा बल में वृद्धि होगी। इस वर्ष शनि का गोचर पैसों के मामलों में आपको मिश्रित परिणाम देगा। आपकी आमदनी और खर्च दोनों में बढ़ोत्तरी होगी।
उपाय:बंदर और कुत्तों को लड्डू खिलाएं।
8. वृश्चिक राशि:
इस राशि के जातकों के लिए शनि देव तृतीय और चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। ये भाव जीवन में प्रयास, मॉं, भाई-बहन, संचार और हर्ष से संबंधित होते हैं।
2019 में सफलता, धन और समृद्धि पाने के लिए आपको कड़ा परिश्रम करना होगा। असफलता मिलने के बाद भी अपने प्रयास जारी रखें।
कॅरियर में बेहतर अवसर मिल सकते हैं या फिर कामकाज के सिलसिले में आपको विदेश यात्रा करने का अवसर भी मिल सकता है।
इस वर्ष निवेश संबंधी मामलों में सफलता मिलने की संभावना है। शनि के गोचर के दौरान इस साल परिवार से जुड़े विवाद और मामलों में न उलझें। कुछ भी बोलने से पहले अच्छे सोचें और अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें अन्यथा विवाद की स्थिति पैदा हो सकती है।
उपाय: रोगियों की सेवा करें।
9. धनु राशि:
धनु राशि के जातकों के लिए शनि देव द्वितीय और तृतीय भाव के स्वामी हैं। ये भाव क्रमशः भाषा, धन, परिवार, भाई-बहन, प्रयास और संचार से संबंधित होते हैं। शनि आपकी ही चंद्र राशि में गोचर कर रहा है और इसका आपके जीवन पर गहरा प्रभाव होगा। इस अवधि में आप कोई निवेश संबंधी योजना बना सकते हैं।
इस वर्ष अपनी भाषा पर संयम रखें और सोच-समझकर बोलें। वैवाहिक जीवन में भी संभलकर चलने की जरुरत होगी। वैवाहिक जीवन में होने वाले हर विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाएं।
अगर आप काम के प्रति ईमानदार हैं तो इस अवधि में आप कार्यस्थल पर अच्छा कार्य करेंगे और अपने काम से आपको खुशी मिलेगी। संतुलित भोजन और नियमित व्यायाम आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी रहेगा। शनि के गोचर की इस अवधि में आपके भाई-बहनों को करियर के क्षेत्र में तरक्की मिलेगी।
उपाय:मांसाहार और शराब के सेवन से परहेज करें।
10. मकर राशि:
इस राशि वाले जातकों के लिए शनि देव लग्न और द्वितीय भाव के स्वामी हैं। कुंडली में लग्न और द्वितीय भाव चरित्र, दीर्घायु, व्यक्तित्व, परिवार, धन और भाषा से संबंधित होते हैं। अगर आप एक छात्र हैं तो इस वर्ष उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा सकते हैं।
शनि के गोचर की इस अवधि में आपको खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा। इस वर्ष विदेश यात्रा पर जाने की संभावना भी बन रही है। ये यात्रा कामकाज या अन्य कार्य के सिलसिले में हो सकती है।
शनि की कृपा से वर्ष 2019 में आप करियर के क्षेत्र में उन्नति करेंगे। नौकरी पेशा जातकों का प्रमोशन संभव है। वहीं कार्यस्थल पर आपकी मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। इस साल किसी भी तरह के कानूनी विवाद से दूर रहने की कोशिश करें।
उपाय:जटा वाले नारियल नदी में प्रवाहित करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें।
11. कुंभ राशि:
कुंभ राशि के जातकों के लिए कर्म का कारक कहा जाने वाला शनि लग्न और द्वादश भाव का स्वामी है। ज्योतिष में द्वादश भाव हानि, खर्च, चिकित्सा और शयन सुख से संबंधित होता है। वहीं लग्न यानि प्रथम भाव मनुष्य के चरित्र, दीर्घायु और व्यक्तित्व को दर्शाता है।
शनि के गोचर की इस अवधि में आपको कार्यस्थल पर अनेक अवसर मिलेंगे। यह समय आपके लिए हर मामले में बेहद शुभ साबित होगा।
आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और पहले की तुलना में आप स्वयं को अधिक ऊर्जावान महसूस करेंगे। शनि के प्रभाव से इस वर्ष आपका झुकाव आध्यात्मिक कार्यों की ओर बढ़ेगा।
वहीं इस साल आपको कोई बड़ा धन लाभ होने की संभावना है। इस अवधि में आपके रिश्तों में एक मजबूती आएगी। यदि आप छात्र हैं तो इस वर्ष आप अपना अध्ययन सतत रूप से जारी रखेंगे। हालांकि इस दौरान कुछ नया होने की संभावना कम है।
उपाय: मंदिर में सरसों के तेल का दान करें।
12. मीन राशि:
इस यानि मीन राशि के जातकों के लिए शनि देव एकादश और द्वादश भाव के स्वामी हैं। ज्योतिष में एकादश भाव सफलता, वृद्धि और आय से संबंधित है। वहीं द्वादश भाव हानि, खर्च, रोग और शयन सुख को दर्शाता है।
2019 में शनि के गोचर की अवधि में आपको अपने कड़े परिश्रम का अच्छा परिणाम मिल सकता है। किसी भी तरह के निवेश के लिए यह समय न तो अच्छा है और न बुरा है। इस साल नौकरी में परिवर्तन करना आपकी प्रोफेशनल ग्रोथ के लिए अच्छा सिद्ध होगा।
शनि के गोचर की इस अवधि में आप देश-विदेश की यात्रा कर सकते हैं। आय की तुलना में आपके खर्च बढ़ सकते हैं इसलिए फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखें। इस अवधि में आपको अपने वैवाहिक जीवन पर अधिक ध्यान देना होगा।
उपाय:शनिवार के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।
Updated on:
29 Dec 2018 07:01 pm
Published on:
29 Dec 2018 05:53 pm
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